निवाड़ी। यूपी के सात और मध्य प्रदेश के छह जिलों में फैले बुंदेलखंड को अलग राज्य घोषित किए जाने की मांग करीब दो दशक से की जा रही है, लेकिन प्रमुख राजनीतिक दलों की दिलचस्पी नहीं होने के कारण यह कभी चुनावी मुद्दा नहीं बन पाया. वहीं दोनों राज्यों से 7-7 जिलों को जोड़कर बुंदेलखंड राज्य बनाने की मांग कर रहे हिंदू सत्यनाथ इन जिलों का सघन दौरा कर रहे हैं.
इसी दौरान आज ईटीवी भारत संवाददाता से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि इन जिलों के किसान, बेरोजगार युवा जो बाहर मजदूरी करने के लिए जाते हैं बुंदेलखंड राज्य बनने से राज्य में उद्योग स्थापित होंगे, जिससे सभी लोगों को यहीं काम मिलेगा और किसी को क्षेत्र से बाहर मजदूरी करने नहीं जाना पड़ेगा.
आपको बता दें कि यूपी के सात और मध्य प्रदेश के छह जिलों में फैले बुंदेलखंड को अलग राज्य घोषित किए जाने की मांग करीब दो दशक से की जा रही है, लगभग 70 हजार वर्ग किलोमीटर में फैले, दो करोड़ आबादी वाले इस क्षेत्र का दायरा उत्तर प्रदेश के बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, जालौन, झांसी तथा ललितपुर जिले एवं मध्य प्रदेश के टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, पन्ना, सागर और दतिया तक है.