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बुंदेलखंड की अयोध्या: विवाह पंचमी को लेकर राजा राम मंदिर की सजावट शुरू

पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार, त्रेता युग में इसी दिन भगवान श्री राम और माता सीता का विवाह (Ram Vivah) संपन्‍न हुआ था. यहीं वजह है कि विवाह पंचमी के मद्देनजर बुंदेलखंड की अयोध्या को सजाया जा रहा है.

Ayodhya decoration of Bundelkhand in full swing
बुंदेलखंड की अयोध्या की सजावट जोरों पर
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Published : Dec 18, 2020, 12:37 PM IST

निवाड़ी। बुंदेलखंड की अयोध्या ओरछा विवाह पंचमी के उपलक्ष्य में दुल्हन की तरह सजाया जा रही है. नगर में चारों ओर मंदिर प्रबंधन के द्वारा विशेष सजावट की जा रही है. यही एक अवसर है जब भगवान राम मंदिर के बाहर निकल कर अपने भक्तों को दर्शन देते हैं और दूल्हा बनते हैं. पूरे वैवाहिक कार्यक्रम बुंदेली रीति रिवाज के अनुसार किये जा रहे हैं. भगवान का तेल एवं कल मंडप किया जाएगा और शनिवार को सायं की आरती के बाद भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण के साथ पालकी में विराजमान होकर पूरे नगर भ्रमण करते हुए जानकी जू मंदिर पहुंचेंगे. जहां उनका बुंदेली रीति रिवाज के अनुसार टीका एवं पाणिग्रहण संस्कार करवाया जाएगा.

राजा राम मंदिर

कोरोना के चलते बारात का स्वरूप बदला

कोरोना के चलते कम लोगों की रहेगी व्यवस्था लोगों के आने का आंदेशा है. मंदिर के व्यवस्था प्रभारी राम राज गुप्ता ने बताया कि कोविड के चलते प्रशासन ने व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने की तैयारी कर ली है. लोगों की भावनाओं को देखते हुए बारात का स्वरूप पहले जैसा ही होगा पर इस बार मंडप की पंगत जो कि हर साल 80 से 90 हजार लोगों की होती थी. इस बार छोटे स्वरूप में मात्र प्रसाद वितरण तक ही सीमित रहेगी.

450 साल से चली आ रही है परंपरा

व्यवस्था में भंडारा बना रहे भंडारी संजय जैन बताते हैं कि इस साल केवल 50 क्विंटल बूंदी प्रसाद बनाने का आदेश उन्हें प्रशासन से मिला है. जो प्रसाद दर्शनार्थियों को प्रशासन के द्वारा उचित सुरक्षा व्यवस्था और कोरोना के नियमों को ध्यान में रखते हुए बटवाया जाएगा. जानकी जू मंदिर के पुजारी हरीश दुबे बताते हैं कि यह परंपरा ओरछा में लगभग 450 साल से चली आ रही है एवं उनका दुबे परिवार इस परंपरा का उसी समय से निर्वहन करता आ रहा है.

निवाड़ी। बुंदेलखंड की अयोध्या ओरछा विवाह पंचमी के उपलक्ष्य में दुल्हन की तरह सजाया जा रही है. नगर में चारों ओर मंदिर प्रबंधन के द्वारा विशेष सजावट की जा रही है. यही एक अवसर है जब भगवान राम मंदिर के बाहर निकल कर अपने भक्तों को दर्शन देते हैं और दूल्हा बनते हैं. पूरे वैवाहिक कार्यक्रम बुंदेली रीति रिवाज के अनुसार किये जा रहे हैं. भगवान का तेल एवं कल मंडप किया जाएगा और शनिवार को सायं की आरती के बाद भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण के साथ पालकी में विराजमान होकर पूरे नगर भ्रमण करते हुए जानकी जू मंदिर पहुंचेंगे. जहां उनका बुंदेली रीति रिवाज के अनुसार टीका एवं पाणिग्रहण संस्कार करवाया जाएगा.

राजा राम मंदिर

कोरोना के चलते बारात का स्वरूप बदला

कोरोना के चलते कम लोगों की रहेगी व्यवस्था लोगों के आने का आंदेशा है. मंदिर के व्यवस्था प्रभारी राम राज गुप्ता ने बताया कि कोविड के चलते प्रशासन ने व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने की तैयारी कर ली है. लोगों की भावनाओं को देखते हुए बारात का स्वरूप पहले जैसा ही होगा पर इस बार मंडप की पंगत जो कि हर साल 80 से 90 हजार लोगों की होती थी. इस बार छोटे स्वरूप में मात्र प्रसाद वितरण तक ही सीमित रहेगी.

450 साल से चली आ रही है परंपरा

व्यवस्था में भंडारा बना रहे भंडारी संजय जैन बताते हैं कि इस साल केवल 50 क्विंटल बूंदी प्रसाद बनाने का आदेश उन्हें प्रशासन से मिला है. जो प्रसाद दर्शनार्थियों को प्रशासन के द्वारा उचित सुरक्षा व्यवस्था और कोरोना के नियमों को ध्यान में रखते हुए बटवाया जाएगा. जानकी जू मंदिर के पुजारी हरीश दुबे बताते हैं कि यह परंपरा ओरछा में लगभग 450 साल से चली आ रही है एवं उनका दुबे परिवार इस परंपरा का उसी समय से निर्वहन करता आ रहा है.

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