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मिलवाटी गेहूं बेचने के आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज, SC ने वकील से कहा- गेहूं खाइए फिर विचार करेंगे - सुप्रीम कोर्ट

गेहूं पर गोल्ड कलर चढ़ाकर बेचने के 2 आरोपियों की जमानत अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. कोर्ट ने मिलवाट को बेहद गंभीर मानते हुए जमानत अर्जी रिजेक्ट कर दी.

Supreme Court rejects bail plea of accused of selling adulterated wheat
मिलवाटी गेहूं बेचने के आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज
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Published : Jun 11, 2021, 5:43 PM IST

नीमच। जिले में गेंहू पर गोल्ड कलर चढ़ाने के मामले में फरार चल रहे 2 आरोपियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने पक्ष के वकील से कहा कि क्या आप अपने क्लाइंट का खाद्य पदार्थ खाने को तैयार है. गौरतलब हैं कि नीमच में 4 दिसम्बर को दशिल एग्रो प्लांट से खाघ सुरक्षा अधिकारी सजीव मिश्रा ने करीब 30 किलो के 25 हजार गेहूं के कट्टे जब्त किए गए थे. साथ ही 50 किलो गोल्डन कलर भी मौके पर रखा मिला. उसे ज़ब्त कर लिया गया है. गेहूं पर भी कलर चढ़ाने का मामला पहली बार सामने आया था. सड़े गले गेंहू पर जहरीला गोल्डन कलर चढ़ाकर उन्हें बेस्ट क्वालिटी का बताकर मार्केट में सप्लाई किया जा रहा था.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केवल भारत में हम स्वास्थ्य चिंताओं को लेकर उदासीन है. खाद्य पदार्थ में मिलावट के एक मामले में आरोपी की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वकील से कहा, कि क्या आप अपने क्लाइंट का खाद्य पदार्थ खाने को तैयार हैं. सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस इंदिरा बनर्जी की अगुवाई वाली बेंच के सामने मध्यप्रदेश के नीमच जिले के 2 याचिकाकर्ता प्रवर गोयल और विनित गोयल की ओर से अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की गई थी. मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि आपकी अर्जी पर हम विचार करने के लिए तैयार हो जाएंगे अगर आप या आपकी फैमिली उस खाद्य सामग्री को खाने के लिए तैयार हैं जो आपका क्लाइंट बेचता है.

चुप हो गए याचिकाकर्ता के वकील

याचिकाकर्ता के वकील इस पर चुप से हो गए, फिर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह अग्रिम जमानत की अर्जी पर विचार के लिए तैयार नहीं हैं. तब याचिकाकर्ता ने कहा कि वह अर्जी वापस लेना चाहते है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका कर्ता के वकील से कहा कि क्या आप और आपकी फामिली ये सामग्री खाने को तैयार है अगर हां तो हम जमानत के लिए तैयार है अदालत ने कहा कि आपको जवाब देने में दिक्कत क्यों हो रही है लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया जाए? हम आपकी अर्जी पर क्यों विचार करें.

गेहूं में रेत मिलाने का मामला, कृषि मंत्री ने कहा- दोषियों पर रासुका लगाई जाएगी

अग्रिम जमानत खारिज

याचिकाकर्ता के वकील ने मामले की सुनवाई के दौरान गुहार लगाई थी कि खाद्य पदार्थ में मिलावट का मामला जमानती है. ऐसे में उनके क्लाइंट के गिरफ्तारी का औचित्य नहीं है .धोखाधड़ी का भी आरोप है और वह गैर जमानती है. ऐसे में अग्रिम जमानत दी जानी चाहिए, दोनों आरोपियों पर आरोप है कि दोनों पॉलिश वाले गेहूं बेचते थे उसमें किया जाने वाला रंग रोगन खाने वाले नहीं थे. दिसंबर में हुई रेड में सैकड़ों किलोग्राम पॉलिस किया हुआ गेहूं बरामद किया गया था दोनों पर मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचेन का आरोप लगाया गया है सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्वास्थ्य के मामले में सिर्फ भारत में लिबरल रवैया है.

ये था पूरा मामला

नीमच में खाघ सुरक्षा अधिकारी सजीव मिश्रा ने मुखबिर सूचना पर 5 दिसम्बर को कार्यवही करते हुए प्लांट में रखे गेहूं में से 5 प्रकार के नमूने लिये गये हैं. इसमें से एक नमूना कलर और पॉलिश किए जा रहे गेहूं का है. ये गेहूं अलग अलग ब्रांड्स के नाम से पैक कर रखे थे. गेहूं के काफी ब्रांड्स के नाम पर यहां माल भरा मिला. इनमें झिलमिल, प्रतिष्ठा, अमूल सहित कई कंपनियों के गेहूं पाए गए थे. उन सभी ब्रांड्स के पैक में यह कलर और पालिश वाला हानिकारक गेहूं बेचा जा रहा था.

नीमच। जिले में गेंहू पर गोल्ड कलर चढ़ाने के मामले में फरार चल रहे 2 आरोपियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने पक्ष के वकील से कहा कि क्या आप अपने क्लाइंट का खाद्य पदार्थ खाने को तैयार है. गौरतलब हैं कि नीमच में 4 दिसम्बर को दशिल एग्रो प्लांट से खाघ सुरक्षा अधिकारी सजीव मिश्रा ने करीब 30 किलो के 25 हजार गेहूं के कट्टे जब्त किए गए थे. साथ ही 50 किलो गोल्डन कलर भी मौके पर रखा मिला. उसे ज़ब्त कर लिया गया है. गेहूं पर भी कलर चढ़ाने का मामला पहली बार सामने आया था. सड़े गले गेंहू पर जहरीला गोल्डन कलर चढ़ाकर उन्हें बेस्ट क्वालिटी का बताकर मार्केट में सप्लाई किया जा रहा था.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केवल भारत में हम स्वास्थ्य चिंताओं को लेकर उदासीन है. खाद्य पदार्थ में मिलावट के एक मामले में आरोपी की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वकील से कहा, कि क्या आप अपने क्लाइंट का खाद्य पदार्थ खाने को तैयार हैं. सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस इंदिरा बनर्जी की अगुवाई वाली बेंच के सामने मध्यप्रदेश के नीमच जिले के 2 याचिकाकर्ता प्रवर गोयल और विनित गोयल की ओर से अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की गई थी. मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि आपकी अर्जी पर हम विचार करने के लिए तैयार हो जाएंगे अगर आप या आपकी फैमिली उस खाद्य सामग्री को खाने के लिए तैयार हैं जो आपका क्लाइंट बेचता है.

चुप हो गए याचिकाकर्ता के वकील

याचिकाकर्ता के वकील इस पर चुप से हो गए, फिर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह अग्रिम जमानत की अर्जी पर विचार के लिए तैयार नहीं हैं. तब याचिकाकर्ता ने कहा कि वह अर्जी वापस लेना चाहते है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका कर्ता के वकील से कहा कि क्या आप और आपकी फामिली ये सामग्री खाने को तैयार है अगर हां तो हम जमानत के लिए तैयार है अदालत ने कहा कि आपको जवाब देने में दिक्कत क्यों हो रही है लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया जाए? हम आपकी अर्जी पर क्यों विचार करें.

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अग्रिम जमानत खारिज

याचिकाकर्ता के वकील ने मामले की सुनवाई के दौरान गुहार लगाई थी कि खाद्य पदार्थ में मिलावट का मामला जमानती है. ऐसे में उनके क्लाइंट के गिरफ्तारी का औचित्य नहीं है .धोखाधड़ी का भी आरोप है और वह गैर जमानती है. ऐसे में अग्रिम जमानत दी जानी चाहिए, दोनों आरोपियों पर आरोप है कि दोनों पॉलिश वाले गेहूं बेचते थे उसमें किया जाने वाला रंग रोगन खाने वाले नहीं थे. दिसंबर में हुई रेड में सैकड़ों किलोग्राम पॉलिस किया हुआ गेहूं बरामद किया गया था दोनों पर मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचेन का आरोप लगाया गया है सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्वास्थ्य के मामले में सिर्फ भारत में लिबरल रवैया है.

ये था पूरा मामला

नीमच में खाघ सुरक्षा अधिकारी सजीव मिश्रा ने मुखबिर सूचना पर 5 दिसम्बर को कार्यवही करते हुए प्लांट में रखे गेहूं में से 5 प्रकार के नमूने लिये गये हैं. इसमें से एक नमूना कलर और पॉलिश किए जा रहे गेहूं का है. ये गेहूं अलग अलग ब्रांड्स के नाम से पैक कर रखे थे. गेहूं के काफी ब्रांड्स के नाम पर यहां माल भरा मिला. इनमें झिलमिल, प्रतिष्ठा, अमूल सहित कई कंपनियों के गेहूं पाए गए थे. उन सभी ब्रांड्स के पैक में यह कलर और पालिश वाला हानिकारक गेहूं बेचा जा रहा था.

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