ETV Bharat / state

भगवान भरोसे चल रहा है प्राथमिक विद्यालय, दो महीने से अवकाश पर हैं अध्यापक

सरकार शिक्षा को लेकर दावे तो बड़े-बड़े तो करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर ये दावे खोखले ही नजर आते हैं. नीमच जिले के सावन गांव के सरकारी स्कूल एक ही शिक्षका के भरोसे चल रहा है.आलम ये है कि स्कूल खुले तीन महीने होने के बावजूद बच्चों की किताबें तक नहीं खुली है.

सरकारी स्कूलों में शिक्षिकों का टोटा
author img

By

Published : Aug 29, 2019, 1:02 PM IST

नीमच। सरकारी स्कूलों में शिक्षा का हाल बेहाल है. सावन गांव के माध्यमिक स्कूल में शिक्षकों का भारी टोटा हैं. आलम ये है कि पूरे स्कूल में एक ही दिव्यांग शिक्षिका है. जो चार कक्षाओं को पढ़ा रही है. स्कूल में 91 नौनिहाल पढ़ते हैं. ऐसे में आप खुद अंदाजा लगा सकते है कि आखिर एक शिक्षक चार कक्षाओं के छात्रों को कैसे पढ़ा पाती होगी.

सरकारी स्कूलों में शिक्षिकों का टोटा

सबसे बड़ी बात ये है कि शिक्षण सत्र के तीन महीने पूरे हो गये हैं, लेकिन सावन गांव के सरकारी माध्यमिक स्कूल में बच्चों के पाठयक्रम की किताबें तक नहीं खुली हैं. अभिभावकों का कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह दूसरे स्कूल में पढ़ा सकें. ऐसे में परिजनों को बच्चों का भविष्य चौपट होता दिखाई दे रहा है. वहीं जिम्मेदार अधिकारी का कहना है कि स्कूल में शिक्षकों की व्यवस्था कर दी गई है. हालांकि कहने को स्कूल में दो और शिक्षक हैं, लेकिन वो लंबे समय से अस्वस्थ बताये जा रहे हैं. जबकि छात्रों का कहना है कि स्कूल में एक की शिक्षक है वो भी कभी क्लास में कभी- कभी पढ़ाने आती हैं.

लिहाजा शिक्षकों की कमी के चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. जाहिर है कि ऐसे में नौनिहालों का भविष्य खतरे में है. भगवान भरोसे छात्रों का भविष्य चल रहा है. अभिभावक बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं. जहां बच्चे और उनके परिजन एक सुनहरे भविष्य की कामना करते हैं और चाहते हैं कि वे पढ़- लिखकर कुछ बन सकें. अपनी और अपने परिवार की ख्वाहिशों को पूरा कर सकें. समाज और देश के लिए कुछ कर सकें. लेकिन बिना अच्छी बेसिक पढ़ाई के ये संभव नहीं है. ऐसे में जिले में शिक्षा का ये हाल उन्हें मायूस करता है.

नीमच। सरकारी स्कूलों में शिक्षा का हाल बेहाल है. सावन गांव के माध्यमिक स्कूल में शिक्षकों का भारी टोटा हैं. आलम ये है कि पूरे स्कूल में एक ही दिव्यांग शिक्षिका है. जो चार कक्षाओं को पढ़ा रही है. स्कूल में 91 नौनिहाल पढ़ते हैं. ऐसे में आप खुद अंदाजा लगा सकते है कि आखिर एक शिक्षक चार कक्षाओं के छात्रों को कैसे पढ़ा पाती होगी.

सरकारी स्कूलों में शिक्षिकों का टोटा

सबसे बड़ी बात ये है कि शिक्षण सत्र के तीन महीने पूरे हो गये हैं, लेकिन सावन गांव के सरकारी माध्यमिक स्कूल में बच्चों के पाठयक्रम की किताबें तक नहीं खुली हैं. अभिभावकों का कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह दूसरे स्कूल में पढ़ा सकें. ऐसे में परिजनों को बच्चों का भविष्य चौपट होता दिखाई दे रहा है. वहीं जिम्मेदार अधिकारी का कहना है कि स्कूल में शिक्षकों की व्यवस्था कर दी गई है. हालांकि कहने को स्कूल में दो और शिक्षक हैं, लेकिन वो लंबे समय से अस्वस्थ बताये जा रहे हैं. जबकि छात्रों का कहना है कि स्कूल में एक की शिक्षक है वो भी कभी क्लास में कभी- कभी पढ़ाने आती हैं.

लिहाजा शिक्षकों की कमी के चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. जाहिर है कि ऐसे में नौनिहालों का भविष्य खतरे में है. भगवान भरोसे छात्रों का भविष्य चल रहा है. अभिभावक बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं. जहां बच्चे और उनके परिजन एक सुनहरे भविष्य की कामना करते हैं और चाहते हैं कि वे पढ़- लिखकर कुछ बन सकें. अपनी और अपने परिवार की ख्वाहिशों को पूरा कर सकें. समाज और देश के लिए कुछ कर सकें. लेकिन बिना अच्छी बेसिक पढ़ाई के ये संभव नहीं है. ऐसे में जिले में शिक्षा का ये हाल उन्हें मायूस करता है.

Intro:सरकारी स्कूल में तीन माह से नहीं खुल किताबें..!
बच्चों के भविष्य पर मंडराते खतरे को लेकर अभिभावक चिंतितBody:सरकारी स्कूल

सरकारी स्कूल में तीन माह से नहीं खुल किताबें..!
बच्चों के भविष्य पर मंडराते खतरे को लेकर अभिभावक चिंतित

नीमच। शिक्षण सत्र के तीन माह पूरे हो गए हैं, मगर सरकारी माध्यमिक स्कूल सावन के बच्चों के पाठ्यक्रम की पुस्तकें तक नहीं खुल पाई है। हालत यह है कि निजी स्कूल त्रैमासिक परीक्षा ये चल रही है। सरकारी स्कूलों में तैयारियां की जा रही है। अगर नीमच जिले के सावन गांव के स्कूल में आज तक कई विषय की किताबे तक नहीं खुली है । स्कूल में कुल 91 छात्र छात्रा पढ़ते है। संख्या के मान से बच्चो 4 कक्षाओं में बाटा गया है। दो शिक्षक स्थाई रूप से अवकाश पर है और एकमात्र दिव्यांग शिक्षिका है जिन्हें केवल बच्चो को घेरे रहने के लिए भी एक क्लास से दूसरी क्लास में जाने के लिए कठिनाई होती है।एक प्रधानके भरोसे स्कूल चल रहा है। कहने को प्रधानाध्यापक है मगर वो भी लंबे समय से अस्वस्थ है। ऐसे में अभिभावक बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं।

स्कूल के हालात ऐसे हैं कि पढ़ाई तो दूर दक्षता ओर अन्य फाइलें तक कम्पलीट नहीं हो पाई है। अभिभाव को का कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह दूसरे स्कूल में पढ़ा सकें ऐसे में बच्चों का भविष्य चौपट दिखाई दे रहा है जिम्मेदार जल्द सब कुछ ठीक होने की बात कर रहे हैं।

बाइट 01 सुमित, छात्र
बाइट 02 भारत, अभिभावक
बाइट 03 पी एस गोयल जिला परियोजना समन्वयकConclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.