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नीमच के अशासकीय शिक्षण संघ ने सरकार से की ये मांग

जीरन क्षेत्र के अशासकीय शिक्षण संस्थाओं ने अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम तहसील कार्यालय में लेखापाल विजय सिंह शक्तावत को ज्ञापन सौंपकर परेशानियों का शीघ्र निराकरण की मांग की है.

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Published : Jun 23, 2020, 5:00 PM IST

नीमच। कोरोना महामारी के कारण देश भर में लॉकडाउन था, इसके कारण हर वर्ग प्रभावित हुआ है. महामारी के दौरान उपजी समस्याओं से शिक्षण संस्थाएं भी बेहाल हैं. जीरन क्षेत्र के अशासकीय शिक्षण संस्थाओं ने अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम तहसील कार्यालय में लेखापाल विजय सिंह शक्तावत को ज्ञापन सौंपकर परेशानियों का शीघ्र निराकरण की मांग की है.

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संचालकों ने मांग की है कि सत्र 2019-20 का आरटीई के अंतर्गत आने वाले समस्त नि:शुल्क प्रवेशित छात्र-छात्राओं की फीस का भुगतान संस्‍थानों को नहीं हुआ है. शासन ने जिस प्रकार किसानों, व्यापारियों व अन्य वर्गों को आर्थिक सहायता प्रदान की है. उसी प्रकार विद्यालय संचालकों व स्टाफ को भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाए. विद्यालयों के समस्त वाहनों का बीमा फिटनेस आदि एक वर्ष के लिए माफ किया जाए.

विद्यालयों में सैनिटाइजार, थर्मल स्क्रीनिंग मशीन एवं मास्क नि:शुल्क उपलब्ध करवाया जाए. कोरोना काल के दौरान अशासकीय विद्यालयों की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हुई है, इसलिए उन्हें आर्थिक पैकेज दिया जाना चाहिए. किराए के भवन में संचालित विद्यालयों का किराया राज्य शासन द्वारा जमा करवाया जाए. शासन के निर्देशों का पालन करने के बाद भी यदि कोई छात्र कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो पालकों एवं शासन द्वारा कोई दंडात्मक कार्रवाई स्कूल प्रबंधन पर नहीं किया जाए.

नीमच। कोरोना महामारी के कारण देश भर में लॉकडाउन था, इसके कारण हर वर्ग प्रभावित हुआ है. महामारी के दौरान उपजी समस्याओं से शिक्षण संस्थाएं भी बेहाल हैं. जीरन क्षेत्र के अशासकीय शिक्षण संस्थाओं ने अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम तहसील कार्यालय में लेखापाल विजय सिंह शक्तावत को ज्ञापन सौंपकर परेशानियों का शीघ्र निराकरण की मांग की है.

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संचालकों ने मांग की है कि सत्र 2019-20 का आरटीई के अंतर्गत आने वाले समस्त नि:शुल्क प्रवेशित छात्र-छात्राओं की फीस का भुगतान संस्‍थानों को नहीं हुआ है. शासन ने जिस प्रकार किसानों, व्यापारियों व अन्य वर्गों को आर्थिक सहायता प्रदान की है. उसी प्रकार विद्यालय संचालकों व स्टाफ को भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाए. विद्यालयों के समस्त वाहनों का बीमा फिटनेस आदि एक वर्ष के लिए माफ किया जाए.

विद्यालयों में सैनिटाइजार, थर्मल स्क्रीनिंग मशीन एवं मास्क नि:शुल्क उपलब्ध करवाया जाए. कोरोना काल के दौरान अशासकीय विद्यालयों की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हुई है, इसलिए उन्हें आर्थिक पैकेज दिया जाना चाहिए. किराए के भवन में संचालित विद्यालयों का किराया राज्य शासन द्वारा जमा करवाया जाए. शासन के निर्देशों का पालन करने के बाद भी यदि कोई छात्र कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो पालकों एवं शासन द्वारा कोई दंडात्मक कार्रवाई स्कूल प्रबंधन पर नहीं किया जाए.

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