नीमच। प्रदेश में लॉकडाउन के बाद से ही बसों के पहिए थमे हुए हैं, जिसको लेकर बस यूनियन ने हड़ताल भी की है. सरकार ने 20 अगस्त से बसों को चलाने के निर्देश जारी कर दिए हैं. निर्देश में कहा गया है कि बस मालिक बस की क्षमता के मुताबिक सवारियों को बैठाकर परिवहन कर सकते हैं. निर्देश के बाद बस मालिकों ने टैक्स माफी की बात को कहा है. बस मालिकों का कहना है कि पिछले पांच माह से बसों के चक्के थमे हुए हैं. ऐसे में बसों से उनकों किसी भी प्रकार की आय नहीं हुई है. खड़ी बसों का टैक्स कैसे चुकाया जाए. सरकार ने बस चलाने का निर्देश तो जारी कर दिया है, लेकिन टैक्स माफ होगा कि नहीं यह बात साफ नहीं हुई है.
फिलहाल बस मालिकों का बसें चलाने का कोई मूड नहीं दिख रहा है. हालांकि पिछले 4-5 दिन से बस मालिक टैक्स माफ कराने के लिए ज्ञापन व मंत्रियों से बातचीत कर मांग पूरी करवाने के जतन कर रहे हैं. बस ऑपरेटरों का कहना है कि टैक्स माफ हो जाए तो बसों को चलाने में कोई परेशानी नहीं होगी.
बता दें कि 3 जुलाई 2020 को गृह मंत्रालय की ओर से एक निर्देश जारी हुआ था, जिसमें लिखा था कि प्रदेश में अंतरप्रांतीय बसों का प्रवेश निषेध रहेगा. दूसरी बार जारी निर्देश में गृह मंत्रालय की ओर यह उल्लेख नहीं किया गया है. इसका सीधा मतलब यह है कि अंतरप्रांतीय बसें प्रदेश में अब प्रवेश कर सकेंगी. सवारियों को मास्क पहनना और सैनिटाइजेशन की सुविधा बस मालिक सुनिश्चित करें. इसके बाद भी बस मालिक टैक्स माफी के लिए अड़े हैं.
पहले टैक्स माफ करे सरकार
जिला बस ऑपरेटर एसोसिएशन के संरक्षक मुकेश गुप्ता ने बताया कि पिछले पांच माह से खड़ी रहीं बसों के लिए टैक्स माफ होना चाहिए. पहले शासन ने सोशल डिस्टेसिंग के साथ सवारियों को बैठाकर बसें चलाने का निर्देश दिया था, जिसे बदलकर पूरी क्षमता के साथ सवारियां बैठाकर बसें चलाने का निर्देश जारी किया है. उन्होंने कहा कि जब तक टैक्स माफ नहीं किया जाएगा, तब तक बसें नहीं चलाएंगे.