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मुख्यमंत्री के आश्वासन के बावजूद बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिला मुआवजा - Gandhi Sagar area

मुख्यमंत्री के आश्वासन के बावजूद नीमच के बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिला, जिसके चलते पीड़ितों ने राज्य सरकार को आईना दिखाते हुए जल्द राहत दिलाने की मांग की है.

Flood victims did not get compensation
बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिला मुआवजा
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Published : Dec 7, 2019, 2:42 PM IST

Updated : Dec 7, 2019, 3:24 PM IST

नीमच। रामपुरा में बाढ़ की विनाश लीला झेल रहे पीड़ितों से मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुलाकात की. बाढ़ में करीब 200 करोड़ से ज्यादा की सड़कें, 1100 करोड़ की फसलें और मकान पानी-पानी हो चुके हैं. साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी 400 करोड़ के नुकसान का आंकलन किया गया है. बावजूद इसके बाढ़ पीड़ितों को अभी तक मुआवजा नहीं मिल सका है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी सरकार बाढ़ पीड़ितों के साथ है. फसल चौपट होने के बाद किसानों ने मुख्यमंत्री से जल्द मुआवजा दिलाने की मांग की है, लेकिन अभी तक मुआवजे की राशि किसानों को नहीं मिल पाई है.

बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिला मुआवजा

ऐसा है मामला

मनासा तहसील के गांधी सागर डूब क्षेत्र में कर्मचारी के नहीं पहुंचने पर गुस्साए ग्रामीणों ने कार्यालय पहुंचकर मुआवजे के बारे में अवगत कराया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि उनके खाते में एक लाख रुपये जमा करने के लिए बोला गया था, जबकि क्षतिग्रस्त मकान वालों को मात्र 7 से 12 हजार रुपये की राशि दी गई है. 6 महीने तक हर एक परिवार को 50 किलो अनाज देने की घोषणा की गई थी, लेकिन सिर्फ एक ही बार अनाज दिया गया.

नीमच। रामपुरा में बाढ़ की विनाश लीला झेल रहे पीड़ितों से मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुलाकात की. बाढ़ में करीब 200 करोड़ से ज्यादा की सड़कें, 1100 करोड़ की फसलें और मकान पानी-पानी हो चुके हैं. साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी 400 करोड़ के नुकसान का आंकलन किया गया है. बावजूद इसके बाढ़ पीड़ितों को अभी तक मुआवजा नहीं मिल सका है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी सरकार बाढ़ पीड़ितों के साथ है. फसल चौपट होने के बाद किसानों ने मुख्यमंत्री से जल्द मुआवजा दिलाने की मांग की है, लेकिन अभी तक मुआवजे की राशि किसानों को नहीं मिल पाई है.

बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिला मुआवजा

ऐसा है मामला

मनासा तहसील के गांधी सागर डूब क्षेत्र में कर्मचारी के नहीं पहुंचने पर गुस्साए ग्रामीणों ने कार्यालय पहुंचकर मुआवजे के बारे में अवगत कराया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि उनके खाते में एक लाख रुपये जमा करने के लिए बोला गया था, जबकि क्षतिग्रस्त मकान वालों को मात्र 7 से 12 हजार रुपये की राशि दी गई है. 6 महीने तक हर एक परिवार को 50 किलो अनाज देने की घोषणा की गई थी, लेकिन सिर्फ एक ही बार अनाज दिया गया.

Intro:बाढ़ पीड़ितों को अभी तक नही मिला मुआवजा, शासन से मदद की गुहारBody:मुआवजा के लिए तरसते ग्रामीण ,


मनासा .। -नीमच जिले के रामपुरा में बाढ़ से तबाही के 10 दिन बाद साेमवार काे सीएम कमलनाथ पीड़िताें काे हाल जानने पहुंचे थे । सब बाढ़ पीड़ितों से मिलते हुए कमलनाथ ने कहा कि पूरी सरकार बाढ़ पीड़ितों के साथ है। मैं यहां मंजीरा बजाने नहीं मदद करने आया हूं। मैं बाढ़ की पल-पल की अपडेट ले रहा था। पूरी तरह से फसल चौपट होने के बाद किसानों ने मुख्यमंत्री से जल्द राहत दिलवाने की मांग की लेकिन नतीजा यह निकला कि मुआवजा राशि भी समय पर नहीं मिली जिससे हमारा सबसे बड़ा त्योहार दिपावली नहीं मना पाए ।

बाढ़ के कहर से 200 करोड़ से ज्यादा की सड़कें, 1100 करोड़ की फसलें और मकान क्षतिग्रस्त होने के साथ अन्य क्षेत्र में 400 करोड़ की नुकसानी का आकलन है।

ऐसा ही मामला

नीमच जिले के मनासा तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत मेरियाखेड़ी ढाणी में देखने को मिला गांधी सागर डूब क्षेत्र में आने वाला मेरियाखेड़ी ढाणी मैं आज दिनांक तक शासन की आंखों में धूल झोंक रहे हैं । कर्मचारी जहां नहीं पहुंच पाए ग्रामीणों की समस्या सुनने इसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है जिसको लेकर ग्रामीणों ने एकजुट होकर तहसील कार्यालय में एकत्रित होकर तहसीलदार के.सी तिवारी को अवगत कराए हैं कि अभी तक हमारी वहां पर कोई सुनने नहीं आया है और मुख्यमंत्री जी द्वारा केवल आश्वासन दिया गया था उन्होंने खाते में दो ₹100000 का डालने की बोल गए थे ।जहाँ क्षतिग्रस्त मकान वालो को केवल सात से बारहा हजार रुपये कि राशि खाते मे डाली गयी । वही न तो गिरे हुए मकानों के बिल माफ किये गए और ना ही फसल मुआवजा राशि मिली । 6 महीने तक प्रत्येक परिवार को 50 किलो अनाज देने की घोषणा करि थी पर सिर्फ एक बार अनाज दिया गया बाकी अनाज अभी तक किसी भी परिवार को मिला है ,ओर मकानो कि शिकायत को लेकर मामले को ग्रामीणों ने इसे गंभीरता से लेनी कि अपिल की ।ग्रामीणों की अपील पर जब etv पत्रकार ने तहसीलदार का वर्जन लेने पहुचे तो तहसीलदार ने स्पस्ट मना कर दिया के मुजे किसी भी मीडिया कर्मी से बात नही करनी है और न ही कोई जानकारी देनी है -


वही ग्रामीणों ने तहसीलदार को फोन लगाकर मुआवजे की जानकारी मांगी तो जवाब में तहसीलदार ने बोला के मेरे से मुख्यमंत्री ये बोलकर नही गए के सब के खाते में एक एक लाख रु.डालो इतना बोलकर कॉल काट दिया ,तहसीलदार न तो ग्रामीणों को ओर ना ही मीडिया को कोई सन्तोषप्रद जवाब देते है

बाइट -1 बबलू मारू ग्रामीण
बाइट-2 कल्याण सिंह ग्रामीण
बाइट -3 सज्जन कुँवर महिलाConclusion:
Last Updated : Dec 7, 2019, 3:24 PM IST
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