नीमच। जिस किसान की सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते-काटते आठ साल में न जाने कितनी चप्पलें घिस गयीं, उसकी तरफ आठ साल में अधिकारी एक कदम भी नहीं चल सके. इन आठ सालों में एक हजार से अधिक आवेदन देने के बावजूद एक भी आवेदन पर अमल नहीं हुआ. जिससे परेशान किसान ने जलसमाधि लेने की धमकी दे डाली और पानी में खड़े होकर जल सत्याग्रह शुरू कर दिया है, उसने धमकी दी है कि यदि उसे न्याय नहीं मिला तो वह इसी पानी में डूबकर खुदकुशी कर लेगा, जिसका जिम्मेदार प्रशासन होगा.
कलेक्टर जनसुनवाई में पहुंचे किसान शैतान सिंह पिपलिया नथावत के निवासी हैं, उन्होंने मीडिया से आपबीती सुनाई कि कैसे वह आठ साल से दफ्तरों के चक्कर काट रहा है, पर उसकी गुहार सुनने वाला कोई नहीं है. अब उसका धैर्य भी जवाब दे चुका है और अब कलेक्टर साहब उसकी फरियाद नहीं सुनते तो वह खुदकुशी कर लेगा, जिसका जिम्मेदार प्रशासन होगा.
जानकारी के मुताबिक, किसान शैतान सिंह का कुआं धंस गया है, साथ ही उनके खेत के बीच से नाला निकलता है, जिसके चलते बारिश का पानी खेत में भर जाता है और खेत तालाब बन जाता है. जिससे खेत में लगी फसलें बर्बाद हो जाती हैं. सर्दी के मौसम में शीत लहर से फसलें खराब हो जाती हैं. लिहाजा, एक भी फसल ठीक से नहीं तैयार हो पाती, किसी न किसी वजह से फसल बर्बाद हो ही जाती है. जिससे दूसरों का भी पेट भरने की जिम्मेदारी उठाने वाला किसान खुद भूखो मरने की कगार पर खड़ा है. ऐसे में उसके परिवार पर क्या बीत रही होगी, सहज ही इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. ये किसान अब तक 35 लाख रुपये का नुकसान उठा चुका है, फसल के मुआवजे के लिए पटवारी को आवेदन दिया तो सिर्फ 25 प्रतिशत दर्शाया गया, जिसके बाद किसान ने जल सत्याग्रह शुरु कर दिया है.