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5 साल बाद जागा प्रशासन, डोडा चूरा नष्ट करने किसानों से जुटाएंगे जानकारी

मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा अफीम उत्पादक नीमच, मंदसौर जिले में शासन के एक आदेश के बाद किसानों और राजस्व अधिकारियों में हलचल है. अब जानकार डोडा चूरा नष्ट करने किसानों से जानकारी जुटाएंगे.

Doda sawdust destroyed
डोडा चूरा नष्ट
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Published : Mar 8, 2021, 7:11 AM IST

नीमच। प्रदेश सरकार द्वारा मालवा के अफीम किसानों से 5 सालों के अफीम से निकले डोडा चूरा का हिसाब मांगा है. जिससे मालवा के अफीम काश्तकारों की परेशानियां बढ़ गई. वहीं कांग्रेस नेत्रई मधु बंसल ने कहा कि ये किसानों को परेशान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा इस तरह के आदेश जारी किए जा रहे हैं. जबकि पिछले 5 साल पहले किसानों से डोडा चूरा राज्य सरकार ने खरीदी थी. अफीम देने के बाद उससे निकलने वाले चूरे को राज्य सरकार द्वारा नष्ट कराया जाता है.‌ मगर पिछले 5 साल से राज्य सरकार ने डोडा चूरा नष्ट नहीं कराया और अब किसानों की की याद आई है. यह सिर्फ किसानों को परेशान करने के भ्रष्टाचार के लिए इस तरीके से आदेश जारी किया.

डूडा चूरा नष्ट करने जुटाएंगे जानकारी

डोडा चूरा की पूरी जानकारी लेकर नष्ट कराना है

मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा अफीम उत्पादक नीमच, मंदसौर जिले में शासन के एक आदेश के बाद किसानों और राजस्व अधिकारियों में हलचल है. दरअसल इस आदेश में यह बताया गया है कि वर्ष 2016 से अब तक किसानों के पास स्टॉक में रखे हुए डोडा चूरा की जानकारी एकत्रित करना है. साल 2015 के बाद से सरकार द्वारा डोडा चूरा खरीदी को बन्द कर दिया था. तब से डोडाचूरा किसान के पास ही है. हालांकि इसे विधिवत तरीके से राजस्व अधिकारी की मौजूदगी में नष्ट करने के आदेश थे. मगर 5 साल से इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया. आदेश के तहत डोडा चूरा को पीसकर खेतों में नष्ट करना था. मगर ऐसा अब तक नहीं हुआ. बीते दिनों केंद्र सरकार द्वारा मामले पर सख्ती करने पर राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर आबकारी विभाग को दिया. इसके तहत डोडा चूरा की पूरी जानकारी लेकर उन्हें नष्ट करवाना है.

किसान परेशान

इसके लिए किसान के पास कितना स्टॉक पड़ा है, इसकी जानकारी किसान से लेना है. इतने लंबे समय तक किसान के पास डोडा चूरा का स्टॉक रखना, काफी परेशानी वाला होता है और सड़ने व अन्य कारणों से डोडा चूरा नष्ट भी हो जाता है. किसान के सामने दुविधा यह है कि कम स्टार्ट पाए जाने पर उन पर कोई कार्रवाई तो ना हो जाए, इससे लेकर किसान चिंतित हैं. क्योंकि दसारी में करीब 80 किलो डोडा चूरा होता है और 5 साल में सड़ने के कारण नष्ट भी हो सकता है.

मामले पर नीमच जिला कलेक्टर का कहना है कि किसान से घोषणा पत्र लिया जाएगा. जिसमें केवल स्टॉक के बारे में जानकारी ली जाएगी. किसी भी तरह की परेशानी किसानों को नहीं होने दी जाएगी. ताकि यदि किसी के पास डोडा चूरा रखा हुआ है तो उसको विधिवत तरीके से नष्ट किया जा सके. किसानों से डोडाचूरा के स्टॉक के संबंध में प्रमाण पत्र लेकर विधिवत तरीके से डोडाचूरा नष्ट किया जाएगा.

वहीं कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने डोडाचूरा नष्टीकरण को लेकर बताया कि राज्य सरकार से एक आदेश प्राप्त हुआ है. जिसमें किसानों से बीते 5 साल के दौरान डोडाचूरा उनके पास रखे स्टॉक की जानकारी जुटा कर विधिवत तरीके से नष्ट करना है. स्टॉक के संबंध में किसानों से एक प्रमाण पत्र लेकर उसे विधिवत तरीके से नष्ट किया जाएगा. ताकि तस्करी को रोका जा सके और किसानों की परेशानी को कम किया जा सके. ज्ञात रहे कि वर्ष 2016 के बाद से डोडा चूरा खरीदी बंद हो गई थी. डोडा चूरा पीसकर खेत में नष्ट करने के लिए कहा गया था. मगर अब तक नष्टीकरण नहीं किया गया, जिसके चलते किसानों के पास भी स्टॉक पड़ा हुआ है. जो काफी मात्रा में खराब भी हो चुका है और किसान इसे लेकर चिंतित है. उसी पर कलेक्टर ने यह बात कही.

नीमच। प्रदेश सरकार द्वारा मालवा के अफीम किसानों से 5 सालों के अफीम से निकले डोडा चूरा का हिसाब मांगा है. जिससे मालवा के अफीम काश्तकारों की परेशानियां बढ़ गई. वहीं कांग्रेस नेत्रई मधु बंसल ने कहा कि ये किसानों को परेशान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा इस तरह के आदेश जारी किए जा रहे हैं. जबकि पिछले 5 साल पहले किसानों से डोडा चूरा राज्य सरकार ने खरीदी थी. अफीम देने के बाद उससे निकलने वाले चूरे को राज्य सरकार द्वारा नष्ट कराया जाता है.‌ मगर पिछले 5 साल से राज्य सरकार ने डोडा चूरा नष्ट नहीं कराया और अब किसानों की की याद आई है. यह सिर्फ किसानों को परेशान करने के भ्रष्टाचार के लिए इस तरीके से आदेश जारी किया.

डूडा चूरा नष्ट करने जुटाएंगे जानकारी

डोडा चूरा की पूरी जानकारी लेकर नष्ट कराना है

मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा अफीम उत्पादक नीमच, मंदसौर जिले में शासन के एक आदेश के बाद किसानों और राजस्व अधिकारियों में हलचल है. दरअसल इस आदेश में यह बताया गया है कि वर्ष 2016 से अब तक किसानों के पास स्टॉक में रखे हुए डोडा चूरा की जानकारी एकत्रित करना है. साल 2015 के बाद से सरकार द्वारा डोडा चूरा खरीदी को बन्द कर दिया था. तब से डोडाचूरा किसान के पास ही है. हालांकि इसे विधिवत तरीके से राजस्व अधिकारी की मौजूदगी में नष्ट करने के आदेश थे. मगर 5 साल से इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया. आदेश के तहत डोडा चूरा को पीसकर खेतों में नष्ट करना था. मगर ऐसा अब तक नहीं हुआ. बीते दिनों केंद्र सरकार द्वारा मामले पर सख्ती करने पर राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर आबकारी विभाग को दिया. इसके तहत डोडा चूरा की पूरी जानकारी लेकर उन्हें नष्ट करवाना है.

किसान परेशान

इसके लिए किसान के पास कितना स्टॉक पड़ा है, इसकी जानकारी किसान से लेना है. इतने लंबे समय तक किसान के पास डोडा चूरा का स्टॉक रखना, काफी परेशानी वाला होता है और सड़ने व अन्य कारणों से डोडा चूरा नष्ट भी हो जाता है. किसान के सामने दुविधा यह है कि कम स्टार्ट पाए जाने पर उन पर कोई कार्रवाई तो ना हो जाए, इससे लेकर किसान चिंतित हैं. क्योंकि दसारी में करीब 80 किलो डोडा चूरा होता है और 5 साल में सड़ने के कारण नष्ट भी हो सकता है.

मामले पर नीमच जिला कलेक्टर का कहना है कि किसान से घोषणा पत्र लिया जाएगा. जिसमें केवल स्टॉक के बारे में जानकारी ली जाएगी. किसी भी तरह की परेशानी किसानों को नहीं होने दी जाएगी. ताकि यदि किसी के पास डोडा चूरा रखा हुआ है तो उसको विधिवत तरीके से नष्ट किया जा सके. किसानों से डोडाचूरा के स्टॉक के संबंध में प्रमाण पत्र लेकर विधिवत तरीके से डोडाचूरा नष्ट किया जाएगा.

वहीं कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने डोडाचूरा नष्टीकरण को लेकर बताया कि राज्य सरकार से एक आदेश प्राप्त हुआ है. जिसमें किसानों से बीते 5 साल के दौरान डोडाचूरा उनके पास रखे स्टॉक की जानकारी जुटा कर विधिवत तरीके से नष्ट करना है. स्टॉक के संबंध में किसानों से एक प्रमाण पत्र लेकर उसे विधिवत तरीके से नष्ट किया जाएगा. ताकि तस्करी को रोका जा सके और किसानों की परेशानी को कम किया जा सके. ज्ञात रहे कि वर्ष 2016 के बाद से डोडा चूरा खरीदी बंद हो गई थी. डोडा चूरा पीसकर खेत में नष्ट करने के लिए कहा गया था. मगर अब तक नष्टीकरण नहीं किया गया, जिसके चलते किसानों के पास भी स्टॉक पड़ा हुआ है. जो काफी मात्रा में खराब भी हो चुका है और किसान इसे लेकर चिंतित है. उसी पर कलेक्टर ने यह बात कही.

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