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नीमच के जालीनेर भ्रष्टाचार का खेल! कागजों पर ही पूरे हो गये विकास कार्य, 500 ग्रामीणों के खाते से अवैध निकासी - embezzlement of government funds

नीमच के जालीनेर गांव में भ्रष्टाचार का बड़ा खेल हुआ है. सरकारी योजनाओं के नाम पर यहां सरकारी राशि का बंदरबाट हुआ है. विकास से संबंधित काम धरातल पर तो नहं उतरे, लेकिन रुपये की निकासी कर ली गयी. गांव के 500 से अधिक जॉबकार्डधारियों के खाते से फर्जी निकासी की गयी है.

corruption game in Neemuch Jalenier  Development work completed on paper
नीमच के जालीनेर भ्रष्टाचार का खेल! कागजों पर ही पूरे हो गये विकास कार्य
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Published : Oct 25, 2021, 1:20 PM IST

नीमच। जिले के मनासा तहसील मुख्‍यालय से महज 6 किलो मीटर दूरी पर बसे जालीनेर गांव में करोड़ों के भ्रष्‍टाचार का मामला सामने आया हैं. ग्राम पंचायत के जिम्‍मेदारों पर करीब 500 से अधिक ग्रामीणों के साथ धोखाधड़ी का आरोप हैं. ग्रामीणों को पता ही नहीं और पोस्‍ट ऑफिस में उनके नाम से खाते खोल दिए गए. मामले में नीमच कलेक्टर मयंक अग्रवाल का कहना है कि ग्रामीणों की शिकायत के बाद पूरा मामला संज्ञान में आया है, जिला पंचायत सीईओ को इस पूरे मामले की जांच करने के निर्देश दिए गए.

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पूरी पंचायत में विकास के नाम पर करोड़ों का भ्रष्टाचार

गांव में विकास के नाम पर करोड़ों की सरकारी राशि का गबन हुआ है. ग्राम पंचायत के अधिकारियों ने पहले जालीनेर गांव के लोगों के नाम पर डाक घर में खाते खोले, फिर
500 से अधिक खातों में जॉबकार्ड के अंतर्गत मजदूरी के नाम पर रूपए जमा किए गए और वापस निकाल भी लिए गए. पंचायत का भ्रष्‍टाचार यहीं नहीं रूका, जॉबकार्ड में फर्जी नाम भी चढ़ाए गए. फर्जी तरीके से कहीं एक शख्स की दो पत्नियां बताई गई, कहीं फर्जी पुत्र और सभी खातों से रूपयों की निकासी कर ली गयी. एक ग्रामीण ने बताया कि उनके खाते से करीब 4 लाख रूपए निकाले गए हैं. इसी प्रकार किसी खाते से 50 हजार, तो किसी से 30 हजार निकाले गए. कुछ ग्रामीणों को इस भ्रष्‍टाचार की भनक मिली तो उन्‍होंने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी निकलवाई तब जाकर पूरे भ्रष्‍टाचार का खेल उजागर हुआ. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जनपद पंचायत मनासा, एसडीएम मनासा, जिला पंचायत नीमच, कलेक्‍टर और इलाके के विधायक से भी की, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल पंचायत सचिव को निलंबित किया गया है. जबकि गांववाले तमाम आला अधिकारियों पर भ्रष्‍टाचार में लिप्‍त होने का आरोप रहे हैं.

23 कार्य सिर्फ कागजों में हो गए पूरे

गांव में नाली निर्माण, वेस्‍ट वेयर, सीसी रोड, खेल मैदान सहित अनेक कार्य के नाम पर सरकारी राशि का बंदरबाट हुआ. कागजों में इन कार्यों को पूर्ण भी बता दिया गया, लेकिन धरातल पर विकास कार्य की एक ईंट भी नहीं लगाई गई है. गांव के तालाब पर वेस्‍टवेयर बनाने के नाम पर 2 लाख 65 हजार रूपए निकाले गये, लेकिन वेस्‍टवेयर बना नहीं हैं. इसी तरह परकुलेशन टैंक के लिए 2 लाख 50 हजार रूपए की निकासी हुई. जॉबकार्डधारियों के 720 खातों से 30 हजार के मान से 2 करोड़ 16 लाख रूपए निकाले गये.

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आरोपी ही कर रहे जांच

मामले की जांच फिलहाल लंबित है, लेकिन बड़ी बात ये है कि भ्रष्टाचार की जांच भी वो अधिकारी कर रहे हैं, जिन पर इसका आरोप हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि भ्रष्‍टचार में जनपद पंचायत सीईओ सहित क्षेत्रीय इंजिनियर की मिलीभगत हैं. कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने स्पष्ट किया है कि मामले की जांच नीमच जिला पंचायत स्तर से की जा रही हैं, उन्होंने ग्राम पंचायत में गबन से भी इनकार नहीं किया है.

नीमच। जिले के मनासा तहसील मुख्‍यालय से महज 6 किलो मीटर दूरी पर बसे जालीनेर गांव में करोड़ों के भ्रष्‍टाचार का मामला सामने आया हैं. ग्राम पंचायत के जिम्‍मेदारों पर करीब 500 से अधिक ग्रामीणों के साथ धोखाधड़ी का आरोप हैं. ग्रामीणों को पता ही नहीं और पोस्‍ट ऑफिस में उनके नाम से खाते खोल दिए गए. मामले में नीमच कलेक्टर मयंक अग्रवाल का कहना है कि ग्रामीणों की शिकायत के बाद पूरा मामला संज्ञान में आया है, जिला पंचायत सीईओ को इस पूरे मामले की जांच करने के निर्देश दिए गए.

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गांव में विकास के नाम पर करोड़ों की सरकारी राशि का गबन हुआ है. ग्राम पंचायत के अधिकारियों ने पहले जालीनेर गांव के लोगों के नाम पर डाक घर में खाते खोले, फिर
500 से अधिक खातों में जॉबकार्ड के अंतर्गत मजदूरी के नाम पर रूपए जमा किए गए और वापस निकाल भी लिए गए. पंचायत का भ्रष्‍टाचार यहीं नहीं रूका, जॉबकार्ड में फर्जी नाम भी चढ़ाए गए. फर्जी तरीके से कहीं एक शख्स की दो पत्नियां बताई गई, कहीं फर्जी पुत्र और सभी खातों से रूपयों की निकासी कर ली गयी. एक ग्रामीण ने बताया कि उनके खाते से करीब 4 लाख रूपए निकाले गए हैं. इसी प्रकार किसी खाते से 50 हजार, तो किसी से 30 हजार निकाले गए. कुछ ग्रामीणों को इस भ्रष्‍टाचार की भनक मिली तो उन्‍होंने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी निकलवाई तब जाकर पूरे भ्रष्‍टाचार का खेल उजागर हुआ. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जनपद पंचायत मनासा, एसडीएम मनासा, जिला पंचायत नीमच, कलेक्‍टर और इलाके के विधायक से भी की, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल पंचायत सचिव को निलंबित किया गया है. जबकि गांववाले तमाम आला अधिकारियों पर भ्रष्‍टाचार में लिप्‍त होने का आरोप रहे हैं.

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मामले की जांच फिलहाल लंबित है, लेकिन बड़ी बात ये है कि भ्रष्टाचार की जांच भी वो अधिकारी कर रहे हैं, जिन पर इसका आरोप हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि भ्रष्‍टचार में जनपद पंचायत सीईओ सहित क्षेत्रीय इंजिनियर की मिलीभगत हैं. कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने स्पष्ट किया है कि मामले की जांच नीमच जिला पंचायत स्तर से की जा रही हैं, उन्होंने ग्राम पंचायत में गबन से भी इनकार नहीं किया है.

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