नीमच। जिले के छोटे से कस्बे के कुछ युवाओं ने मिलकर एक ऑटोमेटिक सेनेटाइजिंग मशीन बना दी हैं. मशीन बनाने का मुख्य उद्देश्य आमजन को कोरोना जैसी घातक बीमारी से बचाने का है. मशीन को बनाने वाले मिस्त्री अरशद अली सय्यद, वसीम खान, सलाम भाई बैटरी वाले, इरफान मिस्त्री, फ़िरोज़ गौरी ने अहम भूमिका निभाई हैं. ये मशीन रामपुरा सिविल हॉस्पिटल में मरहुमा मेराज बी की स्मृति में भेंट की गई है. रामपुरा सिविल हॉस्पिटल में जितने भी मरीज आएंगे, उनको इस मशीन के अंदर से निकलना होगा. जिससे मरीज का पूरा शरीर ऑटोमेटिक सेनेटाइज हो जाएगा.
सेंसर के जरिए करती है सेनिटाइज
सेनिटाइजर मशीन की खास बात ये है कि इसमें सेंसर का उपयोग किया हैं, जो शरीर के संपर्क में आने पर खुद ही सेनिटाइज करने लगती हैं. साथ ही बिजली ना होने के स्थिति में मशीन में इनवर्टर भी लगाया गया हैं.
मशीन बनाने वाले मिस्त्री ने मशीन को अपनी मां की याद में सिविल अस्पताल को मशीन भेंट कर दी है. मशीन बनाने में करीब 50 हजार की लागत आई है. मनासा विधायक माधव मारू ने मशीन का लोकार्पण कर रामपुर की जनता को इसकी सौगात दी है. रामपुरा कस्बे में मशीन की खबर लगी तो मशीन देखने वालों की भीड़ लगने लगी और शहर की जनता ने इस मशीन की सराहना की है.