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कृषि अधिकारी और वैज्ञानिकों ने रामपुरा क्षेत्र में किया फसलों का अवलोकन

मौसम परिवर्तन और शीतलहर के प्रकोप को देखते कृषि अधिकारी और वैज्ञानिकों ने रामपुरा क्षेत्र का दौरा किया, साथ ही किसानों को जरुरी बाते बताईं.

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Published : Jan 2, 2021, 9:52 PM IST

Officers observing crops
फसलों का अवलोकन करते अधिकारी

नीमच। जिले में शीतलहर के प्रकोप को देखते हुए उप संचालक कृषि एस एस चौहान, कृषि वैज्ञानिक डॉ. सीपी पचोरी, डॉ.श्‍यामसिंह सांरग देवोत ने विकासखण्‍ड नीमच एवं मनासा का भ्रमण कर मनासा के ग्राम दुधलाई, रामपुरा, मजिरिया और बेसला में गेहूं, चना और सरसो जैसी फसलों को का निरीक्षण किया. अधिकारियों के अनुसार वर्तमान में गेहूं, चना, सरसो को शीत प्रकोप से कोई नुकसान नहीं हुआ है.

Scientists taking stock of crops
फसलों का जायजा लेते वैज्ञानिक

पाला पड़ने की संभावना

मौसम विभाग से प्राप्त सूचनानुसार निकट भविष्‍य में पाला पड़ने की संभावना हो सकती है. इसलिये कृषि विभाग द्वारा किसानों से अनुरोध किया गया है कि पाले से बचाव के लिए स्प्रिकलंर विधि से सिंचाई करें. यदि पूरी फसल में सिंचाई करने के लिए पानी की कमी हो, तो नालियों में और खेत के चारों ओर जगह- जगह पानी भर दें. खेत में जगह- जगह रोडी, कचरा, भूसा, टायर आदि जलाकर धुंआ करें.

Officers observing crops in the field
खेत में फसलों का अवलोकन करते अधिकारी

फसलों का विशेष रूप से ख्याल रखें

फसलों का विशेष रूप से ख्याल रखें. ऐसे फसलों में यथा संभव उत्तर दिशा एवं पश्चिम दिशा में चिण्‍ड ब्रेक लगाएं. फसलों पर अत्याधिक पाले की स्थिति दिखे, तो व्‍यावसायिक गंधक (सल्‍फयूरिक अम्‍ल) एक मिली प्रति लीटर पानी के मान से घोल बनाकर छिड़काव करें. उक्‍त छिड़काव करते समय ध्‍यान रखें, कि फसल पर फूल अवस्‍था में न हो. अधिक जानकारी के लिए कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि, उद्यानिकी और आत्‍मा के अधिकारियों से सम्‍पर्क करें.

नीमच। जिले में शीतलहर के प्रकोप को देखते हुए उप संचालक कृषि एस एस चौहान, कृषि वैज्ञानिक डॉ. सीपी पचोरी, डॉ.श्‍यामसिंह सांरग देवोत ने विकासखण्‍ड नीमच एवं मनासा का भ्रमण कर मनासा के ग्राम दुधलाई, रामपुरा, मजिरिया और बेसला में गेहूं, चना और सरसो जैसी फसलों को का निरीक्षण किया. अधिकारियों के अनुसार वर्तमान में गेहूं, चना, सरसो को शीत प्रकोप से कोई नुकसान नहीं हुआ है.

Scientists taking stock of crops
फसलों का जायजा लेते वैज्ञानिक

पाला पड़ने की संभावना

मौसम विभाग से प्राप्त सूचनानुसार निकट भविष्‍य में पाला पड़ने की संभावना हो सकती है. इसलिये कृषि विभाग द्वारा किसानों से अनुरोध किया गया है कि पाले से बचाव के लिए स्प्रिकलंर विधि से सिंचाई करें. यदि पूरी फसल में सिंचाई करने के लिए पानी की कमी हो, तो नालियों में और खेत के चारों ओर जगह- जगह पानी भर दें. खेत में जगह- जगह रोडी, कचरा, भूसा, टायर आदि जलाकर धुंआ करें.

Officers observing crops in the field
खेत में फसलों का अवलोकन करते अधिकारी

फसलों का विशेष रूप से ख्याल रखें

फसलों का विशेष रूप से ख्याल रखें. ऐसे फसलों में यथा संभव उत्तर दिशा एवं पश्चिम दिशा में चिण्‍ड ब्रेक लगाएं. फसलों पर अत्याधिक पाले की स्थिति दिखे, तो व्‍यावसायिक गंधक (सल्‍फयूरिक अम्‍ल) एक मिली प्रति लीटर पानी के मान से घोल बनाकर छिड़काव करें. उक्‍त छिड़काव करते समय ध्‍यान रखें, कि फसल पर फूल अवस्‍था में न हो. अधिक जानकारी के लिए कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि, उद्यानिकी और आत्‍मा के अधिकारियों से सम्‍पर्क करें.

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