नीमच। शहर में आम आदमी पार्टी ने कृषि कानूनों खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के बाद कानून रद्द करने के लिए राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार अजय हिंगे को ज्ञापन सौंपा. साथ ही किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. केंद्र सरकार से मृत किसानों को शहीद का दर्जा देने तथा मृत किसान के परिवार को सहायता राशि देने की मांग की.
मंगलवार को आप कार्यकर्तों ने स्थानीय विजय टॉकीज चौराहे पर केंद्र सरकार के कृषि कानून विधेयक वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. आप नेताओं ने कृषि कानूनों को काले कानून बताते हुए जमकर नारेबाजी की. केंद्र सरकार को किसान विरोधी बताया.
आम आदमी पार्टी जिला संयोजक नवीन अग्रवाल ने बताया कि देश का अन्नदाता किसान जो पूरे देश का पेट भरता है. आज अपनी जायज मांगों को लेकर पिछले 50 दिनों से हाड़ कांपने वाली ठंड व बारिश बीच खुले आसमान के नीचे बैठा है. यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण व दुःखद है. अब तक उनमें से 60 किसानों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी है. यह ऐतिहासिक किसान आंदोलन देश का अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन है. देश के अन्नदाताओं के साथ ऐसा अन्याय, अत्याचार केन्द्र सरकार क्यों कर रही है. वर्षों से से देश में जय जवान, जय किसान का नारा लगता आया है.
अग्रवाल ने बताया कि देश सिर्फ कहने को कृषि प्रधान है. यहां अन्नदाताओं की सुनवाई नहीं होती. किसान सिर्फ सत्ता के शिखर तक पहुंचने का रास्ता मात्र है. इन्हीं सब बातों को लेकर आम आदमी पार्टी नीमच ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर कार्यालय पर ज्ञापन सौंपा है. आप ने ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि इस मामले मे तत्काल मध्यस्थता करें और केंद्र सरकार को आदेश दें. देश के अन्नदाताओं की सारी मांगों को तत्काल प्रभाव से मानकर तीनों काले कानूनों को अविलंब वापस लेने की मांग की.
अग्रवाल ने बताया कि देश के अन्नदाताओं को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए. साथ ही हर शहीद के परिवार को जीवन यापन करने के लिए सम्मान राशि केंद्र सरकार की ओर से देनी चाहिए. न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाया जाए, जिसके तहत देश में MSP के नीचे किसी भी प्रकार की फसल खरीद को गैरकानूनी करार दिया जाए. ज्ञापन के दौरान आम आदमी पार्टी जिला संयोजक नवीन अग्रवाल, अशोक सागर राजेंद्रर कौर सहित काफी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे.