नीमच। एचडीएफसी बैंक शाखा नीमच में 6 करोड़ 50 लाख के घोटाले को अंजाम दे दिया है. बैंक की शिकायत पर कैंट पुलिस ने आरोपी कर्मचारी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है. घोटालेबाज कर्मचारी एफआईआर के बाद परिवार सहित फरार हो गया है. उल्लेखनीय है कि नीमच शहर के विजय टॉकीज परिसर में एचडीएफसी बैंक की शाखा संचालित हो रही है. एचडीएफसी बैंक के रतलाम डिवीजन मैनेजर नवीन प्रसाद निवासी शधि नगर नीमच की रिपोर्ट पर कैंट पुलिस ने नीमच शाखा में कार्यरत कर्मचारी रितेश ठाकुर के खिलाफ धोखाधड़ी और गबन करने की धाराओं में मामला दर्ज किया है.
सच्चाई पर पर्दा डालने का किया प्रयास: बता दें कि एचडीएफसी बैंक में हुआ घोटाला करीब एक सप्ताह पहले उजागर हो चुका था, लेकिन बैंक की स्थानीय शाखा के जिम्मेदार लोगों ने इस मामले को रफा दफा करने का प्रयास किया. बैंक मैनेजर कपिल चौबे इस मामले में मीडिया के सामने आने से बचते रहे. इस बीच आरोपी रितेश ठाकुर से गबन किए 6.50 करोड़ में से 1.50 करोड़ रुपए वापस भी ले लिए गए. ऐसे पैसों का गबन करता था. आरोपी ने बताया कि वह एचडीएफसी बैंक का कर्मचारी है. उसकी ड्यूटी बैंक के कैश डिपॉजिट मशीन से रुपए निकालने की थी. कैश डिपॉजिट मशीन से जितने पैसे निकलते थे, आरोपी उतने बैंक के कैश काउंटर पर जमा न कराते हुए कुछ राशि उसकी कार में रख देता था. यह घटनाक्रम बैंक के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई.
तकनीकी गड़बड़ी का उठाया गलत फायदा: बैंक की जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि कैश डिपॉजिट मशीन में तकनीकी गड़बड़ी थी. उपभोक्ता जो रुपये मशीन में जमा कराते थे, उसकी एंट्री तो उनके खाते में जमा हो जाती थी, लेकिन बैंक के रिकॉर्ड में राशि कम दर्ज हो रही थी. सूत्रों की मानें तो कैश डिपॉजिट मशीन की क्षमता 50 लाख रुपए तक संग्रहण करने की है. 50 लाख रुपये मशीन में संग्रहित होने के बाद उसे खाली करना होता है, लेकिन मशीन में तकनीकी खराबी के चलते 50 लाख रुपए जमा होने के बाद भी बैंक के रिकॉर्ड में 45 लाख रुपये ही जमा होने का की सूचना प्रदर्शित हो रही थी. इसका फायदा बैंक कर्मचारी रितेश ठाकुर ने उठाया और कैश डिपाजिट मशीन से रुपए निकालने के दौरान घोटाले को अंजाम दिया.
सूत्रों के अनुसार आरोपी रितेश ने पुलिस प्रकरण दर्ज होने के पहले बैंक अधिकारियों से रितेश राठौर पूछताछ में गड़बड़ी करने की बात स्वीकार कर ली थी. वह गबन किए रुपयों में से करीब डेढ़ करोड़ रूपए बैंक अधिकारियों को लौटा चुका था. शेष राशि लौटाने के लिए उसने कुछ समय मांगा था. इसके बाद वह बैंक से गया और उसके परिवार के साथ गायब हो गया. बताया जा रहा है कि घोटालेबाज कर्मचारी ने कुछ समय पहले ही नीमच के शक्ति नगर में एक मकान भी खरीदा था, उस में ही वह निवास कर रहा था. आस पड़ोसियों से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि फरार होने से पहले वह कह रहा था कि परिवार में बच्ची का जन्म हुआ है.
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ऑडिट शुरू हुई तो खुला घोटाले का राज: बताया जाता है कि बैंक के वित्तीय वर्ष का मार्च में समाप्त हो रहा है. इसी के मद्देनजर ऑडिट चल रही है. ऑडिट के दौरान मिलान किया गया तो पाया गया कि कैश डिपॉजिट मशीन में जमा होने से वाले रुपयों में से 6 करोड़ 50 लाख रुपये गायब है. रुपये मशीन जमा तो हुए, लेकिन बैंक में उपलब्ध नहीं है. इसके बाद रितेश ठाकुर से पूछताछ की गई तो इंकार करता रहा. जब उसे सीसीटीवी फुटेज दिखाए गए, तो उसने गड़बड़ी करना कबूल किया.
आरोपी फरार, तलाश जारी: टीआई योगेंद्र सिंह सिसौदिया ने बताया कि एचडीएफसी बैंक के रतलाम डिविजन मैनेजर की रिपोर्ट पर बैंक की नीमच ब्रांच के कर्मचारी रितेश ठाकुर के खिलाफ 6.50 करोड़ रुपए के गबन का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई है. आरोपी फरार हो गया है, जिसकी तलाश की जा रही है.