नरसिंहपुर। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में वासुदेवानंद सरस्वती को जगह देने पर बवाल मच गया है. ज्योतिष एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मोदी सरकार द्वारा गठित राम जन्मभूमि न्यास को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट में विश्व हिंदू परिषद के लोगों क्यों शामिल किया गया है. यह सनातन धर्म की अवेहलना है, क्योंकि जिन विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने राम मंदिर के ढांचे में तोड़फोड़ की थी, उनके अध्यक्ष वासुदेवानंद सरस्वती थे.
ऐसी स्थिति में यह आशा नहीं बनती है कि हिंदुओं का पूज्यनीय स्थान इन लोगों के द्वारा बन सकेगा. साथ ही ट्रस्ट में सरकारी लोग रखे गए हैं ऐसे में यह गैरसरकारी कैसे होगा. अगर सरकार का इसमें हस्तक्षेप है तो सनातम धर्मियों का मंदिर कैसे बनेगा.
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने आपत्ति जताते हुए कहा 'सुप्रीम कोर्ट ने अपने चार फैसलों में वासुदेवानंद सरस्वती को न शंकराचार्य माना और न ही संन्यासी माना है, ज्योतिष पीठ का शंकराचार्य मैं हूं. ऐसे में प्रधानमंत्री ने ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य के रूप में वासुदेवानंद सरस्वती को ट्रस्ट में जगह देकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है'.