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राम मंदिर ट्रस्ट पर स्वरूपानंद सरस्वती ने उठाए सवाल, मोदी सरकार पर लगाया ये आरोप - श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य के रूप में वासुदेवानंद सरस्वती को जगह दी गई है. इस पर ज्योतिष एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मोदी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.

swaroopanand saraswati statement on ram Janma bhoomi trust
राम मंदिर ट्रस्ट पर स्वरूपानंद सरस्वती ने उठाए सवाल
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Published : Feb 7, 2020, 6:14 PM IST

नरसिंहपुर। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में वासुदेवानंद सरस्वती को जगह देने पर बवाल मच गया है. ज्योतिष एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मोदी सरकार द्वारा गठित राम जन्मभूमि न्यास को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट में विश्व हिंदू परिषद के लोगों क्यों शामिल किया गया है. यह सनातन धर्म की अवेहलना है, क्योंकि जिन विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने राम मंदिर के ढांचे में तोड़फोड़ की थी, उनके अध्यक्ष वासुदेवानंद सरस्वती थे.

राम मंदिर ट्रस्ट पर स्वरूपानंद सरस्वती ने उठाए सवाल


ऐसी स्थिति में यह आशा नहीं बनती है कि हिंदुओं का पूज्यनीय स्थान इन लोगों के द्वारा बन सकेगा. साथ ही ट्रस्ट में सरकारी लोग रखे गए हैं ऐसे में यह गैरसरकारी कैसे होगा. अगर सरकार का इसमें हस्तक्षेप है तो सनातम धर्मियों का मंदिर कैसे बनेगा.


शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने आपत्ति जताते हुए कहा 'सुप्रीम कोर्ट ने अपने चार फैसलों में वासुदेवानंद सरस्वती को न शंकराचार्य माना और न ही संन्यासी माना है, ज्योतिष पीठ का शंकराचार्य मैं हूं. ऐसे में प्रधानमंत्री ने ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य के रूप में वासुदेवानंद सरस्वती को ट्रस्ट में जगह देकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है'.

नरसिंहपुर। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में वासुदेवानंद सरस्वती को जगह देने पर बवाल मच गया है. ज्योतिष एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मोदी सरकार द्वारा गठित राम जन्मभूमि न्यास को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट में विश्व हिंदू परिषद के लोगों क्यों शामिल किया गया है. यह सनातन धर्म की अवेहलना है, क्योंकि जिन विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने राम मंदिर के ढांचे में तोड़फोड़ की थी, उनके अध्यक्ष वासुदेवानंद सरस्वती थे.

राम मंदिर ट्रस्ट पर स्वरूपानंद सरस्वती ने उठाए सवाल


ऐसी स्थिति में यह आशा नहीं बनती है कि हिंदुओं का पूज्यनीय स्थान इन लोगों के द्वारा बन सकेगा. साथ ही ट्रस्ट में सरकारी लोग रखे गए हैं ऐसे में यह गैरसरकारी कैसे होगा. अगर सरकार का इसमें हस्तक्षेप है तो सनातम धर्मियों का मंदिर कैसे बनेगा.


शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने आपत्ति जताते हुए कहा 'सुप्रीम कोर्ट ने अपने चार फैसलों में वासुदेवानंद सरस्वती को न शंकराचार्य माना और न ही संन्यासी माना है, ज्योतिष पीठ का शंकराचार्य मैं हूं. ऐसे में प्रधानमंत्री ने ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य के रूप में वासुदेवानंद सरस्वती को ट्रस्ट में जगह देकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है'.

Intro:कल संसद में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राम भूमि निर्माण के लिए ट्रस्ट निर्माण की घोषणा को लेकर द्वारिकापुरी एवं ज्योतिष जगत गुरु शंकराचार्य द्वारा आपत्ति जताते हुए उन्होंने अपना विरोध प्रकट करते हुए कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट पर विश्व हिंदू परिषद के लोगों को आखिर क्यों किया गया ,शामिल प्रकिया में सनातन धर्म की अवेहलना अवेहलना की गई हैBody:- कल संसद में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राम भूमि निर्माण के लिए ट्रस्ट निर्माण की घोषणा को लेकर द्वारिकापुरी एवं ज्योतिष जगत गुरु शंकराचार्य द्वारा आपत्ति जताते हुए उन्होंने अपना विरोध प्रकट करते हुए कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट पर विश्व हिंदू परिषद के लोगों को आखिर क्यों किया गया ,शामिल प्रकिया में सनातन धर्म की अवेहलना अवेहलना की गई है शंकराचार्य ने वासुदेवानंद को शामिल किए जाने पर भी उठाए सवाल है
विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने ही की थी मंदिर के ढांचे में तोड़फोड़
वासुदेवानंद तोड़फोड़ करने वालों के थे अध्यक्ष
जो अपराधी हैं उन्हीं को किया गया ट्रस्ट में शामिल
शंकराचार्य सरकारी लोगों को भी ट्रस्ट में नहीं किया जाना चाहिए शामिल
बाइट 01 स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती शंकराचार्यConclusion:शंकराचार्य ने वासुदेवानंद को शामिल किए जाने पर भी उठाए सवाल है
विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने ही की थी मंदिर के ढांचे में तोड़फोड़
वासुदेवानंद तोड़फोड़ करने वालों के थे अध्यक्ष
जो अपराधी हैं उन्हीं को किया गया ट्रस्ट में शामिल
शंकराचार्य सरकारी लोगों को भी ट्रस्ट में नहीं किया जाना चाहिए शामिल
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