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हत्या या आत्महत्या, सवालों के घेरे में पुलिस की कार्रवाई - नरसिंहपुर न्यूज

क्या कानून दबंगों और रसूखदारओं की हाथों की कठपुतली बनकर भर रह गया है, क्या असहाय और पीड़ितों को अब न्याय पाने के लिए प्रशासन की चौखट पर एड़ियां रगड़ने को मजबूर होना पड़ेगा. ये सवाल इसलिए क्योंकि नरसिंहपुर में कुछ इसी तरह का मामला सामने आया है. जहां आरोप है कि आरोपियों पर कार्रवाई करने की बजाय पुलिस ने मामले को ही पलटकर रख दिया.

murder case in narsinghpur
हत्या या आत्महत्या ?
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Published : Nov 29, 2019, 9:38 PM IST

Updated : Nov 29, 2019, 10:38 PM IST

नरसिंहपुर। शहर में पुलिस की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. बीते दिनों गंगाई गांव में फसल काटने के दौरान हुए विवाद में एक महिला को जिंदा जला दिया गया और इलाज के दौरान 48 वर्षीय महिला गीता की मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने अब तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है, जबकि तात्कालिक जांच अधिकारी ने फसल काटने के विवाद को लेकर घटना को अंजाम दिए जाने की बात भी स्वीकार की थी.

हत्या या आत्महत्या ?

आरोप है कि घटना के 15 दिन बीतने के बाद नामजद रसूखदारों पर कार्रवाई करने के बजाए पुलिस ने इस पूरे घटनाक्रम को बदल कर रख दिया. पुलिस महिला द्वारा खुद को आग लगाकर आत्महत्या का मामला बता रही है, जबकि पीड़ित परिवार का आरोप है कि गांव के दबंगों ने उसे घर से निकालकर पीड़िता को जिंदा जलाया गया था.

पुलिस पर गंभीर आरोप
घटना के बाद पीड़िता को गाड़रवारा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया था, जहां पीड़िता ने मृत्यु पूर्व बयान भी दिए थे, जिसमें उसने आरोपियों के नाम सहित पूरी घटना बताई थी. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस आरोपियों से सांठ- गांठ करके उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है.

पुलिस की दलील पर संदेह
हालांकि मामला मीडिया में आने के बाद पुलिस के आला अधिकारी इस पर पर्दा डालने में जुट गए हैं. पुलिस के अधिकारी मृतका के बयान के अनुसार जांच में साक्ष्य न मिलने की बात कह रहे हैं. जबकि मृत्यु पूर्व महिला के बयान और पुलिस की दलील दोनों आपस में दूर-दूर तक मेल नहीं खाते. जिससे ये मामला और भी संदेहास्पद नजर आने लगा है.

नरसिंहपुर। शहर में पुलिस की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. बीते दिनों गंगाई गांव में फसल काटने के दौरान हुए विवाद में एक महिला को जिंदा जला दिया गया और इलाज के दौरान 48 वर्षीय महिला गीता की मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने अब तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है, जबकि तात्कालिक जांच अधिकारी ने फसल काटने के विवाद को लेकर घटना को अंजाम दिए जाने की बात भी स्वीकार की थी.

हत्या या आत्महत्या ?

आरोप है कि घटना के 15 दिन बीतने के बाद नामजद रसूखदारों पर कार्रवाई करने के बजाए पुलिस ने इस पूरे घटनाक्रम को बदल कर रख दिया. पुलिस महिला द्वारा खुद को आग लगाकर आत्महत्या का मामला बता रही है, जबकि पीड़ित परिवार का आरोप है कि गांव के दबंगों ने उसे घर से निकालकर पीड़िता को जिंदा जलाया गया था.

पुलिस पर गंभीर आरोप
घटना के बाद पीड़िता को गाड़रवारा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया था, जहां पीड़िता ने मृत्यु पूर्व बयान भी दिए थे, जिसमें उसने आरोपियों के नाम सहित पूरी घटना बताई थी. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस आरोपियों से सांठ- गांठ करके उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है.

पुलिस की दलील पर संदेह
हालांकि मामला मीडिया में आने के बाद पुलिस के आला अधिकारी इस पर पर्दा डालने में जुट गए हैं. पुलिस के अधिकारी मृतका के बयान के अनुसार जांच में साक्ष्य न मिलने की बात कह रहे हैं. जबकि मृत्यु पूर्व महिला के बयान और पुलिस की दलील दोनों आपस में दूर-दूर तक मेल नहीं खाते. जिससे ये मामला और भी संदेहास्पद नजर आने लगा है.

Intro: क्या कानून दबंगों और रसूखदारओं की हाथों की कठपुतली बनकर भर रह गया है क्या क्या असहाय और पीड़ितों को अब न्याय पाने के लिए प्रशासन की चौखट पर यूं ही एड़ियां रगड़ने मजबूर होना पड़ेगा ऐसा ही एक मामला फिर नरसिंहपुर में सामने आया है जहां बीते कुछ दिनों पहले डोंगर गांव थाना अंतर्गत गंगाई गांव में फसल काटने के विवाद को लेकर 48 वर्षीय गीता गौरव को जिंदा जलाने का मामला सामने आया Body: - क्या कानून दबंगों और रसूखदारओं की हाथों की कठपुतली बनकर भर रह गया है क्या क्या असहाय और पीड़ितों को अब न्याय पाने के लिए प्रशासन की चौखट पर यूं ही एड़ियां रगड़ने मजबूर होना पड़ेगा ऐसा ही एक मामला फिर नरसिंहपुर में सामने आया है जहां बीते कुछ दिनों पहले डोंगर गांव थाना अंतर्गत गंगाई गांव में फसल काटने के विवाद को लेकर 48 वर्षीय गीता गौरव को जिंदा जलाने का मामला सामने आया था और पीड़िता को गाडावारा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया था जहां पीड़िता ने मृत्यु पूर्व कथन भी दिए थे और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी तात्कालिक एक जांच अधिकारी ने फसल काटने के विवाद को लेकर घटना को अंजाम दिए कि दिए जाने की बात भी स्वीकार की थी लेकिन घटना के 15 दिन बीतने के बाद नामजद रसूखदार ऊपर कार्रवाई करने के बजाए पुलिस ने इस पूरे घटनाक्रम को ही बदल कर रख दिया है और अब पुलिस उसे महिला द्वारा स्वयं आग लगाकर आत्महत्या का मामला बता रही है जबकि पीड़ितों का आरोप है कि गांव के दबंगों द्वारा घर से निकाल कर पीड़िता को जिंदा जलाया गया था पीड़ित के पति का आरोप है कि उनके सामने ही उनकी पत्नी को जिंदा जलाया था और उसकी पत्नी ने मृत्यु पूर्व कथन भी दिए थे कि 6 नामजद आरोपियों ने उसे जिंदा जलाया है वावजूद अब पुलिस आरोपियों से सांठगांठ कर आरोपियों को बचाने में जुट गई है और हत्या के बजाय सिर्फ दो लोगो आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला बनाकर मामले को दबाने में जुट गई है और हम लगातार थाने चौकी और पुलिस अधीक्षक के यहां गुहार लगा रहे है पर पैसों की लालच के चलते पुलिस कोई कार्यवाही नहीं कर रही है हालांकि अब मामला मीडिया में आने के बाद पुलिस के आला अधिकारी भी मामले पर पर्दा डालने में जुट गए है और मृतिका के कथन के अनुसार जांच में साक्ष्य न मिलने की बात कह रहे है हालांकि पीड़ित परिजनों के आरोप , मृत्यु पूर्व महिला के बयान और पुलिस की दलील आपस में मेल खाती नजर नहीं आ रही है जिससे यह मामला और भी संदेहास्पद नजर आने लगा है


महिला के मृत्यु पूर्व कथन


फ़ाइल बाइट - आर एल धूर्ये ,जांच अधिकारी

बाइट - लोटन सिंह कौरव ,मृतिका के पति

बाइट - राजेश तिवारी , एएसपी नरसिंहपुर
( मौजों से भेजी है)Conclusion:अब मामला मीडिया में आने के बाद पुलिस के आला अधिकारी भी मामले पर पर्दा डालने में जुट गए है और मृतिका के कथन के अनुसार जांच में साक्ष्य न मिलने की बात कह रहे है हालांकि पीड़ित परिजनों के आरोप , मृत्यु पूर्व महिला के बयान और पुलिस की दलील आपस में मेल खाती नजर नहीं आ रही है जिससे यह मामला और भी संदेहास्पद नजर आने लगा है

Last Updated : Nov 29, 2019, 10:38 PM IST
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