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10 हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने जनपद पंचायत CEO को पकड़ा

चावरपठा जनपद पंचायत के सीईओ को रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त की टीम ने गिरफ्तार कर लिया.

bribe case
रिश्वत लेने का मामला
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Published : Mar 12, 2021, 12:37 PM IST

नरसिंहपुर। चावरपठा जनपद पंचायत के सीईओ रविंद्र गुप्ता 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते लोकायुक्त की टीम द्वारा रंगे हाथ गिरफ्तार हुए. महज डेढ़ लाख रुपये के बिल के भुगतान के लिए ममार इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर और पत्रकार अनुज ममार से रविंद्र पटेल ने 25000 रुपए मांगे थे.

बरमान मेले में सुरक्षा व्यवस्था के लिए ममार इंटरप्राइजेज द्वारा वर्ष 2018 में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, जिसके बिल के भुगतान के संबंध में प्रार्थी अनुज ममार द्वारा लगातार प्रार्थना की जा रही थी, पर इसके एवज में जनपद पंचायत सीईओ रविंद्र पटेल ने 25000 रुपये की मांग की थी. रिश्वत की पहली किस्त 15000 दी जा चुकी है. शेष 10000 रुपए की रिश्वत लेते समय लोकायुक्त की 12 सदस्य टीम ने कार्रवाई करते हुए रविंद्र गुप्ता को रंगे हाथ गिरफ्तार किया. लोकायुक्त की दो अन्य टीमें रविंद्र गुप्ता के घर और ऑफिस की जांच कर रही हैं, जहां आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज हो सकता है.

जिला पंचायत में पदस्थ रविंद्र गुप्ता रिश्वत लेने के मामले में अक्सर सुर्खियों में रहते थे. हर छोटे और बड़े काम के लिए यह सीधे पैसे लेते थे. हितग्राही भी इस अधिकारी से परेशान थे.

नरसिंहपुर। चावरपठा जनपद पंचायत के सीईओ रविंद्र गुप्ता 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते लोकायुक्त की टीम द्वारा रंगे हाथ गिरफ्तार हुए. महज डेढ़ लाख रुपये के बिल के भुगतान के लिए ममार इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर और पत्रकार अनुज ममार से रविंद्र पटेल ने 25000 रुपए मांगे थे.

बरमान मेले में सुरक्षा व्यवस्था के लिए ममार इंटरप्राइजेज द्वारा वर्ष 2018 में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, जिसके बिल के भुगतान के संबंध में प्रार्थी अनुज ममार द्वारा लगातार प्रार्थना की जा रही थी, पर इसके एवज में जनपद पंचायत सीईओ रविंद्र पटेल ने 25000 रुपये की मांग की थी. रिश्वत की पहली किस्त 15000 दी जा चुकी है. शेष 10000 रुपए की रिश्वत लेते समय लोकायुक्त की 12 सदस्य टीम ने कार्रवाई करते हुए रविंद्र गुप्ता को रंगे हाथ गिरफ्तार किया. लोकायुक्त की दो अन्य टीमें रविंद्र गुप्ता के घर और ऑफिस की जांच कर रही हैं, जहां आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज हो सकता है.

जिला पंचायत में पदस्थ रविंद्र गुप्ता रिश्वत लेने के मामले में अक्सर सुर्खियों में रहते थे. हर छोटे और बड़े काम के लिए यह सीधे पैसे लेते थे. हितग्राही भी इस अधिकारी से परेशान थे.

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