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खरीफ की फसल पूरी तरह बर्बाद, मुआवजे की गुहार लगा रहा किसान, सुध नहीं ले रहे हुक्मरान

नरसिंहपुर जिले में इस बार बारिश से खरीफ की फसल को भारी नुकसान हुआ है. जिले में उड़द, मक्का और सोयाबीन की फसल में 50 से 60 फीसदी तक खराब हो चुकी है. जिससे किसानों को परेशानियों का सामना करना है. किसानों ने सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए.

खरीफ की बसल बर्बाद
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Published : Nov 8, 2019, 5:36 AM IST

Updated : Nov 13, 2019, 11:46 PM IST

नरसिंहपुर। मध्य प्रदेश में इस बार हुई बारिश ने किसानों के हौसलों को तोड़ दिया है. धरती का सीना चीरकर लोगों की भूख मिटाने वाला किसान आज प्रकृति की आगे बेबस हो चुका है. प्रदेश के कई जिलों में खरीफ की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. बात अगर नरसिंहपुर जिले की जाए तो पूरे जिले में अतिवृष्टि के कारण किसानों की लगभग 50 से 60 फीसदी खरीफ की फसल बर्बाद हो चुकी है. जिसमें मक्का, उड़द, सोयाबीन की फसलें शामिल है.

नरसिंहपुर जिले में बर्बाद हुई खरीफ की फसले

नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा-गोटेगांव और नर्मदा तट से लगे आसपास के इलाकों में फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. फसलों पर इल्लियों का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि बची हुई फसल के बचने की उम्मीद भी अब कम ही नजर आती है. किसानों ने शासन से मुआवजे की गुहार लगाई है. लेकिन मुआवजे की उम्मीद नजर नहीं आ रही.

उड़द में लगी इल्लीयां
उड़द में लगी इल्लीयां

परेशान किसान का कहना है कि अगर जल्द से जल्द उन्हें मुआवजा नहीं मिला तो फिर आने वाली रबी की फसल के लिए उनके पास लागत तक नहीं बचेगी. वही कुछ किसान सरकार पर आरोप भी लगाते नजर आए, कि जब पिछली फसलों का ही मुआवजा नहीं मिला तो इस बार सरकार से क्या उम्मीद करे. खरीफ की फसल बर्बादी पर जब कृषि अधिकारियों से बात की गई. तो रटा रटाया जवाब मिला कि फसलों का सर्वे कर लिया गया है. रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है. मुआवजा राशि आएगी तो किसानों को बाट दी जाएगी.

नरसिंहपुर जिले में मक्के की फसल बर्बाद
नरसिंहपुर जिले में मक्के की फसल बर्बाद

बड़ा सवाल यह है कि पिछले कई वर्षों से किसान लगातार प्रकृति के प्रकोप झेल रहा है. कभी सूखे की मार पड़ी. तो इस बार आसमानी आफत से उनका नुकसान हुआ. ऐसे में ईटीवी भारत से की शासन और जनप्रतिनिधियों से अपील है कि वे जल्द से जल्द अन्नदाता की सुध ले और उन्हें मुआवजा उपलब्ध कराएं. ताकि उनकी स्थितियों में सुधार हो.

उड़द की फसल बर्बाद
उड़द की फसल बर्बाद

नरसिंहपुर। मध्य प्रदेश में इस बार हुई बारिश ने किसानों के हौसलों को तोड़ दिया है. धरती का सीना चीरकर लोगों की भूख मिटाने वाला किसान आज प्रकृति की आगे बेबस हो चुका है. प्रदेश के कई जिलों में खरीफ की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. बात अगर नरसिंहपुर जिले की जाए तो पूरे जिले में अतिवृष्टि के कारण किसानों की लगभग 50 से 60 फीसदी खरीफ की फसल बर्बाद हो चुकी है. जिसमें मक्का, उड़द, सोयाबीन की फसलें शामिल है.

नरसिंहपुर जिले में बर्बाद हुई खरीफ की फसले

नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा-गोटेगांव और नर्मदा तट से लगे आसपास के इलाकों में फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. फसलों पर इल्लियों का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि बची हुई फसल के बचने की उम्मीद भी अब कम ही नजर आती है. किसानों ने शासन से मुआवजे की गुहार लगाई है. लेकिन मुआवजे की उम्मीद नजर नहीं आ रही.

उड़द में लगी इल्लीयां
उड़द में लगी इल्लीयां

परेशान किसान का कहना है कि अगर जल्द से जल्द उन्हें मुआवजा नहीं मिला तो फिर आने वाली रबी की फसल के लिए उनके पास लागत तक नहीं बचेगी. वही कुछ किसान सरकार पर आरोप भी लगाते नजर आए, कि जब पिछली फसलों का ही मुआवजा नहीं मिला तो इस बार सरकार से क्या उम्मीद करे. खरीफ की फसल बर्बादी पर जब कृषि अधिकारियों से बात की गई. तो रटा रटाया जवाब मिला कि फसलों का सर्वे कर लिया गया है. रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है. मुआवजा राशि आएगी तो किसानों को बाट दी जाएगी.

नरसिंहपुर जिले में मक्के की फसल बर्बाद
नरसिंहपुर जिले में मक्के की फसल बर्बाद

बड़ा सवाल यह है कि पिछले कई वर्षों से किसान लगातार प्रकृति के प्रकोप झेल रहा है. कभी सूखे की मार पड़ी. तो इस बार आसमानी आफत से उनका नुकसान हुआ. ऐसे में ईटीवी भारत से की शासन और जनप्रतिनिधियों से अपील है कि वे जल्द से जल्द अन्नदाता की सुध ले और उन्हें मुआवजा उपलब्ध कराएं. ताकि उनकी स्थितियों में सुधार हो.

उड़द की फसल बर्बाद
उड़द की फसल बर्बाद
Intro:जिले भर में अतिवृष्टि से किसानों की खरीफ की फसलें खराब हो गई अतिवृष्टि कारण किसानों की लगभग 50 से 60 फ़ीसदी से ज्यादा फसलों को नुकसान हुआ है इसमें मुख्य रूप से राहत मक्का सोयाबीन फसलें शामिल है किसानों ने जल्द से जल्द सरकार से मुआवजा देने की मांग कर रही है सर्वे होने के बाद भी अभी किसानों के खातों में मुआवजा राशि नहीं आई हैBody:जिले भर में अतिवृष्टि से किसानों की खरीफ की फसलें खराब हो गई अतिवृष्टि कारण किसानों की लगभग 50 से 60 फ़ीसदी से ज्यादा फसलों को नुकसान हुआ है इसमें मुख्य रूप से राहत मक्का सोयाबीन फसलें शामिल है किसानों ने जल्द से जल्द सरकार से मुआवजा देने की मांग कर रही है सर्वे होने के बाद भी अभी किसानों के खातों में मुआवजा राशि नहीं आई है किसानों को रवि की फसल में लागत लगाने के लिए रुपया मिल सके इसके लिए वह सरकार से मुआवजा की मांग कर रहे हैं नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा गोटेगांव और नर्मदा तट से लगे आसपास के इलाकों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है क्षेत्र के किसानों की फसलों पर 80 फ़ीसदी तक नुकसान हुआ है वही राहर में इल्ली का प्रकोप बढ़ने से किसानों को नुकसान हो रहा है गोटेगांव के आसपास के लगभग 20 से 25 ग्रामों में हुई अधिक बारिश के कारण किसानों की सोयाबीन की फसल चौपट हो गई ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 60 फ़ीसदी से अधिक किसानों ने सोयाबीन राहत मक्का फसल लगाई थी शुरू में अच्छी बारिश से किसानों को उम्मीद थी कि फसल की आवक अच्छी होगी लेकिन बाद में अधिक वर्षा होने से फसलों को भारी नुकसान हो गया वहीं कृषि विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि सर्वे कर शासन के पास रिपोर्ट भेज दी है जैसे ही मुआवजा राशि आएगी किसानों के किसानों को वितरण कर दी जाएगी

वाइट 01 डीपी मेहरा कृषि विस्तारक अधिकारी

वाइट 02 नवरत्न पटेल किसान पीड़ित

वाइट 03 कौशल पटेल किसान पीड़ित

वाइट 04 किसान मुकेश किसान पीड़ितConclusion:ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 60 फ़ीसदी से अधिक किसानों ने सोयाबीन राहत मक्का फसल लगाई थी शुरू में अच्छी बारिश से किसानों को उम्मीद थी कि फसल की आवक अच्छी होगी लेकिन बाद में अधिक वर्षा होने से फसलों को भारी नुकसान हो गया वहीं कृषि विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि सर्वे कर शासन के पास रिपोर्ट भेज दी है जैसे ही मुआवजा राशि आएगी किसानों के किसानों को वितरण कर दी जाएगी
Last Updated : Nov 13, 2019, 11:46 PM IST
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