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जगतगुरु शंकराचार्य महाराज स्वामी स्वरूपानंद जी ने दिपावली पर बताया मां की आराधना का महत्व

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Published : Oct 27, 2019, 11:23 PM IST

शंकराचार्य ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार दीपावली एक पर्व है यह पर्व रात्रि में आता है दुर्गा सप्तशती मैं 3 रात्रिऔ को भगवती का स्वरूप माना गया है.

जगतगुरु शंकराचार्य महाराज स्वामी स्वरूपानंद जी

नरसिंहपुर। जगतगुरु आदि शंकराचार्य महाराज स्वामी स्वरूपानंद जी ने परमहंसी गंगा आश्रम में दिपावली पर्व का महत्व बताया. शंकराचार्य महाराज ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार दीपावली एक पर्व है यह पर्व रात में आता है. दुर्गा सप्तशती में 3 रात्रियों को भगवती का स्वरूप माना गया है.

दिपावली पर मां भगवती की पूजा का बताया महत्व

कालरात्रि महा रात्रि मुंह रात्रि कालरात्रि कार्तिक के समय अमावस्या में आती है दिपावली श्रीकृष्ण पक्ष के फागुन में आती है. मोह रात्रि शुक्ल पक्ष की अष्टमी में आती है.
उन्होंने बताया कि कल रात्रि में यदि मां भगवती जगदंबा का आराधना की जाए तो मां भगवती का अवशेष अनुग्रह प्राप्त होता है और हमारा भविष्य लक्ष्मी पर आधारित है.

नरसिंहपुर। जगतगुरु आदि शंकराचार्य महाराज स्वामी स्वरूपानंद जी ने परमहंसी गंगा आश्रम में दिपावली पर्व का महत्व बताया. शंकराचार्य महाराज ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार दीपावली एक पर्व है यह पर्व रात में आता है. दुर्गा सप्तशती में 3 रात्रियों को भगवती का स्वरूप माना गया है.

दिपावली पर मां भगवती की पूजा का बताया महत्व

कालरात्रि महा रात्रि मुंह रात्रि कालरात्रि कार्तिक के समय अमावस्या में आती है दिपावली श्रीकृष्ण पक्ष के फागुन में आती है. मोह रात्रि शुक्ल पक्ष की अष्टमी में आती है.
उन्होंने बताया कि कल रात्रि में यदि मां भगवती जगदंबा का आराधना की जाए तो मां भगवती का अवशेष अनुग्रह प्राप्त होता है और हमारा भविष्य लक्ष्मी पर आधारित है.

Intro:जगतगुरु शंकराचार्य महाराज स्वामी स्वरूपानंद जी ने आज परमहंसी गंगा आश्रम में दिवाली पर्व का महत्व बताया शंकराचार्य ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार दीपावली एक पर्व है यह पर्व रात्रि में आता है दुर्गा सप्तशती मैं 3 रात्रिऔ को भगवती का स्वरूप माना गया है Body:नरसिंहपुर

जगतगुरु शंकराचार्य महाराज स्वामी स्वरूपानंद जी ने आज परमहंसी गंगा आश्रम में दिवाली पर्व का महत्व बताया शंकराचार्य ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार दीपावली एक पर्व है यह पर्व रात्रि में आता है दुर्गा सप्तशती मैं 3 रात्रिऔ को भगवती का स्वरूप माना गया है कालरात्रि महा रात्रि मुंह रात्रि कालरात्रि कार्तिक के समय अमावस्या में आती है आती है महाराज श्री कृष्ण पक्ष के फागुन में आती है मोह रात्रि शुक्ल पक्ष की अष्टमी में आती है कल रात्रि में यदि मां भगवती जगदंबा का आराधना की जाए तो तो मां भगवती का अवशेष अनुग्रह प्राप्त होता है और हमारा भविष्य लक्ष्मी पर आधारित है

तवाइट 01 जगतगुरु स्वामी शंकराचार्य जी महाराजConclusion:जगतगुरु शंकराचार्य महाराज स्वामी स्वरूपानंद जी ने आज परमहंसी गंगा आश्रम में दिवाली पर्व का महत्व बताया शंकराचार्य ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार दीपावली एक पर्व है यह पर्व रात्रि में आता है दुर्गा सप्तशती मैं 3 रात्रिऔ को भगवती का स्वरूप माना गया है
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