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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी गौशाला, सरपंच-सचिव कर रहे लापरवाही

नरसिंहपुर जिले के ग्राम पंचायत पीपारवानी पान में 27 लाख की लागत बनने वाले गौशाला निर्माण में गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग किया जा रहा है. जिसमें सरपंच और सचिव की लापरवाही का मामला सामने आया है.

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27 लाख की लागत की गौशाला चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट
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Published : Feb 12, 2020, 8:24 PM IST

Updated : Feb 12, 2020, 10:04 PM IST

नरसिंहपुर। कमलनाथ सरकार के वचन पत्र में शामिल गौशाला के निर्माण में सरपंच और सचिव की लापरवाही सामने आई है. मामला नरसिंहपुर जिले के चावरपाठा विकासखंड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पीपारवानी पान का है, जहां 27 लाख की लागत से बनने वाले गौशाला में गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, जो भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गई.

27 लाख की लागत की गौशाला चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट

गौशाला निर्माण कार्य पंचायत द्वारा किया जा रहा है, जहां पर गौशाला का निर्माण गुणवत्ता को ताक पर रख कर किया जा रहा है. जब ईटीवी भारत की टीम गौशाला पहुंची, तो देखा कि भवन निर्माण में नाले की मिट्टी मिली रेत का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिससे भवन कभी भी क्षतिग्रस्त होकर धराशायी हो सकता है. जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने भी की है, लेकिन बेखौफ सरपंच-सचिव धड़ल्ले से नियमों को ताक पर रखकर गुणवत्ताहीन सामग्री का प्रयोग गौशाला बनाने में कर रहा है.

वहीं प्रशासनिक उपयंत्री ने निरीक्षण के बाद भी मिट्टी वाली रेत को अनुमति दी. जिससे लगता है कि संपूर्ण प्रशासनिक अमला मिलीभगत से काम कर रहा है.

नरसिंहपुर। कमलनाथ सरकार के वचन पत्र में शामिल गौशाला के निर्माण में सरपंच और सचिव की लापरवाही सामने आई है. मामला नरसिंहपुर जिले के चावरपाठा विकासखंड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पीपारवानी पान का है, जहां 27 लाख की लागत से बनने वाले गौशाला में गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, जो भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गई.

27 लाख की लागत की गौशाला चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट

गौशाला निर्माण कार्य पंचायत द्वारा किया जा रहा है, जहां पर गौशाला का निर्माण गुणवत्ता को ताक पर रख कर किया जा रहा है. जब ईटीवी भारत की टीम गौशाला पहुंची, तो देखा कि भवन निर्माण में नाले की मिट्टी मिली रेत का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिससे भवन कभी भी क्षतिग्रस्त होकर धराशायी हो सकता है. जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने भी की है, लेकिन बेखौफ सरपंच-सचिव धड़ल्ले से नियमों को ताक पर रखकर गुणवत्ताहीन सामग्री का प्रयोग गौशाला बनाने में कर रहा है.

वहीं प्रशासनिक उपयंत्री ने निरीक्षण के बाद भी मिट्टी वाली रेत को अनुमति दी. जिससे लगता है कि संपूर्ण प्रशासनिक अमला मिलीभगत से काम कर रहा है.

Last Updated : Feb 12, 2020, 10:04 PM IST
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