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अजब एमपी के गजब 'आबिशकार' शिक्षक, पढ़िए ये रिपोर्ट

नरसिंहपुर के सांईखेड़ा शासकीय नवीन माध्यमिक शाला में पढ़ाने वाले शिक्षकों की साक्षरता स्तर जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. शिकक्ष नहीं लिख पाए आविष्कार शब्द तो शिक्षिका को नहीं मालूम है शिक्षा मंत्री का नाम.

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Published : Aug 2, 2019, 2:05 PM IST

Updated : Aug 2, 2019, 8:36 PM IST

अजब एमपी के गजब 'अबिशकारी' शिक्षक

नरसिंहपुर। नौनिहालों को शिक्षित कर देश का भविष्य बदलने की जिम्मेदारी जिन कंधों पर है, उनकी शिक्षा का स्तर देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे. कहते हैं प्राथमिक शिक्षा छात्रों के जीवन की नींव होती है, लेकिन अगर नींव ही कमजोर होगी तो देश का भविष्य कैसे मजबूत बन सकता है. एक बार फिर अजब एमपी के शिक्षकों का गजब करनामा सामने आया है, जिसे उनकी साक्षरता के स्तर की पोल खुल गई है.

अजब एमपी के गजब 'अबिशकारी' शिक्षक
एक ओर सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक स्तर को सुधारने के लिए सरकार शिक्षकों को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण देकर उनकी गुणवत्ता में सुधार का दावा कर रही है. वहीं दूसरी ओर शिक्षकों में ज्ञान की कमी सारे दावों को सिरे से नकार रही है. पूर्ण शिक्षित जिले की शिक्षा को किस तरह नया आयाम दिया जा रहा है. जब इसका रियल्टी टेस्ट किया गया तो जमीनी हकीकत ने हैरान कर दिया.

यह है शासकीय नवीन माध्यमिक शाला के शिक्षक, जिन्हें आविष्कार लिखने को कहा गया, तो मास्टर जी ने नया ही 'आविष्कार' कर दिखाया. पहले इस शिक्षक ने आविष्कार को "आबिशकार" लिखा और फिर बेशर्मी से हंसते हुए यहां-वहां देखने लगे. इंग्लिश तो छोड़िए मास्टजी तो सही से हिंदी तक नहीं लिख पा रहे हैं.

दूसरी तस्वीर में आप जो मौहतरमा देख रहे है वह बच्चों को गणित पढ़ा रही हैं. जब उनसे देश के शिक्षा मंत्री का नाम पूछा गया तो मैडम जी की सांसे फूलने लगीं. भारत के शिक्षा मंत्री तो छोड़िए उन्हें मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री का भी नाम नहीं पता है. मैडम जी का कहना है कि मुझे नाम तो पाता है, लेकिन में बता नहीं पा रही. वहीं छात्रों को प्रदेश के मुख्यमंत्री का नाम तक मालूम नहीं. इस सब से आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं, अगर ऐसे पढ़ेगा इंडिया तो कैसे बढ़ेगा इंडिया . वहीं इस मामले में कलेक्टर का कहना है कि वे जिला शिक्षा अधिकारी से जानकारी लेकर ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई करेंगे.

नरसिंहपुर। नौनिहालों को शिक्षित कर देश का भविष्य बदलने की जिम्मेदारी जिन कंधों पर है, उनकी शिक्षा का स्तर देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे. कहते हैं प्राथमिक शिक्षा छात्रों के जीवन की नींव होती है, लेकिन अगर नींव ही कमजोर होगी तो देश का भविष्य कैसे मजबूत बन सकता है. एक बार फिर अजब एमपी के शिक्षकों का गजब करनामा सामने आया है, जिसे उनकी साक्षरता के स्तर की पोल खुल गई है.

अजब एमपी के गजब 'अबिशकारी' शिक्षक
एक ओर सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक स्तर को सुधारने के लिए सरकार शिक्षकों को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण देकर उनकी गुणवत्ता में सुधार का दावा कर रही है. वहीं दूसरी ओर शिक्षकों में ज्ञान की कमी सारे दावों को सिरे से नकार रही है. पूर्ण शिक्षित जिले की शिक्षा को किस तरह नया आयाम दिया जा रहा है. जब इसका रियल्टी टेस्ट किया गया तो जमीनी हकीकत ने हैरान कर दिया.

यह है शासकीय नवीन माध्यमिक शाला के शिक्षक, जिन्हें आविष्कार लिखने को कहा गया, तो मास्टर जी ने नया ही 'आविष्कार' कर दिखाया. पहले इस शिक्षक ने आविष्कार को "आबिशकार" लिखा और फिर बेशर्मी से हंसते हुए यहां-वहां देखने लगे. इंग्लिश तो छोड़िए मास्टजी तो सही से हिंदी तक नहीं लिख पा रहे हैं.

दूसरी तस्वीर में आप जो मौहतरमा देख रहे है वह बच्चों को गणित पढ़ा रही हैं. जब उनसे देश के शिक्षा मंत्री का नाम पूछा गया तो मैडम जी की सांसे फूलने लगीं. भारत के शिक्षा मंत्री तो छोड़िए उन्हें मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री का भी नाम नहीं पता है. मैडम जी का कहना है कि मुझे नाम तो पाता है, लेकिन में बता नहीं पा रही. वहीं छात्रों को प्रदेश के मुख्यमंत्री का नाम तक मालूम नहीं. इस सब से आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं, अगर ऐसे पढ़ेगा इंडिया तो कैसे बढ़ेगा इंडिया . वहीं इस मामले में कलेक्टर का कहना है कि वे जिला शिक्षा अधिकारी से जानकारी लेकर ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई करेंगे.

Intro:आज हम आपको अजब "एमपी" के गज़ब मास्टरजीयों से मिलवाने जा रहे है जिसकी शैक्षणिक योग्यता को देखकर आप भी अपना माथा पकड़ने को मजबूर हो जाएंगे और वर्तमान की शिक्षा व्यवस्था को भी कोसने को मजबूर हो जाएंगे जरा गौर से देखिये देश की शिक्षा व्यवस्था के इन मौजूदा हालातो को इस खास पड़ताल में ......Body:एंकर -आज हम आपको अजब "एमपी" के गज़ब मास्टरजीयों से मिलवाने जा रहे है जिसकी शैक्षणिक योग्यता को देखकर आप भी अपना माथा पकड़ने को मजबूर हो जाएंगे और वर्तमान की शिक्षा व्यवस्था को भी कोसने को मजबूर हो जाएंगे जरा गौर से देखिये देश की शिक्षा व्यवस्था के इन मौजूदा हालातो को इस खास पड़ताल में ......


- जिस नरसिंहपुर जिले को शिक्षा के क्षेत्र में पूर्ण साक्षर जिले का तमगा सबसे पहले मिला है वहाँ अज्ञानता का कैसा अंधेरा है ये नरसिंहपुर के तमाम शिक्षकों के ज्ञान से साफ पता चलता है कि देश के नोनिहालो के कोमल मन मे ज्ञान का प्रकाश प्रज्वलित करने वाले खुद कितने अज्ञानता के गहरे अंधेरे में है पूर्ण शिक्षित जिले की शिक्षा को किस तरह नया आयाम दिया जा रहा है यह इस रियल्टी टेस्ट सामने आ रहा है। जब हमारी टीम ने जिले में साक्षरता के संबंध में पड़ताल की तो पता चला कि जिले के शिक्षकों की शैक्षणिक गुणवत्ता ही आधी अधूरी है। जब शिक्षकों से सामान्य ज्ञान के कुछ प्रश्न पूछे तो ज़िले में ऐसे ऐसे शिक्षक मिले जिन्हें भारत के "शिक्षा मंत्री" कौन है ये तक नहीं पता है भारत के शिक्षा मंत्री तो छोड़िए उन्हें मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री के बारे में तक नहीं पता है उनका नाम तक नहीं जानते है।


वीओ -- आप इतने भर से मत चौकिये अभी पूरी पड़ताल बाकी है और आगे पड़ताल की तो ज़िले से ही चुनकर गए मध्य प्रदेश के विधान सभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति का नाम तक नहीं पता है। जो इसी जिले से चुनकर आये है ये मास्टर जी तो अभी भी शिवराज को ही मुख्यमंत्री बता रहे है एक शिक्षिका ने तो कमलनाथ को ही शिक्षा मंत्री बना दिया है तो दूसरे एक शिक्षक ने तो केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को ही मध्यप्रदेश



-हमारी टीम ने जब आगे बढ़कर शिक्षकों से ओर पूछने का प्रयास किया तो पता चला कि शिक्षक सही ढंग से हिंदी तक नहीं लिख पा रहे हैं। हमने ब्लैक बोर्ड पर लिखने को क्या कह दिया मानो जुल्म ही कर दिया शिक्षकों से "आशीर्वाद" "आविष्कार" "मंत्रिमंडल" "दंपती" "सांसारिक" जैसे शब्दों की वर्तनी तक नहीं लिख पा रहे हैं। जब हमारी टीम ने एक शिक्षक से "आविष्कार" लिखने को कहा तो मास्टर जी ने नया ही अविष्कार कर दिया। मास्टर जी यहां भी फेल हो गए और सही नहीं लिख पाने पर बगलें हांकने लगे। मास्टर जी के इस नए आविष्कार को देख आप भी चौकिएगा नहीं क्योंकि पढ़ा वो रहे थे और बार बार पूछ हमसे रहे थे। शिक्षकों का ज्ञान जानकर हमने भी अपना माथा पकड़ लिया इंग्लिश तो छोड़िए ये सही से हिंदी तक नहीं लिख पा रहे हैं
- अगर ऐसे शिक्षकों के हांथो में देश के भविष्य की बुनियाद रखी जायेगी तो क्या पता इससे बनने वाली इमारत कितने दिनों खड़ी रहेगी। देश में शिक्षा का हाल क्या है यह देखकर आप भी सरकारी स्कूलों से मुंह मोड़ रहे लोगों का अंदेशा लगा सकते हैं। जब शिक्षक जिले के कलेक्टर को न जानते हो और अपने ही विभागीय अधिकारी यानी जिला शिक्षा अधिकारी को न जाने तो वह विद्यार्थियों के जीवन मे भविष्य की नींव कितनी मजबूत रखेंगे आप इसका अंदाजा खुद ही लगा सकते है
- इन सभी हालातो के इतर जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग समय समय पर इन मास्टर जी को शैक्षणिक दक्षता की बात कहता नजर आ रहा है पर क्या इनकी दक्षता का प्रशिक्षण भी सरकारी हुक्मरानों की फाइलों तक ही सीमित होकर रह जाता है इस विषय मे हम क्या कहे हालात आपके सामने है हा मीडिया द्वारा सच उजागर करने पर हर बात की तरह एक जबाब जरूर सुनने को मिलता है कि यदि ऐसा है तो हम जांच करेंगे ओचक निरीक्षण करेंगे और कार्यवाही होगी




साइन आउट - क्या सिर्फ कार्यवाही का झुनझुना पकड़ाकर विद्यार्थी जीवन का खोया हुआ कल वापिस लाया जा सकता है देश की शिक्षा का यह हाल सरकार के दावों की पोल खोलता नज़र आता है भले ही सरकार शिक्षा के प्रति कितनी भी योजनाएं चला ले कितने भी प्रशिक्षण दे ले लेकिन जमीनी स्तर पर उनका परिणाम शून्य ही मिल रहा है। और अगर ऐसे पढ़ेगा इंडिया तो कैसे बढ़ेगा इंडिया यह सवाल का जबाब तलाशना भी देश की सरकारों के लिए बेहद जरूरी हो जाता है वर्ना आने वाली पीढ़ी न केवल देश की शिक्षा व्यवस्था को कोसेगी बल्कि उनका भविष्य भी गहरे गर्त में चला जायेगा 
व्हाइट 01 दीपक सक्सेना कलेक्टर नरसिंहपुरConclusion:क्या सिर्फ कार्यवाही का झुनझुना पकड़ाकर विद्यार्थी जीवन का खोया हुआ कल वापिस लाया जा सकता है देश की शिक्षा का यह हाल सरकार के दावों की पोल खोलता नज़र आता है भले ही सरकार शिक्षा के प्रति कितनी भी योजनाएं चला ले कितने भी प्रशिक्षण दे ले लेकिन जमीनी स्तर पर उनका परिणाम शून्य ही मिल रहा है। और अगर ऐसे पढ़ेगा इंडिया तो कैसे बढ़ेगा इंडिया यह सवाल का जबाब तलाशना भी देश की सरकारों के लिए बेहद जरूरी हो जाता है वर्ना आने वाली पीढ़ी न केवल देश की शिक्षा व्यवस्था को कोसेगी बल्कि उनका भविष्य भी गहरे गर्त में चला जायेगा 
Last Updated : Aug 2, 2019, 8:36 PM IST
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