न्यूयॉर्क: गाजा में इजराइल और फिलिस्तीनी समूह हमास के बीच पिछले एक साल से युद्ध जारी है. 7 अक्टूबर 2023 में दक्षिण इजराइल पर हमास के खौफनाक हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकांश आम नागरिक थे. इसके बाद इजराइल ने हमास को खत्म करने के इरादे से फिलिस्तीनी क्षेत्र गाजा में भीषण बमबारी की. इजराइल के हमलों में गाजा में अब तक करीब 42 हजार लोग मारे जा चुके हैं. साथ ही गजा पूरी तरह तबाह हो चुका है.
द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हमास नेता याह्या सिनवार दो साल से अधिक समय से अपने शीर्ष कमांडरों के साथ मिलकर इजराइल पर हमले की साजिश रचा था और उसे उम्मीद थी कि आतंकवादी समूह के चार दशक के इतिहास में इजराइल पर सबसे विनाशकारी और अस्थिर करने वाला हमला होगा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इजराइली सेना द्वारा जब्त किए गए हमास की गुप्त बैठकों के मिनट दस्तावेज 7 अक्टूबर के हमले की योजना का विस्तृत रिकॉर्ड प्रदान करते हैं. साथ ही दस्तावेज बताते हैं कि सिनवार को हमास के सहयोगियों, ईरान और हिजबुल्लाह को हमले में शामिल होने के लिए मनाने या हमास द्वारा सीमा पार से अचानक हमला किए जाने की स्थिति में इजराइल के खिलाफ व्यापक लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध होने के दृढ़ संकल्प का था.
ये दस्तावेज इस बात की ओर इशारा करते हुए हैं कि सिनवार को उम्मीद थी कि 7 अक्टूबर के हमले से इजराइल ध्वस्त हो जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक, 7 अक्टूबर के हमले से पहले हमास के राजनीतिक और सैन्य नेताओं के छोटे समूह की 10 गुप्त बैठकें हुई थीं.
इन बैठकों के दस्तावेज हमास के नेतृत्व की मुख्य रणनीतियों को भी बताते हैं. जिसके मुताबिक, हमास ने शुरू में 2022 के अंत में हमले को अंजाम देने की योजना बनाई थी, जिसे उसने 'द बिग प्रोजेक्ट' कोड नाम दिया था. लेकिन हमास ने इसे अंजाम देने में देरी की क्योंकि उसने ईरान और हिजबुल्लाह को इसमें भाग लेने के लिए मनाने की कोशिश की. हमास नेताओं का तर्क था कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की न्यायपालिका में सुधार की विवादास्पद योजनाओं के कारण इजराइल की आंतरिक स्थिति में उथल-पुथल है. इस वे रणनीतिक लड़ाई की ओर बढ़ने के लिए मजबूर हुए.
जुलाई 2023 में हमास ने अपने एक शीर्ष अधिकारी को लेबनान भेजा, जहां उसने एक वरिष्ठ ईरानी कमांडर से मुलाकात की और हमले की शुरुआत में इजराइल में संवेदनशील स्थलों पर हमला करने में मदद का अनुरोध किया. ईरानी कमांडर ने हमास को बताया कि ईरान और हिजबुल्लाह सैद्धांतिक रूप से उनके साथ खड़े हैं, लेकिन उन्हें तैयारी के लिए और समय चाहिए.
दस्तावेजों में यह भी कहा गया है कि हमास ने उस समय हिजबुल्लाह प्रमुथ हसन नसरल्लाह के साथ बैठक कर हमले पर अधिक विस्तार से चर्चा करने की योजना बनाई थी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि चर्चा हुई या नहीं. हमास को अपने सहयोगियों से समर्थन का भरोसा था, लेकिन उसने निष्कर्ष निकाला कि उसे उनकी पूरी भागीदारी के बिना आगे बढ़ने की आवश्यकता हो सकती है.
हमला करने का निर्णय हमास की इजराइल और सऊदी अरब के बीच संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयासों को बाधित करने की इच्छा, पश्चिमी तट पर इजराइल के कब्जे की मजबूती और यरुशलम में अक्सा मस्जिद परिसर पर अधिक नियंत्रण करने के इजराइल के प्रयासों से भी प्रभावित था.
रिपोर्ट के मुताबिक, हमास ने 7 अक्टूबर के हमले की किसी को भनक न लगे, इसके लिए 2021 से दो साल के लिए जानबूझकर इजराइल के साथ बड़े टकराव से परहेज किया. हमास नेताओं को यह दिखाना था कि उन्हें "दुश्मन को यह विश्वास दिलाना होगा कि गाजा में हमास शांति चाहता है."
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