नरसिंहपुर। छात्रों को स्वच्छता के लिए जागरूक करने के लिए जिला स्तरीय शैक्षणिक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसकी शुरुआत मध्यप्रदेश के पहले सम्पूर्ण ओडीएफ घोषित जिले नरसिंहपुर से किया जा रहा है. इस कार्यशाला में छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों की क्या भूमिका हो, इस पर भी जोर दिया गया.
'वास इन स्कूल' प्रोग्राम के तहत यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेंस फंड, (यूनीसेफ) और राइजिंग आर्यावर्त वेलफेयर सोसायटी (रॉस इंडिया) द्वारा स्कूली शिक्षा में स्वच्छता के महत्व पर जोर दिया जा रहा है. इस प्रोग्राम के तहत ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों, स्कूल प्राचार्यों को प्रशिक्षित किया जा रहा. जिसमें शाला स्वच्छता कार्यक्रम के अंतर्गत जिले की सभी शासकीय स्कूल और शाला परिसरों को साफ-सुथरा बनाये रखकर और उनकी स्वच्छता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रशिक्षण दिया जा रहा है. कार्यशाला में स्वच्छता से जुड़ी सुविधाओं की दृष्टि से एक और दो स्टार वाली शालाओं को अपग्रेड कर तीन और चार स्टार वाली शालाओं में परिवर्तित करने के लिए विकासखंड स्तरीय अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया.
आयोजित कार्यशाला में यूनिसेफ के को-ऑर्डिनेटर ने बीआरसी और स्कूल प्राचार्यों को बताया कि जिस तरह जिले को पूर्ण ओडीएफ बनाया गया, उसी तर्ज पर अब स्कूल को भी स्वच्छता के मापदंडों पर खरा उतारा जाएगा. उनका कहना है कि 1 स्टार एवं 2 स्टार की श्रेणी से शुरुआत करते हुए 5 स्टार की श्रेणी में स्कूल को लाया जा सकता है. जिसमें छात्र-छात्राओं के अलग शौचालय, शुद्ध पेयजल व्यवस्था, हाथ धोने का समुचित प्रबन्ध और बाल कैबिनेट के प्रबंध पर स्कूली बच्चों में स्वच्छता के प्रति प्रारंभिक चरण में उनके मस्तिष्क का विकास कर सकते हैं. जिसे वह आगामी चरण में आदतों में शामिल कर सकें.