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छात्रों को स्वच्छता के लिए किया गया जागरूक, जिला स्तरीय शैक्षणिक कार्यशाला का आयोजन - स्वच्छता जागरूकता के लिए जिला स्तरीय शैक्षिक कार्यशाला का आयोजन

छात्रों में स्वच्छता के प्रति आदतों को विकसित करने के लिए जिला स्तरीय शैक्षणिक कार्यशाला का आयोजन किया गया. शाला जल एवं स्वच्छता कार्यक्रम के नाम से ये आयोजित किया जा रहा है.

जिला स्तरीय शैक्षिक कार्यशाला आयोजिन
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Published : Jul 12, 2019, 3:29 PM IST

नरसिंहपुर। छात्रों को स्वच्छता के लिए जागरूक करने के लिए जिला स्तरीय शैक्षणिक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसकी शुरुआत मध्यप्रदेश के पहले सम्पूर्ण ओडीएफ घोषित जिले नरसिंहपुर से किया जा रहा है. इस कार्यशाला में छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों की क्या भूमिका हो, इस पर भी जोर दिया गया.

जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

'वास इन स्कूल' प्रोग्राम के तहत यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेंस फंड, (यूनीसेफ) और राइजिंग आर्यावर्त वेलफेयर सोसायटी (रॉस इंडिया) द्वारा स्कूली शिक्षा में स्वच्छता के महत्व पर जोर दिया जा रहा है. इस प्रोग्राम के तहत ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों, स्कूल प्राचार्यों को प्रशिक्षित किया जा रहा. जिसमें शाला स्वच्छता कार्यक्रम के अंतर्गत जिले की सभी शासकीय स्कूल और शाला परिसरों को साफ-सुथरा बनाये रखकर और उनकी स्वच्छता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रशिक्षण दिया जा रहा है. कार्यशाला में स्वच्छता से जुड़ी सुविधाओं की दृष्टि से एक और दो स्टार वाली शालाओं को अपग्रेड कर तीन और चार स्टार वाली शालाओं में परिवर्तित करने के लिए विकासखंड स्तरीय अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया.

आयोजित कार्यशाला में यूनिसेफ के को-ऑर्डिनेटर ने बीआरसी और स्कूल प्राचार्यों को बताया कि जिस तरह जिले को पूर्ण ओडीएफ बनाया गया, उसी तर्ज पर अब स्कूल को भी स्वच्छता के मापदंडों पर खरा उतारा जाएगा. उनका कहना है कि 1 स्टार एवं 2 स्टार की श्रेणी से शुरुआत करते हुए 5 स्टार की श्रेणी में स्कूल को लाया जा सकता है. जिसमें छात्र-छात्राओं के अलग शौचालय, शुद्ध पेयजल व्यवस्था, हाथ धोने का समुचित प्रबन्ध और बाल कैबिनेट के प्रबंध पर स्कूली बच्चों में स्वच्छता के प्रति प्रारंभिक चरण में उनके मस्तिष्क का विकास कर सकते हैं. जिसे वह आगामी चरण में आदतों में शामिल कर सकें.

नरसिंहपुर। छात्रों को स्वच्छता के लिए जागरूक करने के लिए जिला स्तरीय शैक्षणिक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसकी शुरुआत मध्यप्रदेश के पहले सम्पूर्ण ओडीएफ घोषित जिले नरसिंहपुर से किया जा रहा है. इस कार्यशाला में छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों की क्या भूमिका हो, इस पर भी जोर दिया गया.

जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

'वास इन स्कूल' प्रोग्राम के तहत यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेंस फंड, (यूनीसेफ) और राइजिंग आर्यावर्त वेलफेयर सोसायटी (रॉस इंडिया) द्वारा स्कूली शिक्षा में स्वच्छता के महत्व पर जोर दिया जा रहा है. इस प्रोग्राम के तहत ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों, स्कूल प्राचार्यों को प्रशिक्षित किया जा रहा. जिसमें शाला स्वच्छता कार्यक्रम के अंतर्गत जिले की सभी शासकीय स्कूल और शाला परिसरों को साफ-सुथरा बनाये रखकर और उनकी स्वच्छता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रशिक्षण दिया जा रहा है. कार्यशाला में स्वच्छता से जुड़ी सुविधाओं की दृष्टि से एक और दो स्टार वाली शालाओं को अपग्रेड कर तीन और चार स्टार वाली शालाओं में परिवर्तित करने के लिए विकासखंड स्तरीय अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया.

आयोजित कार्यशाला में यूनिसेफ के को-ऑर्डिनेटर ने बीआरसी और स्कूल प्राचार्यों को बताया कि जिस तरह जिले को पूर्ण ओडीएफ बनाया गया, उसी तर्ज पर अब स्कूल को भी स्वच्छता के मापदंडों पर खरा उतारा जाएगा. उनका कहना है कि 1 स्टार एवं 2 स्टार की श्रेणी से शुरुआत करते हुए 5 स्टार की श्रेणी में स्कूल को लाया जा सकता है. जिसमें छात्र-छात्राओं के अलग शौचालय, शुद्ध पेयजल व्यवस्था, हाथ धोने का समुचित प्रबन्ध और बाल कैबिनेट के प्रबंध पर स्कूली बच्चों में स्वच्छता के प्रति प्रारंभिक चरण में उनके मस्तिष्क का विकास कर सकते हैं. जिसे वह आगामी चरण में आदतों में शामिल कर सकें.

Intro:मध्यप्रदेश के पहले सम्पूर्ण ओडीएफ हो चुके जिले नरसिंहपुर में छात्र जीवन मे किस तरह बच्चो में स्वच्छता के प्रति आदतों के विस्तार हो और शिक्षकों की क्या भूमिका हो जिससे बच्चे न केवल स्वच्छता को अपनाए साथ ही दूसरों को भी अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए प्रेरित हो सके इसे लेकर नरसिंहपुर में यूनिसेफ और राईजिंग आर्यावर्त वेलफेयर सोसायटी द्वारा जिले के चारो विकासखंड के बीआरसी और प्राचार्यो की शैक्षणिक कार्यशाला आयोजित की गई Body:एंकर - मध्यप्रदेश के पहले सम्पूर्ण ओडीएफ हो चुके जिले नरसिंहपुर में छात्र जीवन मे किस तरह बच्चो में स्वच्छता के प्रति आदतों के विस्तार हो और शिक्षकों की क्या भूमिका हो जिससे बच्चे न केवल स्वच्छता को अपनाए साथ ही दूसरों को भी अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए प्रेरित हो सके इसे लेकर नरसिंहपुर में यूनिसेफ और राईजिंग आर्यावर्त वेलफेयर सोसायटी द्वारा जिले के चारो विकासखंड के बीआरसी और प्राचार्यो की शैक्षणिक कार्यशाला आयोजित की गई और उन्हें स्कूली छात्रों को इस तरह स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाए इसका प्रशिक्षण दिया गया 


वीओ 01 - वास इन स्कूल' प्रोग्राम के तहत यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेंस फंड, (यूनीसेफ) एंव राईजिंग आर्यावर्त वेलफेयर सोसायटी (रॉस इंडिया) द्वारा स्कूली शिक्षा में स्वच्छता के महत्व पर कार्यशाला आयोजित कर रही है जिसकी शुरुआत मध्यप्रदेश के पहले सम्पूर्ण  ओडीएफ घोषित जिले नरसिंहपुर से करने जा रही है और इसी के तहत जिले के सभी ब्लाक शिक्षा अधिकारियों , स्कूल प्राचार्यो को प्रशिक्षित किया जा रहा जिसमे शाला स्वच्छता कार्यक्रम के अंतर्गत जिले की सभी शासकीय शालाओं एवं शाला परिसरों को साफ- सुथरा बनाये रखकर उनकी स्वच्छता सुनिश्चित करने के उद्देश्य प्रशिक्षण दिया जा रहा है कार्यशाला में स्वच्छता से जुड़ी सुविधाओं की दृष्टि से एक एवं दो स्टार वाली शालाओं को अपग्रेड कर तीन एवं चार स्टार वाली शालाओं में परिवर्तित करने के लिए विकासखंड स्तरीय अधिकारियों को प्रशिक्षित किया
वीओ 02 - आयोजित कार्यशाला में यूनिसेफ के कोऑडिनेटर ने बीआरसी और स्कूल प्राचार्यो को बताया कि जिस तरह जिले को पूर्ण ओडीएफ बनाया गया उसी तर्ज पर अब स्कूल को भी स्वच्छता में मानदंडों पर पूर्णतः स्वच्छ वातावरण में निर्मित किया जा सकता है और और 1 स्टार एवं 2 स्टार की श्रेणी से शुरुआत करते हुए 5 स्टार की श्रेणी में स्कूल को लाया जा सकता है जिसमे बालक बालिका के प्रथक शौचालय ,शुद्ध पेयजल व्यवस्था ,हाथ धोने की समुचित प्रबन्ध एंव बाल कैबिनेट इत्यादि के प्रबंध पर स्कूली बच्चो में स्वच्छता के प्रति प्रारंभिक चरण में उनके मस्तिक का विकास कर सकते है जिसे वह आगामी चरण में आदतों में शामिल कर


बाइट - अमित कुमार , रॉस इंडिया संस्था भोपाल 


साइन आउट - बेस निर्माण के लिए जिस तरह नींव को मजबूत करने की जरूरत होती है उसी तरह यदि स्कूल में ही बच्चो में अगर स्वच्छता के प्रति सकारात्मक सोच का निर्माण होगा तो वास्तविक अर्थो में स्वकछता के प्रति सजगता का भव उतपन्न होगा ऐसे में यूनिसेफ की यह पहल स्वच्छ भारत मिशन के लिए न केवल बेहद उपयोगी सिद्ध होने वाली है बल्कि विकासशील से विकसित भारत के और उठने वाला एक सार्थक कदम है जो स्वच्छ भारत मिशन के लिए मील का पत्थर साबित होगा ।......Conclusion:बेस निर्माण के लिए जिस तरह नींव को मजबूत करने की जरूरत होती है उसी तरह यदि स्कूल में ही बच्चो में अगर स्वच्छता के प्रति सकारात्मक सोच का निर्माण होगा तो वास्तविक अर्थो में स्वकछता के प्रति सजगता का भव उतपन्न होगा ऐसे में यूनिसेफ की यह पहल स्वच्छ भारत मिशन के लिए न केवल बेहद उपयोगी सिद्ध होने वाली है बल्कि विकासशील से विकसित भारत के और उठने वाला एक सार्थक कदम है जो स्वच्छ भारत मिशन के लिए मील का पत्थर साबित होगा ।......
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