नरसिंहपुर। रविवार को बहरुपिया बाबा धर्मेंद्र दुबे के नादिया स्थित अवैध निर्माण को हटाने के लिए प्रशासनिक अमला पहुंचा. अमले ने सरकारी जमीन पर बने बाबा धर्मेंद्र दुबे के मकान को खाली कराया. साथ ही 'मारूति भवन' जहां बैठकर ढोंगी बाबा लोगों को ठगता था, उसे भी कब्जे से मुक्त कराया. ढोंगी धर्मेंद्र दुबे जुलाई के महीने से न्यायिक हिरासत में है. उस पर गांजा तस्करी और महिलाओं का शोषण और उनके अश्लील वीडियो बनाने का आरोप है.
सुआतला थाने में 4 मामले दर्ज होने के करीब दो महीने बाद अवैध निर्माण को 3 बुल्डोजरों से धराशाई किया गया है.
कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर भी चला बुल्डोजर
उपचुनाव में बीजेपी के खिलाफ अभियान चलाने वाले कंप्यूटर बाबा के गोम्टगिरी स्थित आश्रम पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है. कार्रवाई का विरोध करने पर पुलिस ने कंप्यूटर बाबा सहित उनके समर्थकों को इंदौर की सेंट्रल जेल भेज दिया है. इस कार्रवाई के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए मध्य प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है.
कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर चला प्रशासन का बुलडोजर, दिग्विजय सिंह ने की निंदा
खुद को कहता था हनुमान का अवतार
जानकारी के मुताबिक ढोंगी बाबा धर्मेंद्र दुबे खुद को हनुमान का अवतार कहता था. हर मंगलवार और शनिवार को ये अपना दरबार सजाकर नौटंकी से लोगों को बरगलाता था. ये बाबा पत्नी को वशीकरण करने के मामले में ज्यादा दिलचस्पी लेता था. जुलाई-अगस्त के दौरान सबसे पहले ये बाबा गांजे की तस्करी में पकड़ा गया था. ये मामला वहीं खत्म नहीं हुआ. जैसे-जैसे कार्रवाई आगे बढ़ी वैसे-वैसे बाबा के कई स्कैंडल सामेने आए.
महिलाओं को बनाता था शिकार
बाबा धर्मेंद्र दुबे के खिलाफ नारकोटिक्स का मामला खुलने के बाद जब जांच दल ने आश्रम में जांच-पड़ताल की तो उसके खिलाफ कई ऐसी पेन ड्राइव और वीडियो सीडी बरामद हुईं जिनमें कई कई युवतियों और महिलाओं के साथ यौन शोषण का खुलासा हुआ. कथित तौर पर आरोपी ढोंगी बाबा ने एक ही गांव की तीन महिलाओं के साथ यौन शोषण किया था और कई महीने से उन्हें ब्लैकमेल कर रहा था.
POCSO के तहत मामला दर्ज
पुलिस को मिली शिकायतों के आधार पर चार अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं. इन चार मामलों में से तीन भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत बलात्कार के हैं और एक POCSO एक्ट की धारा 354 के तहत दर्ज किया गया है. चार में से एक पीड़िता नाबालिग है.
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प्रसाद देकर करता था भ्रमित
बाबा धर्मेंद्र दुबे उसके दरबार में आने वाले फरियादी पति और परिवारों को ताबीज और खास तरह का प्रसाद देकर पहले उन्हें भ्रमित करता था. इस तरीके से वह अपने दरबार में आने वाले लोगों को अपने झांसे में लेता था. हर मंगलवार और शनिवार को ये खुद को भगवान हनुमान के रूप में पेश करता था, जो व्यक्ति पांच मंगलवार या शनिवार को लगातार इसके दरबार में दस्तक देते थे, उन्हें खास तरह का प्रसाद बाबा द्वारा दिया जाता था, जिससे भक्त सोचने-समझने की शक्ति खो बैठता था.
पहले भी की गई थी शिकायत
जानकारी के मुताबिक कई ग्रामीणों ने इससे पहले भी बाबा धर्मेंद्र के खिलाफ उसकी गतिविधियों और गांव की कई महिलाओं साथ कथित यौन शोषण और ब्लैक मेलिंग की शिकायत की थी. आश्रम से जब्त किए गए सबूतों में कई वीडियो सीडी भी पाई गईं, जिसके जरिए पीड़ितों को ब्लैकमेल किया जा रहा था. इसके अलावा परिवार के सदस्यों ने जोर देकर कहा कि वे बदनामी के डर से शिकायत नहीं करना चाहते थे.
10 साल में खड़ी कर ली इमारत
नांदिया गांव के लोगों ने बताया कि उन्होंने ब्राह्मण समझकर उसके परिवार को आश्रय देकर भरण-पोषण की व्यवस्था की थी. उस समय धर्मेंद्र दास की उम्र 17-18 साल थी. 10 साल के अंदर ही उसने लाखों की इमारत तैयार करा ली. वह पढ़ाई के लिए बाहर चला गया था, जब यह लौटा तो कथावाचन करने लगा. वह हनुमानजी की मढ़िया के पास रहकर पूजा-पाठ करता. उसके परिवार को ग्रामीणों ने श्मशान भूमि के एक टुकड़े पर मकान बनाकर रहने की इजाजत दी थी. धीरे-धीरे कर धर्मेंद्र दास ने पूरी श्मशान भूमि समेत अन्य सरकारी जमीन पर कब्जा करना शुरू कर दिया. 2010 में आश्रम की नींव रखी और देखते ही देखते इसने यहां पर लाखों की आलीशान इमारत खड़ी कर ली.