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अजब एमपी का गजब अस्पताल! MBBS बनकर कंपाउंडर कर रहा मरीजों का इलाज

नरसिंहपुर जिले के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टरों की मनमानी का खामियाजा वहां की जनता भुगत रही है और वहां पदस्थ कंपाउंडर खुद को एमबीबीएस बताकर मरीजों का इलाज कर रहा है.

MBBS बनकर कंपाउंडर कर रहा मरीजों का इलाज
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Published : Sep 4, 2019, 7:07 PM IST

नरसिंहपुर। प्रदेश के स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोलती तस्वीर नरसिंहपुर की तेन्दूखेड़ा के डोभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की है. इस स्वास्थ्य केंद्र पर अक्सर ताला लटकता रहता है. डॉक्टरों की मनमानी के चलते 10 गांवों के मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हालात ये हैं कि स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ कंपाउंडर अपने आप को एमबीबीएस तक बता रहा है.

MBBS बनकर कंपाउंडर कर रहा मरीजों का इलाज

सात हजार की आबादी वाले डोभी कस्बे के स्वास्थ्य केंद्र में दस गांव के लोग इलाज कराने आते हैं, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति के चलते 12 किलोमीटर दूर तेंदूखेड़ा के स्वास्थ्य केंद्र में जाना पड़ता है. स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ डॉक्टर राजकिशोर पटेल ने रोगी कल्याण समिति के सहयोग से तीन कर्मचारियों को अस्पताल खोलने और बंद करने के लिए नियुक्त किया है. स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ कंपाउंडर नरेन्द्र सिंह ठाकुर डॉक्टर की अनुस्थिति में खुद को एमबीबीएस डॉक्टर बताता है. डॉक्टरों की सुविधानुसार 9 बजे अस्पताल खुलता है और दोपहर 12 बजे ताला डाल देते हैं.

इस मामले को लेकर जब जिम्मेदार अधिकारियों से बात की गई तो जांच कराने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिये, अब देखना होगा कि इन डॉक्टरों की लापरवाही से कब तक स्थानीय लोगों को निजात मिलती है.

नरसिंहपुर। प्रदेश के स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोलती तस्वीर नरसिंहपुर की तेन्दूखेड़ा के डोभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की है. इस स्वास्थ्य केंद्र पर अक्सर ताला लटकता रहता है. डॉक्टरों की मनमानी के चलते 10 गांवों के मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हालात ये हैं कि स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ कंपाउंडर अपने आप को एमबीबीएस तक बता रहा है.

MBBS बनकर कंपाउंडर कर रहा मरीजों का इलाज

सात हजार की आबादी वाले डोभी कस्बे के स्वास्थ्य केंद्र में दस गांव के लोग इलाज कराने आते हैं, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति के चलते 12 किलोमीटर दूर तेंदूखेड़ा के स्वास्थ्य केंद्र में जाना पड़ता है. स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ डॉक्टर राजकिशोर पटेल ने रोगी कल्याण समिति के सहयोग से तीन कर्मचारियों को अस्पताल खोलने और बंद करने के लिए नियुक्त किया है. स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ कंपाउंडर नरेन्द्र सिंह ठाकुर डॉक्टर की अनुस्थिति में खुद को एमबीबीएस डॉक्टर बताता है. डॉक्टरों की सुविधानुसार 9 बजे अस्पताल खुलता है और दोपहर 12 बजे ताला डाल देते हैं.

इस मामले को लेकर जब जिम्मेदार अधिकारियों से बात की गई तो जांच कराने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिये, अब देखना होगा कि इन डॉक्टरों की लापरवाही से कब तक स्थानीय लोगों को निजात मिलती है.

Intro:अस्पताल में ताला मरीजों का मालिक ऊपर वाला
ड्रेसिंग करने वाला खुद एमबीबीएस डॉक्टर बना हैBody:स्लोग :- अस्पताल में ताला मरीजों का मालिक ऊपर वाला
ड्रेसिंग करने वाला कंपाउंडर खुद एमबीबीएस डॉक्टर बना है

एंकर, विजुवाल, बाईट :- मध्यप्रदेश सरकार स्वास्थ्य की व्यवस्था को कितना भी दुरुस्त करने की कोशिश कर रही हो लेकिन धरातल पर सब खोखली दिखाई दे रही है ये ताजा तस्वीर नरसिंहपुर जिले की तेन्दूखेड़ा तहसील के डोभी समुदायक स्वास्थ्य केंद्र की है जहां के डॉक्टर प्रदेश के मुख्यमंत्री की योजना और नियमो को धाता दिखाते नजर आ रहे है या ये कहे कि डोभी स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था को वेल्टीनेटर पर कर के अपने घर मे फ्री की तनखा से मंजे कर रहे है और इनकी मंजा में आम जनता सजा भोग रही है

बाइट- छड़ीदार ग्रामीण डोभी

बाइट- महेंद्र पटेल ग्रामीण डोभी

वि ओ :- ग्राम पंचायत डोभी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लटका ये ताला साफ बताता है कि यहाँ के मरीजों की क्या हालत होगी रोज
मरीज इलाज कराने के लिए भटक रहे है ग्राम पंचायत डोभी की आबादी 7000 से अधिक है ग्राम पंचायत डोभी में 10 गाँव के लोग इलाज कराने आते है लेकिन अस्पताल में डॉ. का ना होना और वहाँ से 12 किलोमीटर दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तेंदूखेड़ा आना पड़ता है l जबकि डॉ राजकिशोर पटेल एम ओ डोभी में पदस्थ हैं और रोगी कल्याण समिति के माध्यम से 3 कर्मचारी को अस्पताल खुलने और बंद करने के लिए नियुक्त किया गया है l लेकिन डॉक्टर को तो फ्री की तनखा की मानो आदत पड़ गई हो और कर्मचारी डॉक्टर के न होने पर एक ड्रेसिंग करने वाला कंपाउंड नरेन्द्र सिंह ठाकुर खुद एमबीबीएस डॉक्टर बन करता है लोगो का ईलाज और अपने तरीके से अस्पताल चलाते हैं 9 बजे अस्पताल खोलते है और दोपहर 12:00 बजे ताला डाल देते है शायद अब जिले में ग्रामीण मरीजों की सुध लेने वाला कोई नहीं इसके पहले भी जिम्मेदार अधिकारियों को शिकायत की गई लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नही की गई


बाइट - सरपंच डोभी जीतेन्द्र पटेल

बाइट- ग्रामीण डोभी


वि ओ :- जिम्मेदार अधिकारियों से बात की तो जांच करने की बात कहते नजर आए लेकिन आखिर कब तक ये जांचे चलती रहेगी और ग्रामीण ईलाज के लिए तेन्दूखेड़ा और जिला मुख्यालय नरसिंहपुर जाता रहेगा अब देखना ये होगा कि ये जिम्मेदार अधिकारी दोषियों पर कार्यवाही करते है या यों ही जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था ढप चलती रहेगी
बाइट -01 जितेंद्र पटेल सरपंच डोभी
बाइट-02 ग्रामीण डोभी
बाइट- 03 हरिदास ग्रामीण डोभी
बाइट - 04 ग्रामीण डोभी
बाइट- 05 ग्रामीण डोभी
बाइट -06 डॉ एस पी अहिरबार (बी एम ओ ब्लॉक चावरपाठा )Conclusion:वि ओ :- जिम्मेदार अधिकारियों से बात की तो जांच करने की बात कहते नजर आए लेकिन आखिर कब तक ये जांचे चलती रहेगी और ग्रामीण ईलाज के लिए तेन्दूखेड़ा और जिला मुख्यालय नरसिंहपुर जाता रहेगा अब देखना ये होगा कि ये जिम्मेदार अधिकारी दोषियों पर कार्यवाही करते है या यों ही जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था ढप चलती रहेगी
बाइट -01 जितेंद्र पटेल सरपंच डोभी
बाइट-02 ग्रामीण डोभी
बाइट- 03 हरिदास ग्रामीण डोभी
बाइट - 04 ग्रामीण डोभी
बाइट- 05 ग्रामीण डोभी
बाइट -06 डॉ एस पी अहिरबार (बी एम ओ ब्लॉक चावरपाठा )
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