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जीत की आस के साथ दिग्विजय पहुंचे शंकराचार्य के द्वार, चुनाव से पहले लिया आशीर्वाद - एमपी

दिग्विजय सिंह अपने हर काम की शुरूआत शंकराचार्य से आशीर्वाद लेकर ही करते हैं. विधानसभा चुनाव के पहले भी जीत के लिए आशीर्वाद लेने वे यहां आए थे. जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस राम मंदिर पर चुनाव लड़ेगी, तो इस पर उन्होंने कहा कि परमेश्वर हम सभी के लिए है उन पर किसी एक दल का अधिकार नहीं  है.

शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती आश्रम
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Published : Mar 26, 2019, 11:57 PM IST

नरसिंहपुर। पुर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपने गुरु शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती के आश्रम पहुंचे और शंकराचार्य से आशीर्वाद लिया. भोपाल लोकसभा से कांग्रेस उम्मीदवार घोषित होने के बाद पहली बार वे शंकराचार्य से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे. पूर्व मुख्यमंत्री के साथ कांग्रेस नेता रामेश्वर नीखरा भी मौजूद रहे.


दिग्विजय सिंह अपने हर काम की शुरूआत शंकराचार्य से आशीर्वाद लेकर ही करते हैं. विधानसभा चुनाव के पहले भी जीत के लिए आशीर्वाद लेने वे यहां आए थे. जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस राम मंदिर पर चुनाव लड़ेगी, तो इस पर उन्होंने कहा कि परमेश्वर हम सभी के लिए है उन पर किसी एक दल का अधिकार नहीं है.

शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती आश्रम


बता दें कि दिग्विजय 2003 के बाद अब सक्रिय राजनीति में हिस्सेदारी कर रहे हैं, उन्होंने आखिरी चुनाव 2003 में राघोगढ़ विधानसभा सीट से लड़ा था, जिसके बाद वह अब भोपाल से कांग्रेसी उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं. भोपाल कांग्रेस के लिए आसान सीट नहीं रही है. यहां 1984 में शैलेंद्र प्रधान के सांसद बनने के बाद सभी चुनाव भाजपा ने ही जीते हैं.

नरसिंहपुर। पुर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपने गुरु शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती के आश्रम पहुंचे और शंकराचार्य से आशीर्वाद लिया. भोपाल लोकसभा से कांग्रेस उम्मीदवार घोषित होने के बाद पहली बार वे शंकराचार्य से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे. पूर्व मुख्यमंत्री के साथ कांग्रेस नेता रामेश्वर नीखरा भी मौजूद रहे.


दिग्विजय सिंह अपने हर काम की शुरूआत शंकराचार्य से आशीर्वाद लेकर ही करते हैं. विधानसभा चुनाव के पहले भी जीत के लिए आशीर्वाद लेने वे यहां आए थे. जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस राम मंदिर पर चुनाव लड़ेगी, तो इस पर उन्होंने कहा कि परमेश्वर हम सभी के लिए है उन पर किसी एक दल का अधिकार नहीं है.

शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती आश्रम


बता दें कि दिग्विजय 2003 के बाद अब सक्रिय राजनीति में हिस्सेदारी कर रहे हैं, उन्होंने आखिरी चुनाव 2003 में राघोगढ़ विधानसभा सीट से लड़ा था, जिसके बाद वह अब भोपाल से कांग्रेसी उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं. भोपाल कांग्रेस के लिए आसान सीट नहीं रही है. यहां 1984 में शैलेंद्र प्रधान के सांसद बनने के बाद सभी चुनाव भाजपा ने ही जीते हैं.

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SHUBHAM SHARMA

    

जीत की आस के साथ दिग्विजय पहुंचे शंकराचार्य के द्वार, चुनाव से पहले लिया आशीर्वाद



नरसिंहपुर। पुर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपने गुरु शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती के आश्रम पहुंचे और शंकराचार्य से आशीर्वाद लिया. भोपाल लोकसभा से कांग्रेस उम्मीदवार घोषित होने के बाद पहली बार वे शंकराचार्य से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे. पूर्व मुख्यमंत्री के साथ कांग्रेस नेता रामेश्वर नीखरा भी मौजूद रहे.

दिग्विजय सिंह अपने हर काम की शुरूआत शंकराचार्य से आशीर्वाद लेकर ही करते हैं. विधानसभा चुनाव के पहले भी जीत के लिए आशीर्वाद लेने वे यहां आए थे. जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस राम मंदिर पर चुनाव लड़ेगी, तो इस पर उन्होंने कहा कि परमेश्वर हम सभी के लिए है उन पर किसी एक दल का अधिकार नहीं  है. 

बता दें कि दिग्विजय 2003 के बाद अब सक्रिय राजनीति में हिस्सेदारी कर रहे हैं, उन्होंने आखिरी चुनाव 2003 में राघोगढ़ विधानसभा सीट से लड़ा था, जिसके बाद वह अब भोपाल से कांग्रेसी उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं. भोपाल कांग्रेस के लिए आसान सीट नहीं रही है. यहां 1984 में शैलेंद्र प्रधान के सांसद बनने के बाद सभी चुनाव भाजपा ने ही जीते हैं.



बाइट दिग्विजय सिंह पूर्व मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश


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