नरसिंहपुर। होशंगाबाद में सक्रिय रेत कंपनी के प्रबंधक और नरसिंहपुर में अवैध खनन करवाने वाले माफिया जितेंद्र सिंह और शैलेन्द्र सिकरवार पर पुलिस ने आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया हैं. यह दोनों अधिकृत आरोपी फिलहाल फरार बताए जा रहे हैं, जिनकी सरगर्मी से तलाश की जा रही हैं.
होशंगाबाद में रेत खनन कंपनी के निदेशक जितेंद्र सिंह पिछले कुछ महीनों से नरसिंहपुर में एक जाना-माना नाम बन गया हैं. जितेंद्र सिंह पर आरोप लग रहे हैं कि यह नरसिंहपुर की शांति को भंग कर गैंगवार को बढ़ावा दे रहा हैं. खासकर अवैध रेत खनन में अपनी हद से बाहर जाकर इस शख्स की अगुवाई में इसके गुर्गे आतंक मचाए हुए हैं. 19 फरवरी को नर्मदा जयंती पर बेदर स्थित खदान के जरिए अवैध रास्ता बनाने की कोशिश की गई थी, लेकिन कंपनी के विरोध और प्राशासनिक हस्तक्षेप के कारण माफिया के मंसूबे कामयाब नहीं हो सके थे. हालांकि, तभी से यह आशंका भी जताई जाने लगी थी कि जितेंद्र सिंह और उसका गिरोह अवैध रेत खनन, परिवहन कराने के लिए जिले में कभी भी खूनखराबा करा सकता हैं. गुरुवार की रात आखिरकार यह शंका सच साबित हुई.
रेत माफिया पर लगातार कार्रवाई कर रहीं वन विभाग की महिला SDO
मामला दर्ज
जब केकड़ा गांव में कंपनी के कर्मचारियों ने अवैध बालू खनन कर रहे ट्रैक्टर-ट्रॉली के चालक और हेल्पर को रोकने की कोशिश की, तो इनकी सूचना पर जितेंद्र सिंह, शैलेन्द्र सिकरवार सहित 10-15 लोगों ने कंपनी के कर्मचारी ललित मेहरा और अन्य के साथ लाठी-डंडों से मारपीट कर दी. हवाई फायरिंग करते हुए कंपनी के दो कर्मचारियों को किडनैप कर लिया गया. ललित मेहरा की रिपोर्ट पर पुलिस ने जितेंद्र और शैलेंद्र के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट समेत मारपीट, अवैध घुसपैठ जैसी गंभीर धाराओं के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया हैं. अपहरण मामले में जानकारी आ रही है कि नरसिंहपुर और होशंगाबाद की पुलिस बंधकों को छुड़ाने के लिए आपस में समन्वय बैठा रही हैं. शनिवार तक दोनों कर्मचारियों के मुक्त होने की बात सामने आ रही हैं.