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नशे की रोकथाम के लिए पुलिस ने वर्कशॉप का किया आयोजन

मुरैना में पुलिस ने नशे पर रोकथाम लगाने के लिये एक वर्कशॉप का आयोजन किया. जिसमें पुलिसकर्मी खुद तो मादक पदार्थों के उपयोग से बचें ही साथ ही वे दूसरों को नशे से बचाने में अपनी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.

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Published : Dec 14, 2019, 9:54 PM IST

workshop for drug addiction was organized in Morena.
नशे की रोकथाम के लिए वर्कशॉप आयोजित

मुरैना। जिले के पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल में मादक पदार्थों पर रोकथाम के लिये एक वर्कशॉप का आयोजन किया. इसका आयोजन सहयोग राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान के सहयोग से पुलिस बल ने किया. वर्कशॉप में प्रोजेक्ट पर एक वीडियो के माध्यम से बताया गया कि व्यक्ति को नशे की लत किस तरह पड़ती है. इस दौरान नशामुक्ति अभियान चला रहे डॉ संजय शर्मा भी मौजूद थे.

नशे की रोकथाम के लिए वर्कशॉप आयोजित

जिला पुलिस बल ने आयोजित वर्कशॉप में बताया कि पुलिस हो या अन्य सभी में 50 फ़ीसदी लोग किसी ना किसी तरह से नशे के आदी है. नशे की वजह से शरीर को तो नुकसान होता ही है साथ ही समाज व देश को भी नुकसान होता है. पुलिसकर्मी नशे को रोकने के लिए अपनी भूमिका निभा सकते हैं उनके पास तो इसे रोकने का कानूनी अधिकार भी है.

वर्कशॉप में मौजूद नशा मुक्ति अभियान चला रहे डॉक्टर संजय शर्मा ने कहा की जिले में शिक्षण संस्थान को 31 दिसंबर तक तंबाकू मुक्त घोषित कराना है. उसके लिए जिले में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम स्कूल में चलाए जा रहे हैं.

मुरैना। जिले के पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल में मादक पदार्थों पर रोकथाम के लिये एक वर्कशॉप का आयोजन किया. इसका आयोजन सहयोग राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान के सहयोग से पुलिस बल ने किया. वर्कशॉप में प्रोजेक्ट पर एक वीडियो के माध्यम से बताया गया कि व्यक्ति को नशे की लत किस तरह पड़ती है. इस दौरान नशामुक्ति अभियान चला रहे डॉ संजय शर्मा भी मौजूद थे.

नशे की रोकथाम के लिए वर्कशॉप आयोजित

जिला पुलिस बल ने आयोजित वर्कशॉप में बताया कि पुलिस हो या अन्य सभी में 50 फ़ीसदी लोग किसी ना किसी तरह से नशे के आदी है. नशे की वजह से शरीर को तो नुकसान होता ही है साथ ही समाज व देश को भी नुकसान होता है. पुलिसकर्मी नशे को रोकने के लिए अपनी भूमिका निभा सकते हैं उनके पास तो इसे रोकने का कानूनी अधिकार भी है.

वर्कशॉप में मौजूद नशा मुक्ति अभियान चला रहे डॉक्टर संजय शर्मा ने कहा की जिले में शिक्षण संस्थान को 31 दिसंबर तक तंबाकू मुक्त घोषित कराना है. उसके लिए जिले में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम स्कूल में चलाए जा रहे हैं.

Intro:एंकर - मुरैना में आज पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल में मादक पदार्थों पर रोकथाम पर राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान के सहयोग से जिला पुलिस बल ने एक कार्यशाला का आयोजन किया। जिसमें पुलिस अधीक्षक डॉ असित यादव ने कहा पुलिसकर्मी स्वयं तो मादक पदार्थों के उपयोग से बचें ही साथ ही वे दूसरों को नशे से बचाने में अपनी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। पुलिस कर्मियों की ड्यूटी में तो मादक पदार्थों पर रोकथाम करना भी शामिल है। इसलिए सभी पुलिसकर्मी स्वयं भी बचें और नशे से दूसरों को भी बचाएं। कार्यशाला में प्रोजेक्ट पर एक वीडियो के माध्यम से ये भी बताया गया कि व्यक्ति को नशे की लत किस तरह पड़ती है।इस कार्यशाला में नशामुक्ति अभियान चला रहे डॉ संजय शर्मा भी मौजूद थे।


Body:वीओ1 - जिला पुलिस बल द्वारा आयोजित कार्यशाला में बताया कि पुलिस हो या अन्य सभी में 50 फ़ीसदी लोग किसी ना किसी तरह से नशे के आदी है। नशे की वजह से शरीर को तो नुकसान होता ही है साथ ही समाज व देश को भी नुकसान होता है। पुलिसकर्मी नशे को रोकने के लिए अपनी भूमिका निभा सकते हैं उनके पास तो इसे रोकने का कानूनी अधिकार भी है। वह नशा करने वालों व नशे का कारोबार करने वालों पर कार्रवाई भी कर सकते हैं।कार्यशाला में तकरीबन प्रत्येक थाने से एक सब इंस्पेक्टर स्तर के अफसर मौजूद थे। जिन्हें प्रोजेक्टर के माध्यम से डीएसपी सुमित अग्रवाल ने नशे में होने वाली हानियों के बारे में भी बताया। साथ ही नशा करने वाले की पहचान भी बताई साथ ही लोग नशा क्यों करते हैं उन कारणों को भी बताया।


बाइट1 - डॉ असित यादव - पुलिस अधीक्षक मुरैना।


Conclusion:वीओ2 - कार्यशाला में मौजूद नशा मुक्ति अभियान चला रहे डॉक्टर संजय शर्मा ने कहा की जिले में शिक्षण संस्थान को 31 दिसंबर तक तंबाकू मुक्त घोषित कराना है। उसके लिए जिले में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम स्कूल में चलाए जा रहे हैं। सभी स्कूल व प्राचार्य को को सर्टिफाइड करना है कि हमारा स्कूल नशा मुक्त है।ये जिले के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी इस महीने के अंत तक सभी स्कूलों को तंबाकू मुक्त कराना है।संजय शर्मा ये भी बताया कि भारत वर्ष में 10 लाख लोग तंबाकू बीड़ी के सेवन से मरते हैं ये संख्या अन्य चीजों से मरने से ज्यादा है। इसमें छोटे बच्चों की मरने की संख्या बढ़ने से शासन व प्रशासन चिंतित है।वहीं भारत वर्ष में मध्यप्रदेश का तीसरा स्थान है। इसलिए नशा रोकने के लिए जिले में विभन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे है।

बाइट2 - संजय शर्मा - डॉक्टर जिला अस्पताल।
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