मुरैना। किसान अपनी गेहूं की फसल को सरकारी दाम पर नहीं बेच पा रहे हैं. कमीशन के चलते किसानों के गेहूं को घटिया बताकर उनको सोसाइटियों के द्वारा लौटाए जा रहा है और ये सब हो रहा है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के क्षेत्र में 37 हजार 555 किसानों से गेहूं खरीदा जाना था, जो केवल 11 हजार 455 किसानों से ही गेहूं की खरीदी की गई है. हालात ये हैं कि 77 खरीद केंद्रों में से 30 खरीद केंद्र कई दिनों से बंद है लेकिन अधिकारी इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है. वहीं अधिकारियों की माने तो जिले में गेहूं खरीदी का जो लक्ष्य था वो एक लाख मेट्रिक टन का था. जिसमें से 66 हजार मेट्रिक टन की गेहूं खरीदा जा चुका है.
किसान व्यापारियों को बेच रहे किसान
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के क्षेत्र में किसान सरकारी रेट पर गेहूं नहीं बेच पा रहा है. किसानों के गेहूं को कमजोर और घटिया बताकर सोसाइटी वाले वापस लौटा रहे हैं. वहीं किसान लगातार गेहूं बेचने के लिए परेशान हो रहा है और मजबूरी में कम कीमत पर व्यापारियों को गेहूं बेचने के लिए जा रहा है.
सरकार के करनी और कथनी में फर्क है- कांग्रेस
कांग्रेस का साफ आरोप है कि मध्य प्रदेश में सरकार कहती कुछ और है और करती कुछ और जहां किसानों से उनका पूरा गेहूं खरीदने की बात सरकार लगातार कह रही है. वहीं 35 हजार किसानों में से मात्र 11 हजार किसानों का ही गेहूं खरीदा गया है, इससे साफ जाहिर है कि सरकार व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है. कांग्रेस का आरोप है कि मुरैना में जो गेहूं खरीदी का लक्ष्य था, वो पूरा नही हुआ है.
शिकायत आने पर की जाएगी कार्रवाई
बीजेपी नेताओं की मानें तो गेहूं की खरीदी लगातार जारी है और 28 तारीख तक इसकी खरीदी होनी है. अगर जरूरत महसूस हुई तो खरीदी के समय को और बढ़ाया जा सकता है. वहीं खरीद केंद्रों के बंद होने की बात पर उनका कहना है, कि शिकायत अगर की जाती है तो अधिकारियों के सहयोग से ऐसे खरीद केंद्रों पर कार्रवाई की जाएगी और बड़ा सवाल यही है कि इतने किसान परेशान होने के बाद लगातार शिकायत कर रहे हैं, उस पर प्रशासन और जनप्रतिनिधि क्यों नहीं जाग रहे.
अधिकारियों के घुमाऊ जबाव
अधिकारियों के अनुसार उन्होंने एक लाख मैट्रिक टन का लक्ष्य गेहूं खरीदने के लिए रखा था, जिसने से वह 66% तक गेहूं खरीद चुके हैं, वहीं बाकी अभी और भी खरीदारी जारी है. वहीं खरीद केंद्रों के बंद होने की बात पर अधिकारी सफाई दे रहे हैं, किसान घटिया गेहूं लेकर आया जिसकी वजह से उसकी तुलाई नहीं हो पाई.