ETV Bharat / state

सरकारी स्कूलों में जर्जर हालत में शौचालय, भ्रष्टाचार की मार झेल रहे छात्र-छात्राएं

मुरैना में सरकारी स्कूलों में शौचालय जर्जर हालत में हैं. ऐसे में भ्रष्टाचार की मार छात्र-छात्राओं को झेलनी पड़ रही है.

शौचालय
author img

By

Published : Oct 22, 2019, 12:04 AM IST

मुरैना। जिले में 628 शौचालयों के लिए 7 करोड़ की राशि को खर्च कर दिया गया, लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि कई शौचालय तो ऐसी जगह बना दिए गए. जहां पानी की व्यवस्था ही नहीं है, ऐसे में आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन शौचालयों का क्या इस्तेमाल किया जा रहा होगा. कई जगहों पर शौचालय बंद हैं तो कई जगहों पर शौचालयों का इस्तेमाल गोदाम के रूप में किया जा रहा है. ऐसे में शौचालय बंद होने से छात्र-छात्राएं परेशान हो रहे हैं.

सरकारी स्कूलों में शौचालयों की हालत

शिक्षा विभाग की इतनी बड़ी लापरवाही पर प्रशासन नियम-कायदे गिनाने में लगा है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पानी की व्यवस्था की जा रही है और सभी शौचालयों की जांच कराकर सभी को फिर से शुरू किया जाएगा.

कलेक्टर प्रियंका दास के अनुसार, जहां पानी की समस्या है, वहां के लिए शासन को नये हैडपंप लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है. जो शौचालय बेकार हो चुके हैं. उसमें भ्रष्टाचार की बात को माना और जांच कराकर कार्रवाई का भरोसा दिलाया. बड़ा सवाल यही है कि शौचालय बनाते समय इन बातों का ध्यान क्यों नहीं रखा गया. वहीं उन स्कूलों का क्या, जहां शौचालयों में कबाड़ भर दिया गया है.

मुरैना। जिले में 628 शौचालयों के लिए 7 करोड़ की राशि को खर्च कर दिया गया, लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि कई शौचालय तो ऐसी जगह बना दिए गए. जहां पानी की व्यवस्था ही नहीं है, ऐसे में आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन शौचालयों का क्या इस्तेमाल किया जा रहा होगा. कई जगहों पर शौचालय बंद हैं तो कई जगहों पर शौचालयों का इस्तेमाल गोदाम के रूप में किया जा रहा है. ऐसे में शौचालय बंद होने से छात्र-छात्राएं परेशान हो रहे हैं.

सरकारी स्कूलों में शौचालयों की हालत

शिक्षा विभाग की इतनी बड़ी लापरवाही पर प्रशासन नियम-कायदे गिनाने में लगा है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पानी की व्यवस्था की जा रही है और सभी शौचालयों की जांच कराकर सभी को फिर से शुरू किया जाएगा.

कलेक्टर प्रियंका दास के अनुसार, जहां पानी की समस्या है, वहां के लिए शासन को नये हैडपंप लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है. जो शौचालय बेकार हो चुके हैं. उसमें भ्रष्टाचार की बात को माना और जांच कराकर कार्रवाई का भरोसा दिलाया. बड़ा सवाल यही है कि शौचालय बनाते समय इन बातों का ध्यान क्यों नहीं रखा गया. वहीं उन स्कूलों का क्या, जहां शौचालयों में कबाड़ भर दिया गया है.

Intro:एंकर - मुरैना जिले में 628 शौचालयों के लिए 7 करोड की राशि को खर्च कर दिया गया,,पर हकीकत ये है कि कई शौचालय तो ऐसी जगहो पर बना दिए गए जहां पर पानी की व्यवस्था ही नही है,ऐसे में आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन षौचालयो का क्या इस्तेमाल किया जा रहा होगा,,कई जगहो पर षौचालय बंद है तो कई जगहो पर शौचालयो का इस्तेमाल गोदाम के रूप में किया जा रहा है,,शिक्षा विभाग की इतनी बडी लापरवाही पर प्रषासन नियम कायदे गिनाने में लगा हुआ है हालांकि जब भ्रश्टाचार की बात पुछी गई तो जांच कराकर कार्रवाही का अष्वासन भी दिया,पर कार्रवाही कितनी हेाती है और कितनो पर होती है ये तो आप और हम अच्छे से जानते है।Body:वीओ1 - जिले में 7 करोड से अधिक की राषि खर्च कर शौचालयो का निर्माण कराया गया,,जिसमें से बडी संख्या में शौचलय या तो बंद है,या कंडम हो चूके है कि उन्हे इस्तेमाल नही किया जा सकता है।कलेक्टर के अनुसार जहां पानी की समस्या है वहां के लिए षासन को नवीन हैडपंप के लिए प्रस्ताव भेजा गया है वही जो षौचालय कंउम हो चुके है उसमें भ्रश्टाचार की बात को माना और जांच कराकर कार्रवाही का भरोसा दिलाया।

बाइट1 - सचिन  --------- छात्र 
बाइट2  - पूनम शाक्य  ------  शिक्षक 


वीओ2 - शिक्षा विभाग के अधिकारीयो की माने तो पानी की व्यवस्था की जा रही है और सभी षौचालयो की जांच कराकर सभी को फिर से षुरू किया जाएगा,पर बडा सवाल यही है कि षौचालय बनाते समय इन बातो का ध्यान क्यों नही रखा गया,,वही उन स्कुलो का क्या जहां पर शौचलयो में कबाड भर दिया गया है ,,

बाइट3  - प्रियंका दास     --------  कलेक्टर मुरैना।   Conclusion:वीओ3 - शौचालयो के निर्माण में बडे स्तर पर धांधली हुई है,,शिक्षा विभाग में शौचालय बनवाने की जिम्मेदारी स्कुलो की समिति की होती है,,वही रख रखाव के लिए भी बजट दिया जाता है जिसकी जिम्मेंदारी संबंधित षिक्षक को दी जाती है पर उसके बाद षौचालयो का बंद होना बडे भ्रश्टाचार की ओर ईषारा करता है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.