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जल सत्याग्रह खत्म करें किसान, सिंचाई के लिए नहीं है पानी की कमी: विधायक

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Published : Feb 28, 2020, 2:43 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 3:06 PM IST

सबलगढ़ विधायक बैजनाथ कुशवाह ने कहा कि रामपुर घाटी में पेयजल संकट नहीं है. सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता हो इसलिए बांध का निर्माण कार्य जारी है.

There is no lack of water for irrigation in morena
सिंचाई के लिए नहीं है पानी की कमी:बैजनाथ कुशवाह

मुरैना। रामपुर घाटी में किसान और ग्रामीणों द्वारा पिछले 20 दिन से जारी जल सत्याग्रह पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए विधायक बैजनाथ कुशवाह ने कहा कि मैंने पिछले एक साल में 50 से ज्यादा हेण्डपंप लगवाए हैं. इसलिए पेयजल संकट तो बिल्कुल नहीं है.

सिंचाई के लिए नहीं है पानी की कमी:बैजनाथ कुशवाह

सबलगढ़ विधायक ने कहा कि कृषि हेतु सिंचाई के पानी के लिए चेटीखेड़ा बांध का निर्माण कार्य जारी है. लेकिन उसमें थोड़ा समय लगेगा. विधायक ने बताया कि मैंने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की है लेकिन कुछ लोग आंदोलन खत्म करना नहीं चाहते हैं.

दरसअल, मुरैना की सबलगढ़ तहसील के अंतर्गत पहाड़ी क्षेत्र आते हैं. जिसे रामपुर घाटी क्षेत्र के नाम से जाना जाता है. इस क्षेत्र की 12 ग्राम पंचायतों के करीब 3 दर्जन गांव हैं. जिनमें पानी की किल्लत रहती है. पिछले साल भी लोगों ने करीब 40 दिन तक आंदोलन किया था. तब उन्हें जल समस्या का स्थायी हल निकालने का आश्वासन दिया गया था लेकिन अभी तक चेतिखेड़ा बांध के काम में गति नहीं आने से किसानों ने इस बार भी 10 फरवरी से अपना आंदोलन शुरू कर दिया है.

बता दें कि रामपुर घाटी क्षेत्र की 12 ग्राम पंचायतों के किसान जल सत्याग्रह कर रहे हैं, वहीं 19 फरवरी से क्रमिक भूख हड़ताल भी जारी है.

मुरैना। रामपुर घाटी में किसान और ग्रामीणों द्वारा पिछले 20 दिन से जारी जल सत्याग्रह पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए विधायक बैजनाथ कुशवाह ने कहा कि मैंने पिछले एक साल में 50 से ज्यादा हेण्डपंप लगवाए हैं. इसलिए पेयजल संकट तो बिल्कुल नहीं है.

सिंचाई के लिए नहीं है पानी की कमी:बैजनाथ कुशवाह

सबलगढ़ विधायक ने कहा कि कृषि हेतु सिंचाई के पानी के लिए चेटीखेड़ा बांध का निर्माण कार्य जारी है. लेकिन उसमें थोड़ा समय लगेगा. विधायक ने बताया कि मैंने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की है लेकिन कुछ लोग आंदोलन खत्म करना नहीं चाहते हैं.

दरसअल, मुरैना की सबलगढ़ तहसील के अंतर्गत पहाड़ी क्षेत्र आते हैं. जिसे रामपुर घाटी क्षेत्र के नाम से जाना जाता है. इस क्षेत्र की 12 ग्राम पंचायतों के करीब 3 दर्जन गांव हैं. जिनमें पानी की किल्लत रहती है. पिछले साल भी लोगों ने करीब 40 दिन तक आंदोलन किया था. तब उन्हें जल समस्या का स्थायी हल निकालने का आश्वासन दिया गया था लेकिन अभी तक चेतिखेड़ा बांध के काम में गति नहीं आने से किसानों ने इस बार भी 10 फरवरी से अपना आंदोलन शुरू कर दिया है.

बता दें कि रामपुर घाटी क्षेत्र की 12 ग्राम पंचायतों के किसान जल सत्याग्रह कर रहे हैं, वहीं 19 फरवरी से क्रमिक भूख हड़ताल भी जारी है.

Last Updated : Feb 28, 2020, 3:06 PM IST
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