मुरैना। मुरैना पीएचई विभाग में करोड़ों का टेंडर घोटाला सामने आया है. जिसके बाद सभी टेंडरों को निरस्त कर दिया गया है. जल-जीवन मिशन के तहत गांव, स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्रों तक पानी पहुंचाने के लिए पीएचई के कार्यपालन यंत्री ने 100 करोड़ से अधिक राशि के टेंडर जारी कर दिए. स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए 33 करोड़ के जो 26 टेंडर जारी किए गए. उनमें भी चार से नौ ठेकेदारों ने टेंडर डाले. पीएचई विभाग के अफसरों ने अपनी खामियां छिपाने के लिए 15 मार्च की रात सबलगढ़, जौरा, कैलारस, मुरैना के 1856 स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों के टेंडर निरस्त किए. उनमें अब बड़े ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने की तैयारी है.
- टेंडर निरस्त किए
मुरैना जिले की 3 हजार 539 आंगनबाड़ियों और स्कूलों में पेयजल व्यवस्था करने के लिए जल ही जीवन मिशन के तहत 28 टेंडर खोले जाने थे. दरअसल, पहले इन जगहों पर 125 छोटे बड़े ठेकेदारों ने टेंडर डाले थे. लेकिन कम पैसे में काम करने वाले ठेकेदारों के टेंडर स्वीकार करने की बजाय अधिक राशि में काम करने वाले ठेकेदारों के टेंडर लिए गए. आरोप है कि पीएचई विभाग ने लगभग 27 करोड़ के हुए इन टेंडरों में बड़े स्तर पर घोटाले का आरोप लगाया है. इस मामले में कुछ ठेकेदारों ने जिसको लेकर कलेक्टर, पीएचई, ईओडब्ल्यू, पीएचई ग्वालियर और लोकायुक्त से शिकायत की. जिसके बाद सभी टेंडरों को निरस्त कर दिया गया.
स्क्रैप टेंडर प्रक्रिया पर उठे सवाल
- अधिकारी बोले कोई गड़बड़ी नहीं
पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री की मानें तो टेंडर प्रक्रिया ऑनलाइन है. जिसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना नहीं है. उसके बाद भी जिन ठेकेदारों के कागज पूरे नहीं होने पर टेंडर निरस्त हुए हैं, वो घोटाले की शिकायत कर रहे हैं. जिसके चलते सभी टेंडर को निरस्त कर दिया गया है और अब फिर से टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी.