मुरैना। शहर से 40 किलोमीटर दूर सिहोनिया क्षेत्र में मंदिर निर्माण के दौरान भगवान विष्णु की मूर्ति के अवशेष मिले हैं. भगवान विष्णु की मूर्ति के मिले अवशेष बिल्कुल तिरुपति बालाजी की मूर्ति से मिलते हैं. मूर्ति और अवशेष में फर्क सिर्फ इतना है कि तिरुपति बालाजी की मूर्ति काले पत्थर पर तराशी गई है. जबकि खुदाई में मिले अवशेष की मूर्ति सफेद पत्थर पर तराशी गई है. पुरात्तव विभाग के सर्वेक्षण के मुताबिक यह मूर्ति 11वीं शताब्दी में प्रतिहार राजाओं के समय की हो सकती है.
मंदिर की खुदाई में हुआ खुलासा
अंबाह तहसील के चेराई भानपुरा गांव में क्षत्रिय समाज के लोग कुलदेवी चिल्ला सेन माता के मंदिर का निर्माण करा रहे हैं. मंदिर निर्माण के लिए जब खुदाई कराई जा रही थी, इसी दौरान अवशेष मिले. जिसे देख तुरंत ग्रामीणों ने पुरात्तव विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी.
इस बात की जानकारी मिलते ही पुरात्तव विभाग की टीम मौके पर पहुंची. टीम के सदस्यों ने सभी अवशेषों को जोड़कर व्यवस्थित रखा और फिर परीक्षण शुरू किया. परीक्षण में ये बात सामने आई है कि खुदाई में पाई गई मूर्ति का स्वरूप और आकृति तिरुपति बालाजी से हूबहू मिलती है.
नहीं मिले हैं पूरे हिस्से
खुदाई के दौरान कई छोटी-बड़ी मूर्तियां पाई गई हैं. जिनमें कई मूर्तियों आधी हैं. उनके पूरे हिस्से अब तक नहीं मिल पाए हैं.
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जिले के शिवानिया क्षेत्र में ककनमठ शिव मंदिर से लेकर कुलेश्वर महादेव मंदिर और जैन तीर्थ सहित कई पुरातन धार्मिक स्थल हैं. ये सभी मंदिर 10वीं और 11वीं शताब्दी और इससे भी पहले के माने जाते हैं. हाल ही में भगवान विष्णु की जो मूर्ति सामने आई है, वह 11वीं शताब्दी के प्रतिहार राजाओं के शासनकाल की मानी जा रही है.
पुरातत्व विभाग की निगरानी में होगी आगे की खुदाई
चेराई भानपुरा गांव में मंदिर निर्माण के लिए की जा रही खुदाई के दौरान पुरातत्व विभाग के अवशेषों और भगवान विष्णु की श्रृंगार युक्त मूर्ति के मिलने के बाद पुरातत्व विभाग ने अपनी देखरेख में आगे की खुदाई कराने का निर्णय लिया है. इस दौरान निकलने वाले सभी अवशेषों को सुरक्षित संरक्षित करने के निर्देश भी ग्रामीणों को दिए हैं, जिससे इन अवशेषों को लाकर व्यवस्थित किया जा सके.