मुरैना। थानों में इंसानों को तो इंतजार करते और कोर्ट की परमीशन लेते तो सभी ने सुना होगा, लेकिन मुरैना में एक ऐसा मामला सामने आया जहां खुद भगवान को मंदिर जाने के लिए 8 दिनों से थाने में इंतजार करना पड़ा. हलांकि थाना प्रभारी 8 दिनों से भगवान की विधिवत पूजा अर्चना करवा रहे हैं. अब कोर्ट की अनुमती मिलने के बाद भगवान मंदिर में विराजित होगे जहां उनकी विधिवत पूजा अर्चना की जाएगी.
थाने में हो रही है भगवान की पूजा
बरेथा गांव के श्री जग्गा कृष्ण मंदिर से कुछ चोरों ने मूर्ति को 29 नवंबर की रात को चूरा लिया था, जिसके मिलने के बाद बरामद होने के बाद से ही मूर्ती थाने में रखी हुई है. दिमनी थाना में दोनो टाइम भगवान कृष्ण की पूजा करने के लिए बकायदा पुजारी आते हैं और विधी विधान से पूजा अर्चना करते हैं. ये सिलसिला 8 दिनों से जारी है.
कोर्ट में लंबित था मामला
मूर्ती मिल जाने के बाद मंदिर के पुजारियों ने कोर्ट में भी आवेदन देकर मूर्ती को वापस मंदिर में स्थापित करने की इजाजत मांगी थी. जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए गुरूवार को थाना प्रभारी को आदेशित किया है कि मुर्ती मंदिर प्रबंधन को सौंप दी जाए.
मूर्ती चोरी के बाद से ही था लोगों में आक्रोश
दिमनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत बरेथा गांव के जग्गा मंदिर से 300 वर्ष पुरानी भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति चोरी हो गई थी. मन्दिर के पुजारी को जब मूर्ति चोरी होने की खबर लगी, तो ग्रामीणों को तत्काल सूचना दी गई, जिसके बाद मूर्ति चोरी की खबर आसपास के गांव में फैल गई. मंदिर के पुजारी और ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद मौके पर पहुंचकर पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू कर दी थी.
भजन कार्यक्रम में आए थे चोर
मंदिर के पुजारी ने बताया कि, रात में एक जागरण और भजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें वह शामिल हुए थे. अगले ही दिन जब सुबह मंदिर में पूजा के लिए गए, तो भगवान कृष्ण की मूर्ति गायब थी. वहीं इस पूरे मामले में डीएसपी अनिल ठाकुर टीम गठित कर मूर्ती का पता लगाने में जुट गए थे.
300 साल में दो बार चोरी हो चुकी का मूर्ती
जग्गा जी मंदिर की यह मूर्ति बीते 300 साल में दो बार चोरी हो चुकी है. करीब 20 साल पहले भी अज्ञात चोर मूर्ति को चुरा ले गए और कुछ दिन बाद मूर्ति गांव के बाहर घूरे में मिली. 29-30 नवंबर को चोरी हुई मूर्ति का पुलिस दो दिन में सुराग नहीं लगा सकी थी. यह मूर्ति एक गाय ने तब ढूंढ निकाली जब मेढ़ पर चरते-चरते एक गाय बाजरे की करव के उस ढेर में जा पहुंची जहां चोर मूर्ति को रख था.