मुरैना। लॉकडाउन के चलते चंबल संभाग के मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए थे. लॉक डाउन के 66 दिन बाद एर्नाकुलम केरल से एक श्रमिक ट्रेन 263 मजदूरों को लेकर देर रात मुरैना रेलवे स्टेशन पर पहुंची. इन मजदूरों में सबसे ज्यादा मजदूर मुरैना से हैं, जिसमें श्योपुर, ग्वालियर, दतिया, भिंड और शिवपुरी के भी मजदूर शामिल हैं. सभी मजदूरों को थर्मल स्कैनिंग के बाद बसों से उनके गांव के लिए रवाना किया गया. साथ ही घर पर 14 दिनों के लिए होम क्वॉरेंटाइन रहने के निर्देश भी दिए गए हैं.
कोरोना वायरस महामारी के चलते 22 मार्च से घोषित किए गए लॉक डाउन के बाद से ही मजदूर जहां थे, वहीं फंसे हुए थे. जहां सभी मजदूरों के सामने खाने-पीने और रखने की समस्या खड़ी हो गई थी. जिसे देखते हुए सरकार ने श्रमिक ट्रेनों की शुरूआत की. जिसके माध्यम से सभी मजदूर अपने गृह जिलों तक पहुंचने लगे हैं.
एर्नाकुलम केरल से 1270 मजदूरों को लेकर ट्रेन इटारसी और विदिशा स्टेशन पर मजदूरों को उतार कर शेष 263 मजदूरों को लेकर मुरैना रेलवे स्टेशन पहुंची. जिसमें मुरैना के 60, श्योपुर के 9, शिवपुरी के 5, ग्वालियर और भिंड के एक-एक मजदूरों को लेकर श्रमिक ट्रेन देर रात मुरैना स्टेशन पहुंची.
मजदूरों ने बताया कि इस लॉक डाउन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. रुपए खत्म होने के बाद खाने पीने के लिए घरों से रुपए मंगवाए और सरकारों से घर जाने की गुहार भी लगाई. तब कही जाकर काफी दिनों बाद ट्रेन से आए अपने गृह जिले पहुंचे है. इस दौरान स्टेशन पर प्रशानिक अधिकारी सहित आरपीएफ, जीआरपी थाने का फोर्स मौजूद था.