मुरैना। कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग वर्मा ने सुमावली, मुरैना और दिमनी के सेक्टर ऑफिसरों के साथ एक बैठक की ये बैठक नगर निगम के सभागार में आगामी उपचुनाव को लेकर बुलाई गई. बैठक के दौरान मतदान की तैयारी को लेकर जानकारी दी. उन्होंने कहा, सामान्य निर्वाचन से उपनिर्वाचन बहुत कठिन होता है, इस चुनाव में चुनाव आयोग से लेकर विभिन्न मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के विभिन्न प्रकार के प्रश्न बार-बार आते हैं. जिनका समाधान हम सभी के लिये तत्काल करना होता है. विशेषकर रिटर्निंग ऑफिसर और पीठासीन अधिकारी के बीच की कड़ी सेक्टर ऑफिसर होता है, जो चुनाव कार्य में सेतु का कार्य करता है. सेक्टर ऑफीसर का कार्य चुनाव में महत्वपूर्ण होता है. इस बैठक में संयुक्त कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी एलके पांडे, नगर निगम कमिश्नर अमर सत्य गुप्ता, अंबाह, मुरैना, सुमावली के सहायक रिटर्निंग ऑफीसर सहित तीनों विधानसभा क्षेत्र के सेक्टर ऑफीसर उपस्थित रहे.
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर वर्मा ने कहा कि चुनाव कार्य में सेक्टर ऑफिसर की महत्वपूर्ण कड़ी होती है. पूरे चुनाव का दायित्व सेक्टर ऑफिसर पर होता है, वो समय-समय पर चुनाव आयोग के पत्रों का अक्षरसह अवलोकन करें. नियमों को पढ़ने में कोताही न बरतें. उन्होंने कहा कि पोलिंग पार्टी को सामान उपलब्ध कराना मतदान केन्द्र तक पोलिंग पार्टी को ले जाना, मतदान केन्द्र पर पोलिंग पार्टी को साढ़े पांच बजे माॅक पाॅल कराने के लिये तैयार करना, ईवीएम-वीवीपैट सहित संपूर्ण संचालित हालत में रहे यह सभी जिम्मेदारी सेक्टर ऑफीसर की होती है.
कलेक्टर ने कहा कि पोलिंग पार्टी को चुनाव कार्य में पोलिंग पार्टी की सामग्री जमा करने पर पीठासीन अधिकारी पोलिंग पार्टी को रिलीव कर सकते हैं. सेक्टर ऑफिसर पीठासीन अधिकारी को रिलीव कर सकते हैं किंतु सेक्टर ऑफीसर को रिलीव करने का दायित्व रिटर्निंग अफसर का रहेगा. सेक्टर अफसर समस्त पोलिंग सामग्री जमा करने के बाद ही जब तक रिटर्निंग ऑफीसर उसे रिलीविंग न दे तब तक वह घर के लिये रवानगी नहीं डाल सकेंगे.
जिला निर्वाचन अधिकारी वर्मा ने बताया कि सुमावली विधानसभा क्षेत्र में 31, मुरैना विधानसभा क्षेत्र में 31 और दिमनी विधानसभा क्षेत्र में 21 सेक्टर ऑफीसर बनाए हैं. वे अपने अपने मतदान केंद्र पर भ्रमण करें जिसमें रैम्प, भवन, विद्युत, पेयजल, डबलडोर आदि के प्रबंध होने चाहिए. कई मतदान केंद्र ऐसे मिलेंगे जहां पर नेटवर्क की समस्या आ सकती है. जिनमें वोडाफोन, आइडिया, बीएसएनएल आदि कंपनियों के नेटवर्क मिलते हैं. इन सब बिंदुओं को नोट करें जिससे चुनाव के दौरान जहां जिस कंपनी के टावर मिलते हैं, वहां उसी प्रकार की कंपनी के सिम का उपयोग चुनाव कार्य में किया जाएगा. कोविड को ध्यान में रखते हुये सहायक मतदान केंद्र के लिए लाइन अलग से लगाने के लिए पर्याप्त स्थान और सैनेटाइजिंग प्रत्येक मतदान केंद्र पर अलग से एक दिन पूर्व कराया जाएगा. इस अवसर पर राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर व्योमेश शर्मा ने आयोग के अभी हाल ही में नवीन बिंदुओं को मास्टर ट्रेनरों को अवगत कराया है.