मुरैना। एक तरफ मध्य प्रदेश के कई शहरों में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत हो रही है, तो दूसरी तरफ मुरैना जिला अस्पताल में लापरवाही का आलम ये है कि स्टॉक में ऑक्सीजन होने के बाद भी कोविड वार्ड में 20 मिनट तक ऑक्सीजन सप्लाई बंद रही. मरीजों के परिजनों का आरोप है कि 20 मिनट तक ऑक्सीजन नहीं मिलने से 3 मरीजों की जान चली गई. आरोप है कि ऑक्सीजन खत्म होने के बाद 20 मिनट तक सिलेंडर को बदलने कोई कर्मचारी नहीं आया.
20 मिनट तक रुकी ऑक्सीजन सप्लाई
मुरैना के जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों का आरोप है कि सोमवार सुबह 11 बजे के आसपास कोविड वार्ड में 20 मिनट तक ऑक्सीजन की सप्लाई बंद रही. आरोप है कि ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से 3 मरीजों की मौत हुई है. बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने पर जब परिवार के लोगों ने हंगामा किया तो स्टॉक से सिलेंडर निकाल कर लगवाया गया. मरीजों के परिजनों का आरोप है कि स्टॉक में सिलेंडर होने के बाद भी जिम्मेदारों ने लापरवाही करते हुए ऑक्सीजन सिलेंडर को नहीं बदला.
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अस्पताल में नहीं है काम करने वाले कर्मचारी
मरीज के परिजनों का आरोप है कि स्टॉक में सिलेंडर होने के बाद भी समय पर ऑक्सीजन सिलेंडर को नहीं बदला गया. जब हंगामा हुआ तो अस्पताल के कर्मचारी अन्य वार्डों से ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आए और सप्लाई को फिर से शुरू किया गया. लेकिन इस जद्दोजहद में करीब 20 मिनट का समय लग गया. मरीज के परिवार वालों का ये भी आरोप है कि अस्पताल में सिलेंडरों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए भी कर्मचारी नहीं है.
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3 से 4 बार रुकी ऑक्सीजन सप्लाई
3 मरीजों की मौत के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था दुरुस्त नहीं की. कुछ ही घंटों के बाद करीब दोपहर 1 बजे कोविड वार्ड में फिर वैसी की स्थिति बनी. फिर से ऑक्सीजन सप्लाई रुकने पर मरीज छटपटाने लगे. बताया जा रहा है कि कोविड वार्ड के खाली सिलेंडर को बदलने की जिम्मेदारी जिस वॉर्ड ब्वॉय को दी गई थी वो वहां से नदारद था. बाद में आनन-फानन में सुरक्षा गार्ड ने मौके पर आकर सिलेंडर को बदला.