मुरैना। आदिम जाति कल्याण विभाग के 71 चौकीदार और रसोइयों को सेवा में रेग्युलर करने की मांग को लेकर शहर के नेहरू पार्क पर 20 जनवरी से लघु वेतन भोगी कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन चला. मांगें पूरी नहीं होने से नाराज दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन शुक्रवार से भूख हड़ताल में बदल गया. बताया जाता है कि कलेक्टर के आदेश के बाद भी विभागीय अधिकारियों ने आज तक नियमितीकरण के आदेश जारी नहीं किए. कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर पिछले 22 दिन से हड़ताल पर बैठे हुए हैं.
मांगें पूरी नहीं होने तक हड़ताल : कर्मचरियों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करेगी, वे हड़ताल से नहीं उठेंगे. नियमिति करने और सातवें वेतनमान का लाभ दिए जाने की मांग को लेकर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ बैनर तले पिछले 22 दिन से नेहरू पार्क के बाहर टेंट लगाकर हड़ताल पर बैठे हुए हैं. कर्मचारियों की लंबी हड़ताल के बाद भी सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी है. हड़ताल को बेअसर होते देख कर्मचारी भूख हड़ताल पर बैठ गए. कर्मचारियों की मांग है कि उनको नियमित कर सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए. सरकार जब तक उनकी बात नहीं सुनेगी, वे हड़ताल से नहीं उठेंगे.
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नियमितीकरण के आदेश जारी करो : संभागीय कार्यकारणी अध्यक्ष कप्तान प्रजापति ने बताया कि पिछले कई दिनों से हमारा धरना प्रदर्शन चल रहा है. जिसमें पुरुष और महिला अपने बच्चों के साथ 24 घंटे बैठे रहते है. यहीं पर चूल्हे पर खाना बनाकर खाया करते हैं. सर्दी में यहीं टेंट में सोते हैं. कर्मचारी आंदोलन को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने आदिम जाति कल्याण विभाग को 71 कर्मचारियों के नियमितीकरण आदेश जारी करने को कह दिया था. लेकिन पांच दिन बीतने के बाद भी सीईओ ने आदेश जारी नहीं किए हैं. इससे कर्मचारियों में विभागीय अधिकारियों के प्रति आक्रोश है. शुक्रवार से पुष्पा आदिवासी, ममता श्रीकृष्ण, सुनील आदिवासी, साधना आदिवासी और रामअवतार जाटव भूख हड़ताल पर बैठे.