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Morena Porsa Health Center: मुख्यमंत्री जी ! समस्याओं का निराकरण कब करेंगे, जरा सी बारिश में लबालब हो जाता है पोरसा का स्वास्थ्य केंद्र

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Published : Jul 5, 2023, 10:18 PM IST

मध्य प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दुहाई तो दी जाती है, लेकिन जिले के स्वास्थ्य केंद्र किस हाल में हैं और किन समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनकी तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता है. यह अकेले पोरसा की कहानी नहीं है, ऐसी कई और कहानियां हैं...

bad condition of porsa health center
पोरसा स्वास्थ्य केंद्र का बुरा हाल

मुरैना। मध्य प्रदेश सरकार के मुखिया घोषणाएं तो हजारों कर चुके हैं, लेकिन बुनियादी समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं है. फिर चाहे जिले के स्वास्थ्य केंद्र हों या विद्यालय व छात्रावास, इनके भवन निर्माण को पचासों वर्ष बीत चुके हैं मगर उन्हें दुरुस्त कराने के लिए सरकार के पास रुपया नहीं है. इसके चलते वर्तमान में मुरैना जिले के अनेक स्वास्थ्य केंद्र, विद्यालय बारिश के दौरान पानी से लबालब हो जाते हैं. जिनमें से पोरसा अस्पताल भी शामिल है, जिससे शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ता है. सरकारी नुमाइंदों के साथ-साथ आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

पोरसा सामुदायकि स्वास्थ्य केंद्र का बुरा हाल: दरअसल, पोरसा विकासखंड में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन कई दशकों पुराना है और समय-समय पर उसकी मरम्मत की गई है, परंतु जमीन से उसकी ऊंचाई नहीं की गई. जमीन का लेवल बढ़ता गया और अस्पताल का लेवल नीचा होता गया. हालात ये हैं कि जब-जब बारिश होती है और शहर में जलभराव होता है तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह पानी से लबालब हो जाता है. मरीजों के वार्ड हों या फिर डॉक्टरों के रूम, सभी में पानी भर जाता है. डॉक्टर एवं मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

यह भी खबरें यहां पढ़ें:

समस्या पर शासन प्रशासन का कोई ध्यान नहीं: अस्पताल में मरीज स्वस्थ होने के लिए आता हैं, लेकिन बारिश के दौरान जलभराव होने से गंदगी अस्पताल में भर जाती है. तमाम जहरीले कीड़े मकोड़े भी आ जाते हैं. ऐसे में मरीज कैसे स्वस्थ होगा यह चिंता का विषय है. इसके अलावा अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर एवं स्टाफ भी इस परेशानी से आए दिन तकलीफ झेल रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन द्वारा विकराल होती समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

मुरैना। मध्य प्रदेश सरकार के मुखिया घोषणाएं तो हजारों कर चुके हैं, लेकिन बुनियादी समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं है. फिर चाहे जिले के स्वास्थ्य केंद्र हों या विद्यालय व छात्रावास, इनके भवन निर्माण को पचासों वर्ष बीत चुके हैं मगर उन्हें दुरुस्त कराने के लिए सरकार के पास रुपया नहीं है. इसके चलते वर्तमान में मुरैना जिले के अनेक स्वास्थ्य केंद्र, विद्यालय बारिश के दौरान पानी से लबालब हो जाते हैं. जिनमें से पोरसा अस्पताल भी शामिल है, जिससे शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ता है. सरकारी नुमाइंदों के साथ-साथ आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

पोरसा सामुदायकि स्वास्थ्य केंद्र का बुरा हाल: दरअसल, पोरसा विकासखंड में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन कई दशकों पुराना है और समय-समय पर उसकी मरम्मत की गई है, परंतु जमीन से उसकी ऊंचाई नहीं की गई. जमीन का लेवल बढ़ता गया और अस्पताल का लेवल नीचा होता गया. हालात ये हैं कि जब-जब बारिश होती है और शहर में जलभराव होता है तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह पानी से लबालब हो जाता है. मरीजों के वार्ड हों या फिर डॉक्टरों के रूम, सभी में पानी भर जाता है. डॉक्टर एवं मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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