मुरैना। सरकारें लगातार मजूदूरों को बगैर किराया लिए उनके घर तक पहुंचाने का दावा कर रही हैं, लेकिन कर्नाटक के बेलगांव से मुरैना लौटे मजदूरों ने वहां के प्रशासन पर उन्हें घर तक भेजने के लिए 5700 सौ रुपए किराया लेने की बात कही है. जिसका एक वीडियो भी मजदूरों ने जारी किया है. जिसमें कुछ लोग पैसे गिनते नजर आ रहे हैं. मजदूरों का कहना है कि, उनसे पहले तो 11 हजार रुपए मांग रहे थे, जिसका वीडियो बनाकर एमपी में सभी अधिकारियों और सरकार को भी भेजा. वहां के अधिकारियों की बात भी मुरैना के अधिकारियों से करवाई, पर जब 40 दिनों तक कुछ नहीं हुआ, तो वह खुद पैसा देकर घर वापस आए है.
एक तरफ तो विदेशों से लाखों रुपए खर्च कर लोगों को सरकार वापस बुला रही है. दूसरी तरफ अपने ही देश में मजदूरों को परेशान होना पड़ रहा है. कर्नाटक के वापस लौटे मजदूरों से भारी-भरकम किराया लेने का मामला सामने आया है. मजदूरों का कहना है कि, उन्होंने सीएम शिवराज से लेकर मुरैना कलेक्टर प्रियंका दास तक सभी से गुहार लगाई. लेकिन जब उनकी मदद नहीं की गई, तो मजबूरन पैसे देकर उन्हें घर वापस आना पड़ा.
ये सभी 83 मजदूर मुरैना के अलग-अलग क्षेत्र के रहने वाले हैं, जो लॉकडाउन के बाद से ही कर्नाटक के बेलगांव में फंसे हुए थे, लेकिन इनके घर वापसी में सरकार कोई मदद नहीं कर रही थी. इन सभी मजदूरों को मजबूर होकर अपने ही किराए पर घर आना पड़ा है. इस दौरान उन्हें रास्तें में न तो भोजन मिला और न कोई मदद. किसी तरह मजदूर अपने घर तो पहुंच गए. लेकिन उन्होंने प्रशासन पर उनकी मदद न करने का आरोप लगाया है.