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किसानों की आय दोगुनी करने की कवायद, मधुमक्खी पालन के लिए दिया जा रहा है बढ़ावा

मुरैना के किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है. मधुमक्खी पालन से जुड़ी बारीकियों को जानने के लिए किसान प्रशिक्षण ले रहे हैं.

मधुमक्खी पालन
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Published : Oct 17, 2019, 3:22 PM IST

मुरैना। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए लगातार कई प्रयास किए जा रहे है. इसी के तहत किसानों को नई-नई खेती करने के लिए प्रोत्साहन किया जा रहा है. मुरैना में अब किसान मधुमक्खी पालन के लिए आगे आने लगे हैं. आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र में मधुमक्खी पालन से जुड़ी बारीकियों को जानने के लिए किसान प्रशिक्षण ले रहे हैं. वहीं किसानों के प्रशिक्षण के लिए 16 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

मधुमक्खी पालन


अंचल में होने वाली रवि खरीफ और जायद फसलें में फ्लोरा वाली फसलें अधिक हैं. जो मधुमक्खियों के लिए पर्याप्त भोजन देने वाली होती हैं. परिणाम स्वरूप शहद का उत्पादन प्रचुर मात्रा में होता है. यहां पहले अन्य राज्यों से शहद उत्पादक किसान मधुमक्खी पालन के बॉक्स लेकर आया करते थे. जिन्हें देखकर अंचल के किसान भी आकर्षित होने लगे और जब उन्हें पता चला कि कम लागत में अत्यधिक मुनाफा कमाने का यह अच्छा माध्यम है. इसके लिए अलग से कुछ अधिक ब्याज भी नहीं करना होता और ना ही मेहनत करनी होती है तो इसके सकारात्मक परिणाम आने लगे. जिसके बाद मधुमक्खी पालन की तरफ अंचल का किसान आकर्षित होने लगा है.


शासन भी मधुमक्खी पालन के लिए किसानों को सुविधा मुहैया कराई जा रही है. जिसके तहत मुरैना में तीन शहद सौदान इकाई भी शासन द्वारा स्थापित कराई गई है. जिसमें सहित के शोधन के बाद उसके उचित कीमत मिलने लगती है. यही नहीं किसान छोटी-छोटी पैकिंग करा कर अपना स्वयं का ब्रांड भी निकाल सकता है. इसके लिए पैकेजिंग इकाई भी स्थापित की गई हैं. जो किसानों को बाजार का पूरा मूल्य दिलाने में सहायक होंगी.

मुरैना। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए लगातार कई प्रयास किए जा रहे है. इसी के तहत किसानों को नई-नई खेती करने के लिए प्रोत्साहन किया जा रहा है. मुरैना में अब किसान मधुमक्खी पालन के लिए आगे आने लगे हैं. आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र में मधुमक्खी पालन से जुड़ी बारीकियों को जानने के लिए किसान प्रशिक्षण ले रहे हैं. वहीं किसानों के प्रशिक्षण के लिए 16 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

मधुमक्खी पालन


अंचल में होने वाली रवि खरीफ और जायद फसलें में फ्लोरा वाली फसलें अधिक हैं. जो मधुमक्खियों के लिए पर्याप्त भोजन देने वाली होती हैं. परिणाम स्वरूप शहद का उत्पादन प्रचुर मात्रा में होता है. यहां पहले अन्य राज्यों से शहद उत्पादक किसान मधुमक्खी पालन के बॉक्स लेकर आया करते थे. जिन्हें देखकर अंचल के किसान भी आकर्षित होने लगे और जब उन्हें पता चला कि कम लागत में अत्यधिक मुनाफा कमाने का यह अच्छा माध्यम है. इसके लिए अलग से कुछ अधिक ब्याज भी नहीं करना होता और ना ही मेहनत करनी होती है तो इसके सकारात्मक परिणाम आने लगे. जिसके बाद मधुमक्खी पालन की तरफ अंचल का किसान आकर्षित होने लगा है.


शासन भी मधुमक्खी पालन के लिए किसानों को सुविधा मुहैया कराई जा रही है. जिसके तहत मुरैना में तीन शहद सौदान इकाई भी शासन द्वारा स्थापित कराई गई है. जिसमें सहित के शोधन के बाद उसके उचित कीमत मिलने लगती है. यही नहीं किसान छोटी-छोटी पैकिंग करा कर अपना स्वयं का ब्रांड भी निकाल सकता है. इसके लिए पैकेजिंग इकाई भी स्थापित की गई हैं. जो किसानों को बाजार का पूरा मूल्य दिलाने में सहायक होंगी.

Intro:चंबल अंचल में होने वाली प्रमुख नकदी फसल सरसों की बहुत आता है अब किसानों को दौरा फायदा देने वाली साबित होने लगी है शहद उत्पादन के लिए अंचल की फसलें प्रोत्साहित करने वाली हैं यही कारण है कि मुरैना में अब किसान सहित के उत्पादन और मधुमक्खी पालन के लिए आगे आने लगे हैं आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र में मधुमक्खी पालन से जुड़ी बारीकियों को जानने के लिए किसान प्रशिक्षण ले रहे हैं या प्रशिक्षण कार्यक्रम 16 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक चलने वाला है ।


Body:अंचल में होने वाली रवि खरीफ और जायद फसलें मैं फ्लोरा वाली फसलें अधिक हैं जो मधुमक्खियों के लिए पर्याप्त भोजन देने वाली होती हैं । परिणाम स्वरूप शहद का उत्पादन प्रचुर मात्रा में होता है यहां पहले अन्य राज्यों से शहद उत्पादक किसान मधुमक्खी पालन के बॉक्स लेकर आया करते थे जिन्हें देखकर अंचल के किसान भी आकर्षित होने लगे और जब उन्हें पता चला कि कम लागत में अत्यधिक मुनाफा कमाने का यह अच्छा माध्यम है इसके लिए अलग से कुछ अधिक ब्याज भी नहीं करना होता और ना ही मेहनत करनी होती है तो इसके सकारात्मक परिणाम आने लगे और आओ मधुमक्खी पालन की तरफ अंचल का किसान आकर्षित होने लगा है ।


Conclusion:शासन स्तर से भी मधुमक्खी पालन के लिए किसानों को सुविधा मुहैया कराई जा रही है जिसके तहत मुरैना में तीन शहद सौदान इकाई भी शासन द्वारा स्थापित कराई गई है जिसमें सहित के शोधन के बाद उसके उचित कीमत मिलने लगती है यही नहीं किसान छोटी-छोटी पैकिंग करा कर अपना स्वयं का ब्रांड भी निकाल सकता है इसके लिए पैकेजिंग इकाई भी स्थापित की गई हैं जो किसानों को बाजार का पूरा मूल्य दिलाने में सहायक होंगी । बाईट - 1 डॉ अशोक सिंह यादव , वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र मुरैना
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