मुरैना। बुधवार की रात कांग्रेस से राज्यसभा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मुरैना पहुंचे. जहां उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कार्यकर्ताओं की मीटिंग की और कार्यकर्ता सम्मेलन को भी संबोधित किया. इस दौरान दिग्विजय सिंह राम मंदिर पर बोले कि ''जब राम मंदिर का निर्माण पूरा ही नहीं हुआ तो इसका उद्घाटन क्यों कर रहे हैं, इनका उद्देश्य राजनैतिक है. 2024 का लोकसभा चुनाव है और यदि उद्घाटन करना ही था तो जब राम का जन्म हुआ था उस राम नवमी पर करते.''
नहीं जाएंगे उद्घाटन में: दिग्विजय सिंह ने कहा कि ''जब हमारे धर्म गुरु शंकराचार्य मंदिर उद्घाटन में नहीं जा रहे हैं तो हम क्यों जाएं. हम ऐसे धार्मिक आयोजनों के राजनैतीकरण करने का विरोध करते हैं और इसमें हम शामिल नहीं होंगे. इस मंदिर में हम सबने चंदा दिया है तभी मंदिर बन रहा है. बीजेपी इस मंदिर को राजनैतिक अड्डा बनाना चाहती है.''
हार-जीत होती रहती है: कांग्रेस से राज्यसभा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बीती रात ट्रेन द्वारा भोपाल से मुरैना पहुंचे. स्टेशन पर कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया. वहीं पत्रकारों से रूबरू होकर कांग्रेस की करारी हार पर कहा कि ''हार जीत तो होती रहती है. मैं चाणक्य नहीं हूं, हमारी लड़ाई गांधीवादी-नेहरूवादी विचारधारा की है, देश की सनातनी परंपराओं की विचारधारा की है, और यह देश सबका है और सर्वधर्म सद्भावना ही हमारी मूल भावना है, इसलिए हम उससे डरते नहीं हैं. देश में नफरत की जो आग फैलाई जा रही है हम उसके खिलाफ हैं.''
सबके पैसों से बन रहा मंदिर: वहीं राम मंदिर पर कहा कि ''राम मंदिर हमारे पैसों से बन रहा है, हम लोगों ने सबने चंदा दिया है. और हमारी एक और आपत्ति है. हमारे शंकराचार्य जी को अपमानित किया जा रहा है. हमारे राम नंदी संप्रदाय को अपमानित किया जा रहा है.'' वहीं, कहा कि विश्व हिंदू परिषद ने कौन सा ठेका ले लिए है राम मंदिर का, उसका क्या अधिकार है मंदिर पर. यह हम लोगों का पैसा है हम लोगों का चंदा हैं और नरसिम्हा राव ने रामालाय न्यास बनाया था जो आज भी कायम है. उसको अधिकार क्यों नहीं दिया निर्माण का.''
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धर्म को बांट रहे चंपत राय: दिग्विजय सिंह ने कहा ''चंपत राय क्या हैं, विश्वहिंदू परिषद के प्रचारक हैं, जिन्होंने जमीन का घोटाला किया है. ऐसे व्यक्ति को उन्होंने प्रमुख बनाया हुआ है. जो अपमानित कर रहा है, धर्म को बांट रहा है, धर्म गुरुओं को बांट रहा हैं. रामालय और शंकराचार्य के बीच खाई पैदा कर रहा है. यहां की पूजा निर्मोही अखाड़ा किया करता था, उसका अधिकार क्यों छीन लिया गया. इन लोगों के पास बांटने के अलावा कोई काम नहीं है. पहले धर्म के नाम पर बांटा हिंदू-मुसलमानों को, अब राम मंदिर पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं. फूट डालो और शासन कर ब्रिटिश हुकूमत भाजपा, संघ और विश्व हिंदू परिषद चला रही है.''