मुरैना। भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर द्वारा बीते दिनों एक कार्यक्रम में अनुसूचित जाति जनजाति को लेकर दिए गए बयान के बाद अब राजनीति तेज हो गई है. कांग्रेस ने सांसद प्रज्ञा के बयान की कड़े शब्दों में निंदा की है, वहीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बयान के विरोध में आज जिला कांग्रेस और कांग्रेस अनूसूचित जाति ने कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया और सांसद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर प्रज्ञा ठाकुर की सदस्यता समाप्त करने की भी मांग की है.
- 12 दिसंबर को प्रज्ञा ठाकुर ने दिया था बयान
आपको बता दें, कि भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने 12 दिसंबर को मध्यप्रदेश के सीहोर में एक सभा को संबोधित करते हुए धर्मशास्त्र का हवाला देते हुए कहा था कि, "जब हम किसी क्षत्रिय को क्षत्रिय कहते हैं तो उसे बुरा नहीं लगता है. यदि हम किसी ब्राह्मण को ब्राह्मण कहते हैं तो उसे बुरा नहीं लगता है. यदि हम किसी वैश्य को वैश्य कहते हैं तो उसे बुरा नहीं लगता है. लेकिन यदि हम किसी शुद्र को शुद्र कहते हैं तो वह बुरा मान जाता है. कारण क्या है ? क्योंकि वे बात को समझते नहीं हैं."
- सांसद प्रज्ञा ठाकुर की सदस्यता समाप्त करने की मांग
इस विवादित बयान को लेकर आज मंगलवार को जिला कांग्रेस कमेटी और कांग्रेस अनुसूचित जाति ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर सांसद प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस ने प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर सांसद की सदस्यता समाप्त करने की मांग की है. इस अवसर पर कांग्रेस अनुसूचित जाति जिलाध्यक्ष ने कहा की 'सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग पर टिप्पणी कर अपमानित किया है और उन्होंने जाति को शुद्र शब्द से संबोधित किया है. उनका यह कृत्य भारत के संविधान में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग को प्रदत्त संरक्षण के अधिकार तथा सामाजिक समरसता के विपरीत है'
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उन्होंने कहा कि 'प्रज्ञा ठाकुर ने संसद में शपथ ली थी कि वो भारत के संविधान को अकक्षुण रखूंगी, वह किसी से राग दोष नहीं रखूंगी, लेकिन बीते दिनों एक कार्यक्रम में सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की, जो कि उनकी मानसिकता बताती है.'