मुरैना : जिले की नए कलेक्ट्रेट सभागार में कलेक्टर अनुराग वर्मा ने सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों की समीक्षा बैठक की. जिसमें कलेक्टर ने पाया कि अधिकारियों ने समय पर निराकरण नहीं किया है. जिस पर कलेक्टर ने जिले भर के एसडीएम और तहसीलदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं. टीएल बैठक में समीक्षा बैठक के दौरान कलेक्टर ने अधिकारियों के कामकाज से बेहद नाखुश थे और कामकाज में सुधार लाने के लिए निर्देश दिए हैं.
राजस्व विभाग से सबसे ज्यादा शिकायतें
समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने कहा है कि पिछली टीएल बैठक में 300 दिनों से पेंडिंग की शिकायतों की लिस्ट में सर्वाधिक 1746 शिकायतें राजस्व विभाग की पाई गई थी. एक सप्ताह में 109 शिकायतों का निराकरण हुआ है, नाराजगी जताते हुए कलेक्टर ने कहा है कि इस प्रकार की सीएम हेल्पलाइन में निराकरण की रफ्तार धीमी गति से हुई तो सीएम हेल्पलाइन समाप्त ही नहीं हो पाएंगी. राजस्व अधिकारियों में पोरसा की 82, अम्बाह की 92, सबलगढ़ की 64, मुरैना शहर की 13,बानमौर की 54, कैलारस की 58, जौरा की 122 और मुरैना की 61 शिकायतें लंबित हैं. कलेक्टर ने कहा है कि सीएम हेल्पलाइन की जायज शिकायतें किसी भी स्थिति में फोर्स क्लोज नहीं होनी चाहिए. ऐसी ही शिकायतें समाधान में पहुंचती हैं, जो व्यक्ति पात्र हैं उस से दूरभाष पर संपर्क करें हितग्राही को समझाइश दें,विलंब होने का कारण बताएं और उसका समाधान करें.
धीमी गति से चल रहा काम
टीएल बैठक के दौरान कलेक्टर अनुराग वर्मा ने जनपद पंचायतों के कामकाज की भी समीक्षा की तो पाया गया कि प्रधानमंत्री की पथ विक्रेता, आत्मनिर्भर निधि और ग्रामीण पथ विक्रेता योजना अधिकांश जनपदों का कामकाज बहुत ही धीमी गति से काम चल रहा है. सबसे धीमा काम पोरसा, पहाड़गढ़, कैलारस और सबलगढ़ जनपद का पाया गया. जिस कलेक्टर अनुराग वर्मा ने नाराजगी जताते हुए सबलगढ़, कैलारस, पहाड़गढ़ और पोरसा जनपद पंचायतों के सीईओ को कारण बताओ नोटिस देने के निर्देश दिए हैं.