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इस गांव में जन्म लेते हैं सेना के जवान, हर घर में बसता है सैनिक

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद, सुरक्षा के चलते भारी संख्या में सेना के जवानों को तैनात किया गया है. इन जवानों में जिले के एक ही गांव काजी बसई से 45 जवान जम्मू कश्मीर में लोगों की सुरक्षा कर रहे हैं.

मोहम्मद रफीक
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Published : Aug 15, 2019, 7:13 PM IST

मुरैना। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद, सुरक्षा के चलते घाटी में भारी संख्या में सेना के जवानों को तैनात किया गया है. इन जवानों में मुरैना जिले के एक ही गांव 'काजी बसई' से 45 जवान कश्मीर में लोगों की सुरक्षा कर रहे हैं. देश की सुरक्षा में यह गांव सालों से अपना योगदान देता आया है.

इस गांव में जन्म लेते हैं सेना के जवान

बॉर्डर पर 16 सालों तक देश की सुरक्षा करने वाले काजी बसई के मोहम्मद रफीक ने अनुच्छेद 370 पर कहा कि सरकार के इस कदम से जम्मू कश्मीर के आम लोगों में खुशी का माहौल है. अनुच्छेद 370 की वजह से घाटी के लोगों को न तो शिक्षा मिल रही थी और न ही स्वास्थ्य सेवाएं.

रफीक ने बताया कि कश्मीर के हालात ऐसे थे कि लोगों को खाना भी नसीब नहीं होता था. ऐसे में सेना ही कई जगहों पर लोगों को खाना पहुंचाती थी. सरकार के इस फैसले से कश्मीर की जनता खुश है. साथ ही वहां के कर्मचारियों को केंद्र सरकार के हिसाब से वेतनमान की घोषणा लोगों को भरोसा है कि वह भी विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे.

मुरैना। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद, सुरक्षा के चलते घाटी में भारी संख्या में सेना के जवानों को तैनात किया गया है. इन जवानों में मुरैना जिले के एक ही गांव 'काजी बसई' से 45 जवान कश्मीर में लोगों की सुरक्षा कर रहे हैं. देश की सुरक्षा में यह गांव सालों से अपना योगदान देता आया है.

इस गांव में जन्म लेते हैं सेना के जवान

बॉर्डर पर 16 सालों तक देश की सुरक्षा करने वाले काजी बसई के मोहम्मद रफीक ने अनुच्छेद 370 पर कहा कि सरकार के इस कदम से जम्मू कश्मीर के आम लोगों में खुशी का माहौल है. अनुच्छेद 370 की वजह से घाटी के लोगों को न तो शिक्षा मिल रही थी और न ही स्वास्थ्य सेवाएं.

रफीक ने बताया कि कश्मीर के हालात ऐसे थे कि लोगों को खाना भी नसीब नहीं होता था. ऐसे में सेना ही कई जगहों पर लोगों को खाना पहुंचाती थी. सरकार के इस फैसले से कश्मीर की जनता खुश है. साथ ही वहां के कर्मचारियों को केंद्र सरकार के हिसाब से वेतनमान की घोषणा लोगों को भरोसा है कि वह भी विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे.

Intro:एंकर - विश्व में जम्मू कश्मीर का मुद्दा इस समय गरमाया हुआ है धारा 370, 35A हटाने के बाद से कश्मीर में कर्फ्यू लगा हुआ है। भारी संख्या में सेना के जवान तैनात किए गए हैं मुरैना जिले के काजी बसई गांव के भी 45 जवान इस समय घाटी में तैनात है। सरकार के इस कदम से घाटी के लोगों में क्या प्रतिक्रिया है इसको लेकर कई बयान आ रहे हैं। पर उसी घाटी में बॉर्डर पर 16 सालों तक देश की सुरक्षा करने वाले मोहम्मद रफीक की मानें तो सरकार के इस कदम से जम्मू कश्मीर की आम आवाम में खुशी की लहर है। रफीक बताते हैं कि 370 की वजह से घाटी के लोगों को ना तो शिक्षा मिल रही है और ना ही स्वास्थ्य सेवाएं।


Body:वीओ - मोहम्मद रफीक ने अपनी जिंदगी के 16 साल घाटी में गुजारे हैं। वह बताते हैं कि वहां के हालात ऐसे थे कि वहां लोगों को खाने के लिए भी नसीब नहीं था। ऐसे में सेना कई लोगों को खाना पहुंचाती थी सरकार के इस फैसले से वहां की जनता में भारी खुशी है। साथ ही वहां के कर्मचारियों को केंद्र सरकार के हिसाब से वेतनमान की घोषणा से अब लोगों को भरोसा है कि अब वह भी विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे।


Conclusion:बाइट - मोहम्मद रफीक - रिटायर सब-इंस्पेक्टर बीएसएफ काजी बसई मुरैना।
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