मुरैना। जिला अस्पताल में मरीजों को खाना तो बांटा जा रहा है, लेकिन उनके लिए थाली की सुविधा नहीं है. इसी के चलते मरीज और उनके परिजन भोजन को हाथ में लेकर खाने के लिए मजबूर हैं. कलेक्टर ने इस बारे में कहा कि थालियों की व्यवस्था की जा रही है, जल्द ही मरीज और उनके परिजनों को इस तरह भोजन नहीं करना पड़ेगा.
जिला अस्पातल में मरीजों को निःशुल्क भोजन दिया जाता है, जिसके लिए टेंडर निकाला जाता है. इस भोजन व्यवस्था के तहत मरीजों को चाय-नाश्ता, दोपहर और शाम का भोजन दिया जाता है, लेकिन भोजन देने का ये अमानवीय तरीका मरीजों के लिए मददगार न होकर उन्हें बेइज्जत करने वाला है. अस्पताल प्रबंधन का इस बारे में कहना है कि मरीज अपनी थाली खुद लाए या फिर पैसे जमा कर किचन से थाली ले.
जिला अस्पताल में मरीजों को दिए जाने वाले भोजन को हाथ में देने के मामले में कलेक्टर प्रियंका दास का कहना है कि अस्पताल की क्षमता 300 मरीजों के भर्ती करने की है, लेकिन यहां कई बार मरीजों की संख्या 500 तक हो जाती है, जिससे अव्यवस्थाएं होती है, इसलिए 100 रुपए जमा कर मरीजों को अस्पताल की कैंटीन से थाली दी जाती है, जिसे जरूरत के मुताबिक लिया जा सकता और बाद में मरीज थाली वापस कर पैसे ले सकता है.