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6 साल की बहन को गोद में लिये इलाज के लिए जिला अस्पताल में भटकता रहा 9 साल का भाई

जिला अस्पताल के दुर्घटना में घायल हुये मरीजों को इलाज के लिये जगह नहीं मिली तो डॉक्टर ने उसे जमीन पर लिटाकर ही इलाज शुरू कर दिया, जबकि एक 9 साल का भाई अपनी 6 साल की मासूम बहन गोद में उठाकर इलाज के लिये इधर-उधर भटकता रहा.

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Published : Jun 19, 2019, 12:59 AM IST

अस्पताल में भटकता रहा 9 साल का भाई

मुरैना। आवाम को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए जिला अस्पताल में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी अस्पताल की हालत में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा. सोमवार को हुए सड़क हादसे में घायलों को जिला अस्पताल में इलाज के लिये भर्ती कराया गया तो कुछ ऐसी तस्वीरें दिखीं, जिससे साफ हो गया कि सरकारी अस्पताल में किस तरह से मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है.

जिला अस्पताल में भटकता मासूम
पहली तस्वीर में घायल को जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के फर्श पर लिटा दिया गया है, जिसमें डॉक्टर इलाज करने की बजाय खड़े-खड़े ही हाल-चाल पूछ रहा है, जबकि दूसरी तस्वीर और भी सोचने पर मजबूर कर देगी, जिसमें एक 9 साल का भाई अपनी 6 साल की मासूम बहन गोद में उठाकर इलाज के लिये इधर-उधर घूम रहा है.

जिम्मेदारों से जब इस बारे में पूछा गया तो वो अचानक बड़ी संख्या में घायलों के आने की बात कहने लगे, पर आम तौर पर भी यहां हालात भगवान भरोसे ही रहते हैं. वहीं बच्चों को उठाकर ले जाने वाली बात पर सिविल सर्जन का कहना है कि वार्ड बॉय की कमी है, जिसे जल्द पूरा किया जायेगा.

मुरैना। आवाम को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए जिला अस्पताल में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी अस्पताल की हालत में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा. सोमवार को हुए सड़क हादसे में घायलों को जिला अस्पताल में इलाज के लिये भर्ती कराया गया तो कुछ ऐसी तस्वीरें दिखीं, जिससे साफ हो गया कि सरकारी अस्पताल में किस तरह से मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है.

जिला अस्पताल में भटकता मासूम
पहली तस्वीर में घायल को जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के फर्श पर लिटा दिया गया है, जिसमें डॉक्टर इलाज करने की बजाय खड़े-खड़े ही हाल-चाल पूछ रहा है, जबकि दूसरी तस्वीर और भी सोचने पर मजबूर कर देगी, जिसमें एक 9 साल का भाई अपनी 6 साल की मासूम बहन गोद में उठाकर इलाज के लिये इधर-उधर घूम रहा है.

जिम्मेदारों से जब इस बारे में पूछा गया तो वो अचानक बड़ी संख्या में घायलों के आने की बात कहने लगे, पर आम तौर पर भी यहां हालात भगवान भरोसे ही रहते हैं. वहीं बच्चों को उठाकर ले जाने वाली बात पर सिविल सर्जन का कहना है कि वार्ड बॉय की कमी है, जिसे जल्द पूरा किया जायेगा.

Intro:एंकर - मुरैना जिला अस्पताल में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी हालात बद से बदतर नजर आ रहे हैं। सोमवार को हुए सड़क हादसे में घायलों को जिला अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया तो कुछ तस्वीरें ऐसी भी नजर आई जिससे साफ होता है कि किस तरह से गरीब मरीजों की जान के सरकारी अस्पताल में खिलवाड़ किया जा रहा है। पहली तस्वीर में घायल को जिला अस्पताल के इमरजेंसी के फर्श पर लिटा दिया गया है जिसमें डॉक्टर इलाज करने की बजाए उससे खड़े-खड़े ही हाल-चाल पूछ रहा है। वहीं दूसरी तस्वीर और भी सोचने पर मजबूर कर देगी जिसमें अपनी 6 साल की मासूम बहन को 9 साल का बच्चा गोद मे उठाकर इलाज के लिए इधर-उधर घूम रहा है।


Body:वीओ - जिला अस्पताल के हालात तो पहले भी अच्छे नहीं थे पर दिन-ब-दिन इसके हालात और भी बिगड़ते जा रहे हैं। जिम्मेदारों से जब इस बारे में पूछा गया तो वो अचानक बड़ी संख्या में घायलों के आने की बात कहने लगे पर आम समय पर कौन से हालत सही होते हैं ये सभी को पता है। वहीं बच्चों को उठाकर ले जाने वाली बात पर सिविल सर्जन का कहना है कि वार्ड बॉय की कमी है जिससे जल्द पूरा किया जाएगा।


Conclusion:बाईट - डॉ अशोक गुप्ता - सिविल सर्जन जिला अस्पताल मुरैना।
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