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फीस डकारने वाले तीन स्कूल संचालक पर कलेक्टर ने दिए कार्रवाई के आदेश

मुरैना में 1 हजार 38 छात्रों को एससी केटेगरी का दर्शाकर फीस डकारने और छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले 3 स्कूल संचालकों पर कलेक्टर ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

Playing with future with 1038 students
1038 छात्रों के साथ भविष्य से खिलवाड़
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Published : Mar 5, 2020, 3:06 PM IST

मुरैना। एक हजार 38 छात्रों को एससी केटेगरी का दर्शाकर फीस डकारने वाले तीन स्कूल संचालकों पर कार्रवाई की जाएगी. यह कहना है, मुरैना कलेक्टर प्रियंका दास का. एक हजार 38 छात्रों के फॉर्म में सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग को छात्रों को एससी केटेगरी में दर्शाकर 9 लाख 60 हजार से अधिक रुपये की फीस अनुचित तरीके से हड़पने का मामला सामने आया है. जिसकी वजह से छात्र बोर्ड एग्जाम में नहीं बैठ पाए हैं. कलेक्टर ने पूरे मामले के जांच के निर्देश दे दिए हैं.

स्कूल संचालकों की इन करतूतों से छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया है. छात्रों ने अपने भविष्य के साथ हुए खिलवाड़ की शिकायत जब पुलिस से करने की कोशिश की, तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने छात्रों पर ये कहकर दबाव बनाने की कोशिश की, कि 'आप स्कूल में नियमित कक्षा लेने नहीं जाते थे, इसलिए आपने नियमित छात्र के रूप में परीक्षा फार्म भर कर शॉर्टकट का रास्ता अपनाया है'. स्कूल संचालकों ने बच्चों को यह भय बताने की कोशिश की है कि, 'अगर आप कार्रवाई चाहते हो तो आपके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होगी'.

वहीं इस मामले में कलेक्टर प्रियंका दास ने कहा कि, जब मामले की जांच की गई तो स्कूल में 5-10 छात्र ही नियमित क्लास लेते हुए पाएं गए. जबकि स्कूल संचालकों ने बोर्ड एग्जाम का फॉर्म 200 से 250 बच्चों का भरवाया है.

कलेक्टर ने कहा कि, इन सब मामले में प्राईवेट स्कूल संचालकों की भूमिका रही है. जिन्होंने सिस्टम के साथ धोखाधड़ी करने का प्रयास किया है. इन स्कूल संचालकों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी और इनकी मान्यता भी रद की जाएगी.

मुरैना। एक हजार 38 छात्रों को एससी केटेगरी का दर्शाकर फीस डकारने वाले तीन स्कूल संचालकों पर कार्रवाई की जाएगी. यह कहना है, मुरैना कलेक्टर प्रियंका दास का. एक हजार 38 छात्रों के फॉर्म में सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग को छात्रों को एससी केटेगरी में दर्शाकर 9 लाख 60 हजार से अधिक रुपये की फीस अनुचित तरीके से हड़पने का मामला सामने आया है. जिसकी वजह से छात्र बोर्ड एग्जाम में नहीं बैठ पाए हैं. कलेक्टर ने पूरे मामले के जांच के निर्देश दे दिए हैं.

स्कूल संचालकों की इन करतूतों से छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया गया है. छात्रों ने अपने भविष्य के साथ हुए खिलवाड़ की शिकायत जब पुलिस से करने की कोशिश की, तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने छात्रों पर ये कहकर दबाव बनाने की कोशिश की, कि 'आप स्कूल में नियमित कक्षा लेने नहीं जाते थे, इसलिए आपने नियमित छात्र के रूप में परीक्षा फार्म भर कर शॉर्टकट का रास्ता अपनाया है'. स्कूल संचालकों ने बच्चों को यह भय बताने की कोशिश की है कि, 'अगर आप कार्रवाई चाहते हो तो आपके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होगी'.

वहीं इस मामले में कलेक्टर प्रियंका दास ने कहा कि, जब मामले की जांच की गई तो स्कूल में 5-10 छात्र ही नियमित क्लास लेते हुए पाएं गए. जबकि स्कूल संचालकों ने बोर्ड एग्जाम का फॉर्म 200 से 250 बच्चों का भरवाया है.

कलेक्टर ने कहा कि, इन सब मामले में प्राईवेट स्कूल संचालकों की भूमिका रही है. जिन्होंने सिस्टम के साथ धोखाधड़ी करने का प्रयास किया है. इन स्कूल संचालकों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी और इनकी मान्यता भी रद की जाएगी.

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