मुरैना। जिले में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने केंद्र सरकार का सर्वे (central survey team of flood) दल मुरैना पहुंच गया है. केंद्रीय दल के सदस्यों ने प्रशासनिक अफसरों (government officers) से मुलाकात की और मुरैना कलेक्टर की नेतृत्व में पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस (PWD rest house) में एक बैठक की. केंद्रीय दल के अधिकारियों ने जिले की बाढ़ (Flood in Morena) प्रभावित किसी भी गांव में जाकर दौरा नहीं किया, सिर्फ अधिकारियों के साथ बैठककर यह दल सबलगढ़ होते हुए श्योपुर (Flood in Sheopur) के लिए रवाना हो गया.
बिना गांव जाए टीम ने बना ली सर्वे की फाइल
जिले की बाढ़ प्रभावित क्षेत्र पोरसा, अंबाह, मुरैना जौरा और कैलारस के किसी भी गांव में जाकर यह नहीं देखा कि ग्रामीणों का कितना और क्या नुकसान हुआ है. केंद्रीय दल के सदस्यों ने सिर्फ मुरैना (No Survey in Morena) से सबलगढ़ जाते समय रास्ते में पूरी पुल पर खड़े होकर नदी और एक पुलिया को देखा. इससे ऐसा लगता है कि किसान और ग्रामीणों के लिए केंद्र सरकार का दल कितना गंभीर है. बिना किसी गांव में जाये सर्वे कर डाला.
सरकारी आंकड़ों में बाढ़ से 68 गांव हुए प्रभावित
इधर, जिनके घर बाढ़ में बर्बाद हो गए हैं, वे सर्वे दल का इंतजार करते रह गये. केंद्रीय दल ने सड़क से ही गांव का सर्वे कर लिया. बता दें जिले में चंबल और क्वारी नदी में बाढ़ आने से गांव के गांव तबाह हो गए हैं. सरकारी आंकड़ों की मानें, तो बाढ़ से जिले के 68 गांव प्रभावित हुए हैं. हकीकत में इनकी संख्या कहीं अधिक है. प्रशासन का ये हाल है कि बाढ़ पीड़ितों (Flood Victims) को पेट भरने के लिए रोटी तक नहीं दे सका.
सर्वे करने मुरैना पहुंचा केंद्रीय दल
केंद्र सरकार के कृषि विभाग के निदेशक एके तिवारी के नेतृत्व में केंद्रीय दल मुरैना पहुंचा है. यहां वे सबसे पहले कलेक्ट्रेट (Morena Collectorate) गए. यहां अधिकारियों से मुलाकात की और मुरैना से श्योपुर के लिए रवाना हो गए. केंद्रीय दल की इस पूरे सर्वे से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि दल में आए अधिकारी किसान और ग्रामीणों के लिए कितने गंभीर हैं. यह हाल तब है जबकि यह संसदीय क्षेत्र केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Minister Narendra Singh Tomar) का है. अन्य जिलों में यह केंद्रीय दल कैसा सर्वे करेगा यह तो समय ही बताएगा. केंद्रीय दल के साथ-साथ मुरैना कलेक्टर (Morena Collector) कितने गंभीर थे यह भी यह सर्वे से पता चलता है.
टीम में शामिल डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर कॉर्पोरेशन एंड किसान कल्याण के संचालक डॉ. एके तिवारी, मिनिस्ट्री ऑफ वाटर रिर्सोसेज के अधीक्षक यंत्री मनोज तिवारी और मिनिस्ट्री ऑफ रूरल डिपार्टमेंट के आरके श्रीवास्तव ने सबलगढ़ ब्लॉक के नैपरी पुल पहुंचे. जहां क्षतिग्रस्त पुल का अवलोकन किया. ये पुल क्वारी नदी पर एमपीआरडीसी द्वारा बनाया गया था. इसके बाद टीम टेंटरा के समीप ग्राम गजाधर का पुरा पहुंची. जहां उन्होंने एनएच-552 पर बनी पुलिया का फोटोग्राफ्स खींचे और श्योपुर रवाना हो गए. इस टीम के साथ एडिशनल कमिश्नर अशोक कुमार चौहान, संयुक्त आयुक्त विकास राजेन्द्र सिंह, सबलगढ़ एसडीएम एलके पाण्डेय, जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक अरविंद विश्वरूप, तहसीलदार शुभ्रता त्रिपाठी आदि मौजूद थे.