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एंबुलेंस न मिलने पर पत्नी को हाथ ठेला से अस्पताल ले गया पति, मौत

एमपी के मुरैना में समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने पर पति पत्नी को हाथ ठेला पर लिटाकर अस्पताल पहुंचा. जहां महिला की मौत हो गई. गुस्साये परिजनों और मौजूद भीड़ ने अस्पताल में हंगामा काटा

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हंगामा
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Published : May 4, 2021, 1:05 AM IST

मुरैना। जिले की पोरसा तहसील इलाके की पुरानी बस्ती में रहने वाले विशंभर प्रजापति को एम्बुलेंस न मिलने पर अपनी बीमार पत्नी को हाथ ठेला में लिटाकर इलाज के लिए पोरसा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचे. जब काफी देर तक इलाज नहीं मिला तो परिजन अस्पताल की कमियों और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. काफी देर बाद ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर वहां पहुंचे. डॉक्टर ने महिला का हाथ पकड़कर बोला कि महिला की मौत हो चुके है, इसे पीएम के लिए ले जाओ. इसके बाद आक्रोशित लोगों ने काफी देर तक अस्पताल में हंगामा किया. सूचना पाकर पोरसा थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई.

परिजनों ने अस्पताल परिसर में काटा हंगामा.

दो बार कॉल करने पर भी नहीं पहुंची एंबुलेंस
दरअसल, पोरसा कस्बे के वार्ड क्रमांक-5 में रहने वाले महावीर जैन ने बताया कि विशंभर प्रजापति की पत्नी अंगूरी देवी की तबीयत 4-5 दिन से खराब चल रही थी. उसे बुखार के साथ उल्टी-दस्त की शिकायत थी. सोमवार दोपहर अचानक अंगूरी देवी बेहोश हो गई. विशंभर ने अपने भतीजे महेश को बुलाया और उसके मोबाइल से 108 एंबुलेंस को दो बार कॉल किया, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई.

पति हाथठेला से पत्नी को लेकर गया अस्पताल
महावीर ने बताया कि इसके बाद विशंभर अपनी बीमार पत्नी अंगूरी देवी को हाथठेला में लिटाकर अस्पताल ले गए. जहां डयूटी पर तैनात डॉक्टर डॉ. जेएन मेवाफरोश के आवास पहुंचकर उनका दरवाजा खटखटाया लेकिन वे बाहर ही नहीं निकले. तकरीबन आधा घंटे बाद वे बाहर निकले. डॉक्टर ने कहा कि मरीज को अम्बाह अस्प्ताल ले जाओ, यहां कोई व्यवस्था नही है. इसके बाद डॉक्टर ने बीमार महिला को देखकर कहा कि-इसकी तो मौत हो गई है. सूचना मिलते ही तमाम लोग पोरसा अस्पताल पहुंच गए. मृत महिला के शव अस्पताल गेट पर रखकर हंगामा कर करने लगे.

केंद्रीय मंत्री के इलाके के अस्प्ताल की हालत खराब
पोरसा कस्बे के महावीर जैन के मुताबिक केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का गांव पोरसा क्षेत्र में ही पड़ता है. इसके अलावा यहां बीजेपी से विधायक भी है. इसके बावजूद भी पोरसा अस्प्ताल की हालत बहुत खराब है. उन्होंने कहा कि पोरसा क्षेत्र की जनता का बड़ा दुर्भाग्य है कि केंद्रीय मंत्री के गृह जिले का पोरसा अस्पताल की दुर्दशा खराब है. अगर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर समय पर महिला को देख लेते और अस्पताल में सुविधाएं होतीं तो महिला अंगूरी की जान बच जाती.

48 घंटे में गिरने लगता है ऑक्सीजन लेवल, बेड की व्यवस्था हो जाती है मुश्किल

भीड़ ने किया हंगामा
महिला की मौत के बाद उसके परिजन के साथ पोरसा कस्बे के कुछ आरएसएस और विद्यार्थी परिषद के नेता भी एकत्रित हो गए. उन्होंने डॉ.जेएन मेवाफरोश और पोरसा अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर हंगामा काटा. हंगामा करने वालों का कहना था कि हॉस्पिटल की हालत बद से बदतर है. यहां न लोगों को एंबुलेंस मिलती है और न ही ऑक्सीजन. हंगामे की सूचना के बाद पोरसा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मृत महिला के परिजन को समझा-बुझाकर शांत किया. तब वह पीएम कराने के लिए माने. देर शाम विशंभर ने अपनी पत्नी अंगूरी का अंतिम संस्कार किया.

मुरैना। जिले की पोरसा तहसील इलाके की पुरानी बस्ती में रहने वाले विशंभर प्रजापति को एम्बुलेंस न मिलने पर अपनी बीमार पत्नी को हाथ ठेला में लिटाकर इलाज के लिए पोरसा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचे. जब काफी देर तक इलाज नहीं मिला तो परिजन अस्पताल की कमियों और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. काफी देर बाद ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर वहां पहुंचे. डॉक्टर ने महिला का हाथ पकड़कर बोला कि महिला की मौत हो चुके है, इसे पीएम के लिए ले जाओ. इसके बाद आक्रोशित लोगों ने काफी देर तक अस्पताल में हंगामा किया. सूचना पाकर पोरसा थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई.

परिजनों ने अस्पताल परिसर में काटा हंगामा.

दो बार कॉल करने पर भी नहीं पहुंची एंबुलेंस
दरअसल, पोरसा कस्बे के वार्ड क्रमांक-5 में रहने वाले महावीर जैन ने बताया कि विशंभर प्रजापति की पत्नी अंगूरी देवी की तबीयत 4-5 दिन से खराब चल रही थी. उसे बुखार के साथ उल्टी-दस्त की शिकायत थी. सोमवार दोपहर अचानक अंगूरी देवी बेहोश हो गई. विशंभर ने अपने भतीजे महेश को बुलाया और उसके मोबाइल से 108 एंबुलेंस को दो बार कॉल किया, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई.

पति हाथठेला से पत्नी को लेकर गया अस्पताल
महावीर ने बताया कि इसके बाद विशंभर अपनी बीमार पत्नी अंगूरी देवी को हाथठेला में लिटाकर अस्पताल ले गए. जहां डयूटी पर तैनात डॉक्टर डॉ. जेएन मेवाफरोश के आवास पहुंचकर उनका दरवाजा खटखटाया लेकिन वे बाहर ही नहीं निकले. तकरीबन आधा घंटे बाद वे बाहर निकले. डॉक्टर ने कहा कि मरीज को अम्बाह अस्प्ताल ले जाओ, यहां कोई व्यवस्था नही है. इसके बाद डॉक्टर ने बीमार महिला को देखकर कहा कि-इसकी तो मौत हो गई है. सूचना मिलते ही तमाम लोग पोरसा अस्पताल पहुंच गए. मृत महिला के शव अस्पताल गेट पर रखकर हंगामा कर करने लगे.

केंद्रीय मंत्री के इलाके के अस्प्ताल की हालत खराब
पोरसा कस्बे के महावीर जैन के मुताबिक केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का गांव पोरसा क्षेत्र में ही पड़ता है. इसके अलावा यहां बीजेपी से विधायक भी है. इसके बावजूद भी पोरसा अस्प्ताल की हालत बहुत खराब है. उन्होंने कहा कि पोरसा क्षेत्र की जनता का बड़ा दुर्भाग्य है कि केंद्रीय मंत्री के गृह जिले का पोरसा अस्पताल की दुर्दशा खराब है. अगर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर समय पर महिला को देख लेते और अस्पताल में सुविधाएं होतीं तो महिला अंगूरी की जान बच जाती.

48 घंटे में गिरने लगता है ऑक्सीजन लेवल, बेड की व्यवस्था हो जाती है मुश्किल

भीड़ ने किया हंगामा
महिला की मौत के बाद उसके परिजन के साथ पोरसा कस्बे के कुछ आरएसएस और विद्यार्थी परिषद के नेता भी एकत्रित हो गए. उन्होंने डॉ.जेएन मेवाफरोश और पोरसा अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर हंगामा काटा. हंगामा करने वालों का कहना था कि हॉस्पिटल की हालत बद से बदतर है. यहां न लोगों को एंबुलेंस मिलती है और न ही ऑक्सीजन. हंगामे की सूचना के बाद पोरसा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मृत महिला के परिजन को समझा-बुझाकर शांत किया. तब वह पीएम कराने के लिए माने. देर शाम विशंभर ने अपनी पत्नी अंगूरी का अंतिम संस्कार किया.

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